August 4, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
धरोहर

मंदिर श्री दाऊजी महाराजः वक्त के साथ कदम-ताल

by Som Sahu September 18, 2017  जानकारियां 388

  • मौजूदा प्रबंध समिति ने कार्य के पहले साल ही मंदिर के संरक्षण में उठाए बड़े कदम
  • ऐतिहासिकता और शिल्प सौंदर्य को बरकरार रखते हुए जीर्णोद्धार का पहला चरण
  • आय बढ़ाने की दिशा मे किए कारगर उपाय, बेहतर भविष्य की उम्मीद भी जगाई

शिवहरे वाणी नेटवर्क

आगरा।

आगरा में शिवहरे समाज की प्रमुख धरोहर मंदिर श्री दाऊजी महाराज अपने संरक्षण के नए दौर गुजर रहा है। दाऊजी मंदिर प्रबंध समिति की योजना अगर इसी तरह से आगे बढ़ती रही तो यकीनन मंदिर की ख्याति में चार चांद लगने तय है। श्री भगवान स्वरूप शिवहरे की अध्यक्षता वाली मौजूदा मंदिर प्रबंध समिति आगामी 2 अक्टूबर को अपने कार्यकाल का पहला वर्ष पूर्ण करने जा रही है। इस अवसर पर मंदिर प्रबंध समिति ने बैठक कर पहले वर्ष में किए कार्यों की समीक्षा की। पाया कि समिति ने जो शुरुआती लक्ष्य और कार्यक्रम तय किए थे, उनमें से ज्यादातर या तो पूर्ण हो गए हैं या पूर्ण होने की ओर है, और दीर्घकालिक कार्यक्रमों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

बैठक की जानकारी देते हुए मंदिर श्री दाऊजी महाराज प्रबंध समिति के सचिव श्री संजय शिवहरे ने बताया कि मंदिर निर्माण के 150 गौरवशाली वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। ऐसे में मंदिर के संरक्षण की गंभीर आवश्यकता महसूस की गई। साथ ही बदले वक्त की जरूरतों के अनुरूप मंदिर की सहूलियतों को और उपयोगी बनाना भी जरूरी हो गया है। बड़ी चुनौती यह है कि मंदिर के ऐतिहासिक स्वरूप और शिल्प सौंदर्य को बरकरार रखते हुए यह सब करना है। बीते वर्ष 2 अक्टूबर को मंदिर का प्रबंध हाथ में लेते हुए समिति के अध्यक्ष श्री भगवान स्वरूप शिवहरे ने इस चुनौती को स्वीकार कर कुछ कार्यक्रम तय किए थे, जो इस प्रकार हैः-

  1. मंदिर का जीर्णोद्धार 2. मंदिर की आय के स्रोत बढ़ाना 3. मंदिर की दैनिक व्यवस्थाओं को सुधारना 4. किरायेदारों की समस्याओं को समझना और उन्हें दूर करना 5. धर्मशाला में सुधार संबंधी दीर्घकालिक योजना

संपूर्ण प्रबंध समिति ने इन बिंदुओं पर हुई प्रगति की समीक्षा की और एकसुर से इऩ कार्यों को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में स्वीकार किया। यह भी माना कि नोटबंदी के चलते मंदिर के कार्य कुछ समय तक बाधित रहे, अन्यथा प्रगति और बेहतर हो सकती थी।

मंदिर का नया गेटः लकड़ी का बना मंदिर का मुख्य गेट वर्षों पुराना था। निसंदेह यह बेहतरीन पच्चीकारी का नमूना है लेकिन मौजूदा जरूरतों के हिसाब से काफी छोटा था। समिति ने इसके स्थान पर बड़ा गेट स्टील का लगावाया। पुराने गेट का प्रयोग मंदिर जीर्णोद्धार में ऐसे स्थान पर स्थापित किया जाएगा जहां उसके शिल्प का सौंदर्य और शोभायमान हो।

क्षतिग्रस्त पत्थरों को बदलनाः श्री दाऊजी मंदिर के मुख्य गेट पर पत्थरों का काम बेहतरीन शिल्प का नमूना है और दूरदराज से लोग इस कार्य को देखते आते रहे हैं। लेकिन अब डेढ़ सौ साल हो चुके हैं और पत्थरों की मियाद भी पूरी हो गई लगती है। कई जगह से पत्थऱ झड़ने लगे हैं। समिति ने इसके लिए क्षतिग्रस्त हिस्सों को चिह्नित कर उनके स्थान हूबहू शिल्प के साथ वैसे ही पत्थरों को लगाने का कार्य शुरू किया है। ये कार्य शिल्पकारों को दिया गया है जो अपनी कार्यशाला में इसे तैयार कर रहे हैं।

