शिवहरे वाणी नेटवर्क
नागपुर
धावक अतुल कुमार चौकसे ने देश की सबसे कठिन ट्रेल रनिंग डेजर्ट रेस- रनिंग द रन्न- को पूरा करने में कामयाबी हासिल की है। 161 किलोमीटर की इस रेस में वह सातवें स्थान पर रहे। वहीं 51 किलोमीटर वर्ग में आशीष चौकसे ने कामयाबी हासिल की है। बता दें कि इस रेस को पूरा करना ही अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि माना जाता है।
तीन दिन चलने वाली इस स्पर्धा में दुनियाभर से सौ से अधिक साहसी और उत्साही धावकों ने भाग लिया। स्पर्धा तीन श्रेणियों में हुई-161 किमी, 101 किमी और 51 किमी। नागपुर के अतुल कुमार चौकसे ने सबसे मुश्किल 161 किमी वर्ग में भाग लिया और सातवें स्थान पर रहे। उन्होंने 33 घंटे, 53 मिनट और 46 सेकंड में लक्ष्य पूरा किया। वहीं 51 किमी वर्ग में भाग लेते हुए आशीष चौकसे ने 7 घंटे, 58 मिनट और 3 सेकंड में दौड़ पूरी की।
स्पर्धा का आयोजन करने वाली इंटरनेशनल ट्रेल रनिंग एसोसिएशन (आईटीआरए) कट-ऑफ टाइमिंग से पहले रेस पूरी करने वाले प्रतिभागी की यूटीएमबी क्वालीफायर प्वाइंट्स भी देती है। चौकसे ने कट-ऑफ टाइमिंग से पहले ही रेस पूरी कर 250 किलोमीटर की सहारा डेजर्ट रन के लिए क्वालीफाई कर लिया है जो हैदराबाद में अप्रैल माह में होगी।
खास बात यह है कि दौड़ के दौरान स्वयं को हाइड्रेटेड (शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा) बनाए रखने के लिए चौकसे अपनी पीठ पर 10.5 किलोग्राम वजन का बैग लेकर दौड़े थे, जिसमें भोजन और पेय पदार्थ थे। चौकसे बताते हैं कि ‘यह उनके जीवन की अब तक की सबसे कठिन दौड़ थी लेकिन चुनौतियों और अप्रत्याशाओं का यह सफर शानदार रहा। हर चेक प्वाइंट्स पर बीएसएफ के जवान तैनात थे जिन्होंने धावकों का बहुत सपोर्ट किया।‘
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