शिवहरे वाणी नेटवर्क
उज्जैन
कई बार मामूली सा लगने वाला काम बड़ा नाम कर जाता है। बेशक ये काम ऐसा होना चाहिए, जो समाज को सकारात्मक संदेश देता हो। उज्जैन के खाचरौद में अंकुश चौकसे अपनी शादी से एक दिन पहले रक्तदान करने पहुंचे, तो उन्हें जरा भी अहसास नहीं था कि इसके लिए वह चर्चाओं में आ जाएंगे।
राष्टीय एक पहल संस्था जिला उज्जैन के जिला प्रवक्ता अंकुश चौकसे बीती सोमवार को वैवाहिक बंधन में बंधे। इससे एक दिन पहले रविवार को हल्दी वगैरह की रस्में होने वाली थीं, इसी बीच अंकुश चौकसे घर से गायब हो गए। हल्दी की तैयारी कर रहे घरवालों को अंकुश नहीं मिला तो खोजबीन की गई, पता चला कि अंकुश रामद्वारा मंदिर में हैं, और व्हाट्सएप समूह हम हिंदुस्तानी के रक्तदान शिविर में ब्लड डोनेट कर रहे हैं।
शिविर के आयोजकों को भी अंकुश चौकसे की शादी की जानकारी थी, और शिविर में उन्हें देखकर हैरान रह गए। बहरहाल, आयोजकों ने चौकसे का खुले दिल से स्वागत किया और उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए रक्तदान कराया।
खास बात यह है कि मड़वदा निवासी अंकुश ने पहली बार रक्तदान किया। उन्होंने बताया कि जब शिविर की सूचना लगी तो वह भी रक्तदान करने पहली बार पहुंचे। हालांकि शादी के चलते घरवानों ने मना भी किया, आयोजक भी यही चाहते थे। लेकिन उन्होने सोचा किसी की तो मदद होगी, इसलिए रक्तदान किया और काफी अच्छा भी लगा।
वैसे अंकुश ने शादी से एक दिन पहले रक्तदान कर बहुत सकारात्मक संदेश समाज को दिया है। शादी पर वधु पक्ष कन्यादान करता है, तो वर रक्तदान क्यों नहीं कर सकता। ये दोनों ही दान महान हैं, महादान हैं।
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