पत्थर के स्तंभों की क्ले थैरेपीः इसके अलावा मुख्य मंदिर में पत्थर के स्तंभ काफी गंदे हो चुके थे जिन्हें क्ले थैरेपी से साफ कराया गया है। अब ये स्तंभ साफ चमकदार दिखाई दे रहे हैं और मंदिर की शोभा को और बढ़ा रहे हैं।

स्टील रैलिंगः हनुमान मंदिर और शिव मंदिर पर स्टील की रैलिंग लगवाई गई हैं ताकि भक्तगण मूर्तियों को स्पर्श न कर सकें। इसी तरह मुख्य गेट से सड़क तक स्टील की रैलिंग लगाई गई है ताकि वहां लोग अपने वाहन खड़े न करें।

मुकुट निर्माणः मंदिर में कई छोटे-छोटे कीमती मुकुट रखे थे जिन्हे पहले कभी ठाकुरजी धारण करते थे। समिति ने इन मुकुटों को मिलाकर एक बड़ा मुकुट बनवाया जिसमें ठाकुरजी की आभा देखते ही बन रही है।

चांदी का हिंडोलाः मंदिर में इस बार ठाकुरजी को चांदी के नए हिंडोले में विराजमान कराया गया। पुराना हिंडोला संभवतः अष्टधातु का था और काफी पुराना हो चुका था। समिति ने इस बदलकर चांदी का नया हिंडोला लाने का निर्णय़ किया जो एक लाख 10 हजार की न्यौछावर देकर लिया गया ।

दुकान का पुनर्निर्माणः मंदिर के मुख्य गेट के बिल्कुल बगल में हलवाई की दुकान से जहां गेट के आसपास गंदगी रहती थी, वहीं वाहन खड़े होने से गेट से आवागमन बाधित रहता था। साथ ही भट्टी के धुएं से मुख्य द्वार के पत्थऱ भी गंदले हो रहे थे। समिति ने हलवाई की दुकान के स्वामी को विश्वास में लेकर दुकान का पुनर्निर्माण इस प्रकार कराया है कि वह मुख्य गेट से 3—4 फुट दूर हो गई है जिससे इन समस्याओं मे निश्चित रूप से कमी आएगी।

किराया बढ़ोतरीः साथ ही हलवाई की दुकान का किराया 3000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है जिससे मंदिर की आय में वृद्धि होगी। दुकान स्वामी जब 13.5 लाख रुपये मंदिर समिति को जमा करा देंगे तब से किराया पुन) 3000 रुपये हो जाएगा। फिलहाल दुकान निर्माणाधीन है और जल्द ही काम पूरा हो जाएगा। समिति इसी प्रकार अन्य किरायेदार दुकानदारों से भी किराया बढ़ाने पर विचार कर रही है।

मंदिर की साफ-सफाईः समिति ने मंदिर की साफ-सफाई और पूजा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया है। मंदिर की साफ-सफाई की जिम्मेदारी एक महिला को मासिक वेतन पर सौंपी गई है। वह सुबह और शाम आकर मंदिर परिसर का झाड़ू-पोंछा कर उसे साफ-सुथरा रखती है।

विद्युत व्यवस्थाः मंदिर में विद्युत व्यवस्था में सुधार किया गया है। मुख्य मंदिर परिसर मे नए पंखे भी लगवाए गए हैं।

धार्मिक कार्यक्रमों में वृद्धिः श्री दाऊजी मंदिर को उसकी पुरानी ख्याति पुनः प्राप्त कराने के लिए मंदिर में धार्मिक कार्यक्रमों में वृद्धि की गई है। मंदिर परिसर में पहली बार चैत्र नवमी को हवन पूजन कराया गया। इसके अलावा पहली बार गणेश चौथ पर गणेशजी प्रवास पर आए। जन्माष्टमी, छठी आदि कार्यक्रम परंपरागत भव्यता के साथ संपन्न हुए।

बैठक में श्री भगवान स्वरूप शिवहरे ने कहा कि दूसरे वर्ष के लिए हमें बड़े लक्ष्य निर्धारित करने होंगे। 2 अक्टूबर के बाद इन कार्यक्रमों को तय किया जाएगा। उन्होंने समिति के सभी पदाधिकारियों व सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सक्रिय सहयोग के बिना यह संभव नहीं था। साथ ही आगे के लक्ष्यों को प्राप्त करने  इसी ऊर्जा और लगन से सक्रिय रहने का अनुरोध किया।

 

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