by Som Sahu November 02, 2017 घटनाक्रम, फोटो गैलरी 878
भगवान सहस्त्रबाहु जयंती और कार्तिक माह की दोहरी परंपरा का निर्वाह
शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
‘‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’’: ‘‘हे ईश्वर! हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाओ।’’ घर-परिवार और समाज के लिए इसी कामना के साथ शिवहरे महिला समिति की सदस्यों ने यमुना के तट पर संध्याकाल में दीपदान किया। गोधूलि की वेला में जब कार्तिक का कमजोर सूर्य दिनभर की थकान लिए अस्त हो चुका था और अंधकार हर दिशा पर हावी हो रहा था, तब शिवहरे महिलाओं ने यमुना तट पर दीप प्रज्ज्वलित कर ईश्वर, ऊर्जा और प्रकाश से अपने संबंधों को और प्रगाढ़ कर लिया।
आगरा में बल्केश्वर स्थित महालक्ष्मी मंदिर से लगकर बहती यमुना नदी के तट पर दीपदान का यह अध्यात्मिक नजारा देखते ही बनता था। शिवहरे महिलाओं ने कार्तिक माह और भगवान सहस्त्रबाहु जयंती पर दीपदान की दोहरी परंपरा का निर्वाह किया। यमुना में प्रवाहित होते प्रदीपित दीपों की कतार दूर से ऐसे आभास दे रही थीं, मानों मानव कल्याण का मनोकामना लेकर असंख्य नौकाएं देवलोक के लिए प्रस्थान कर रही हों। समिति की अध्यक्ष श्रीमती आरती शिवहरे ने बताया कि सभी सदस्य महिलाओं ने 501 दीप यमुना में प्रवाहित किए।
कार्यक्रम में श्रीमती उर्मिला, मीना, सुमनलता, रेनू, छाया, शालिनी, प्रेता, सपना, अनीता, राधा, चमन, अनुराधा, रूबी, डॉली, रचना, अंजना, दीपा, सुचेता, नेहा, संध्या, शिल्पी, अंजली, निखिल, आशा आदि ने भाग लिया।
Leave feedback about this