February 23, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

अंततः आखिरी बाधा भी पार, अगले सप्ताह होगा अभिमन्यु का बोनमैरो ट्रांसप्लांट, पिता नीलेश होंगे डोनर

by Som Sahu December 09, 2017  घटनाक्रम 221

  • उज्जैन के विभिन्न सामाजिक संगठनों और शिवहरे वाणी की मदद से उपचार के लिए जुटाए गए दस लाख रुपये
  • ब्लड कैंसर जैसी बीमारी को हरा चुका है सात साल का अभिमन्युइंदौर के अपोलो हॉस्पिटल में होगा ट्रांसप्लांट

शिवहरे वाणी नेटवर्क
उज्जैन।
अंततः मुश्किल दूर हुई। सात साल के अभिमन्यु के बोनमैरो से उसके पिता श्री नीलेश जायसवाल के बोनमैरो का मिलान कन्फर्म हो गया है। कैंसर जैसी बीमारी को हराने वाले अभिमन्यु को अब अगले सप्ताह इंदौर के सीएचएल अपोलो हॉस्पिटल में बोनमैरो ट्रांसप्लांट की जटिल प्रक्रिया से गुजरना होगा। बता दें कि इस महंगी चिकित्सकीय प्रक्रिया के लिए उज्जैन के विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ ही शिवहरे वाणी ने भी अपने पाठकों से सहायता आह्वान किया था, जिस पर नीलेश जायसवाल को अब तक 10 लाख रुपये की सहायता राशि प्राप्त हो चुकी है।

बता दें कि उज्जैन में अंकपात मार्ग हरिनगर में रहने वाले नीलेश जायसवाल पेशे से केबल आपरेटर हैं। करीब साल भर पहले उनके इकलौते पुत्र अभिमन्यु को ब्लड कैंसर होने का पता चला था। नीलेश ने जैसे तैसे पैसे जुटा कर अभिमन्यु का उपचार कराया। लंबे उपचार के बाद अभिमन्यु को ब्लड कैंसर से तो पूरी तरह निजात मिल गई लेकिन उपचार के दुष्प्रभाव से उसकी बोनमैरो में खराबी आ गई थी। बोन मेरो वह सेल होते हैं, जो शरीर में खून बनाते हैं। यदि ये खराब हो जाएं तो शरीर में खून नहीं बनता। चिकित्सकों ने अभिमन्यु का बोनमैरो तत्काल बदले जाने की जरूरत बताई थी जिसमें दस लाख रुपये से अधिक का खर्च आता है। लेकिन, नीलेश के पास इतने पैसे नहीं थे, कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट का भारी-भरकम खर्च उठा पाता।

नीलेश के संकट का पता चलने पर उज्जैन के कई सामाजिक संगठन उसकी मदद को आगे आए। शिवहरे वाणी ने भी अपने पाठकों से सहायता का आह्वान किया थाजिस पर श्री राधे सेवा समिति आगरा ने 21 हजार रुपये, श्री राजीव राय झांसी ने 21 हजार रुपये और श्री अतुल शिवहरे (उपसंपादक, शिवहरे वाणी) आगरा ने 5 हजार रुपये की धनराशि नीलेश जायसवाल को भेजी। इनके अलावा भी शिवहरे वाणी के कई पाठकों ने अपनी तरफ से नीलेश से संपर्क कर उन्हें सहायता राशि प्रदान की। कुल मिलाकर अभिमन्यु के बोनमैरो ट्रांसप्लांट के लिए 10 लाख रुपये जुटा लिए गए।

पहले अभिमन्यु की बड़ी बहन का बोन मेरो लिया जाना था, लेकिन ठीक से मिलान नहीं होने पर ऑपरेशन अटक गया। बाद में नीलेश का बोन मेरो सैंपल सूरत की लैब भेजा। जहां रिपोर्ट ठीक आने पर अब चिकित्सक पिता का बोन मेरो बालक में ट्रांसप्लांट करेंगे। अगले सप्ताह इंदौर के सीएचएल अपोलो हॉस्पिटल में ऑपरेशन होगा। चार अनुभवी चिकित्कों की टीम ऑपरेशन करेगी।

 

ऑपरेशन की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। बोन मैरो डोनर यानी नीलेश जायसवाल को एक महीने और रिसीवर यानी अभिमन्यु को चार महीने तक चिकित्सकों की देखरेख में रहना होगा।

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