by Som Sahu September 29, 2017 घटनाक्रम 171
- ग्वालियर का मामला, ओडी लिमिट खाते से रकम निकलने का सालभर पहले पता था
- तब से न तो पैसा मिला, न बैंक से कोई तसल्लीभरा जवाब, अब सीबीआई को जाएगा केस
शिवहरे वाणी नेटवर्क
ग्वालियर।
हम प्लास्टिक मनी, कैशलेस की बात करते हैं, जबकि बैंकिंग सिस्टम में ग्राहकों की सुरक्षा के इंतजाम ही अभी नाकाफी हैं। सरकार एक ओर हर भारतीय से बैंकिंग सिस्टम में आने की अपील कर रही है, दूसरी ओर बैंक ग्राहकों के खातों से रकम निकल जाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसा ही एक मामला है ग्वालियर के हरीप्रकाश शिवहरे का। उनके खाते से 60 लाख रुपये की भारी-भरकम रकम निकल गई और उन्हें भनक तक नहीं लगी। सालभर पहले उन्हें इसका पता चला, और तब से बैंक के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन न तो पैसा वापस मिला और न ही बैंक से कोई तसल्ली। अब वरिष्ठ बैंक अधिकारी कह रहे हैं कि मामला सीबीआई को सौंपा जाएगा।
ग्वालियर में डी-46 बसंत बिहार निवासी हरिप्रकाश शिवहरे पुत्र मांगीलाल शिवहरे का खाता सराफा बाजार स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में है। इस ओडी लिमिट खाते का नंबर है 326804050000116 है, जिसमें 6 अगस्त 2014 को तत्कालीन शाखा प्रबंधक ने सत्तर लाख की ओडी लिमिट की थी। तब से खाते का संचालन चल रहा था। 10 अगस्त 2016 को हरीप्रकाश शिवहरे को इस बात का पता चला कि उनके खाते लगभग 60 लाख रुपए निकाल लिए गए, जबकि उन्होंने कोई चैक जारी नहीं किया था न ही डैविट वाउचर।
तब से वह उक्त बैंक शाखा और सिटी सेंटर स्थित आंचलिक कार्यालय के लगातार चक्कर लगा रहे हैं लेकिन सालभर गुजर जाने के बाद उसके 60 लाख रुपयों का कोई अता पता नहीं चल पाया है। हारकर हरिप्रकाश शिवहरे बीती 26 अगस्त 2017 को जोनल मैनेजर भोपाल, रीजनल मैनेजर सिटी सेंटर और शाखा प्रबंधक सराफा बाजार को कानूनी नोटिस भिजवाया। इसे भी एक महीना बीत गया प्रबंधन इसकी कोई जानकारी नहीं दे रहा है। जिससे यह मामला पूरी तरह संदेहास्पद बना हुआ है। यूनियन बैंक के रीजनल मैनेजर सीएस पालीवाल के मुताबिक, हमने हरिप्रकाश को मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया है। अन्य मामलों सहित इस केस को सीबीआई के सुपुर्द किया जा रहा है।
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