सहारा डेजर्ट अल्ट्रा मैराथन में भाग लेंगे नागपुर के अतुल कुमार चौकसे, 55 डिग्री तापमान में पीठ पर 20 किलो का बैग लेकर सात दिन दौड़ेंगे
शिवहरे वाणी नेटवर्क
नागपुर/छिंदवाड़ा
अल्ट्रा मैराथन रनर अतुल कुमार चौकसे दुनिया की सबसे कठिन ‘सहारा डेजर्ट अल्ट्रा मैराथन’ में भाग लेने के लिए शनिवार (31 मार्च) को अफ्रीका के मोरक्को रवाना हो गए हैं। 8 अप्रैल से शुरू होकर 14 अप्रैल तक चलने वाली इस मैराथन में दुनियाभर से करीब 70 रनर भाग लेंगे और अतुल इसमें भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। 50-55 डिग्री सेल्सियस की तपिश में पीठ पर 15-20 किलो का बैक पैक लेकर रेगिस्तान में लगातार सात दिन दौड़ते हुए 250 किलोमीटर का सफर पार करना किसी के लिए भी आसान नहीं है, लेकिन अतुल कुमार चौकसे के लिए इस चुनौती को पार करना असंभव भी नहीं है।
अतुल इससे पहले 17,617 फीट ऊंचे खारदुंग ला दर्रे पर 72 किलोमीटर की दौ़ड़ और 42.1 किलोमीटर की लद्दाख फुल मैराथन भी पूरी कर चुके हैं। इसके अलावा कच्छ की खाड़ी में भी उन्होंने अल्ट्रा मैराथन में कामयाबी हासिल की थी। कलचुरी समाज ने अफ्रीका में होने वाली सहारा डेजर्ट मैराथन के लिए शुभकामनाएं दी हैं। चौकसे ने भी कलचुरी समाज के स्थानीय कलचुरी समाज (हैहय कलचुरी चेतना मंच), भारतीय कलचुरी जायसवाल समवर्गीय महासभा (साव गुट) के अध्यक्ष श्री लालचंद गुप्ता का विशेष आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने इस स्पर्धा में भाग लेने के लिए उनकी आर्थिक सहायता की है।
बता दें कि सहारा अल्ट्रा मैराथन में प्रतिभागियों को अपना व्यय स्वयं वहन करना होता है। इस स्पर्धा में प्रतिभाग के लिए 5,72 ,951 रुपये की जरूरत थी, जिसमें रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर 3100 यूरो यानी 2,38,951 रुपये भी शामिल हैं। इतने बड़े व्यय को अकेले वहन कर पाना अतुल कुमार चौकसे के लिए मुश्किल था, लेकिन कलचुरी समाज ने उनकी सहायता करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अतुल कुमार चौकसे ने शिवहरे वाणी को बताया कि बीते दिनों भारतीय कलचुरी जायसवाल समवर्गीय महासभा (साव गुट) के अध्यक्ष श्री लालचंद गुप्ता नागपुर में समाज के एक कार्यक्रम में भाग लेने आए थे, और इस दौरान इसकी जानकारी होने पर उन्होंने उनकी आर्थिक मदद की घोषणा की। इसी तरह हैहय कलचुरी चेतना मंच के अलावा दंदे फाउंडेशन , नागपुर रनर्स अकादमी व ऑरेंज सिटी रनर्स और खेल प्रेमियों ने भी उनकी सहायता करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। नागपुर में कलार समाज ने बीते रोज अतुल कुमार चौकसे और उनके माता-पिता के अभिनंदन में भोज का कार्यक्रम रखा था।
अतुल कुमार चौकसे छिंदवाड़ा के रहने वाले हैं। उनके पिता श्री नरेश चंद्र चौकसे छिंदवाड़ा में ही सिविल कांट्रेक्टर हैं। माताजी श्रीमती आशा चौकसे गृहणी हैं। अतुल कुमार चौकसे अपने छोटे भाई आशीष चौकसे के साथ मिलकर नागपुर में नर्मदा कंप्यूटर सेंटर संचालित करते हैं जहां बच्चों को कंप्यूटर सिखाया जाता है। नागपुर में अल्ट्रा मैराथन के कई प्रतिभागी हैं जिनसे प्रेरित होकर अतुल कुमार चौकसे ने भी इसमें भाग लेना शुरू कर दिया और आज इस मुकाम पर पहुंच गए हैं।
बेहद मुश्किल है सहारा मैराथन
सहारा डेजर्ट अल्ट्रा मैराथन को दुनिया की सबसे मुश्किल दौड़ माना जाता है। इसमें प्रतिभागी को कड़ी धूप में रेगिस्तान की तपती रेत पर सात दिन के अंदर 250 किलोमीटर का सफर तय करना होता है। उनके साथ 15-25 किलो वजन का एक बैगपैक होता है जिसमें सात दिनों का खाना , पानी , आपातकालीन परिस्थिती के सामान जैसे एंटी वेनम (सर्प निरोधक) , चाकू , लाइटर/ चगमग पत्थर, सर्वाइवल स्टोव , स्लीपिंग बेग , कंपास, मैप एवं दवाइयां होती हैं। इतने वजन को पीठ पर लादकर कई रेत के तुफानो का भी सामना करते हुए आगे बढ़ना होता है। यह रेस छह स्टेजेस में होगी और हर स्टेज के कई कट ऑफ पॉइंट होंगे और अतुल को रेस के दौरान हर स्टेज में दिनभर के लिए 10 .5 लीटर पानी मिलेगा। खास बात यह है कि प्रतिभागियों को मैप द्वारा रास्ता खुद ढूंढना है। जीपीएस, सेटेलाइट और कई हेलीकाप्टरों से उन पर नजर रखी जाएगी। आपातकालीन परिस्थिती के लिए एक हेलीकाप्टर एंबुलेंस भी तैयार रहेगी। इस क्षेत्र में तापमान का भारी परिवर्तन भी प्रतिभागियों के लिए परेशानी खड़ा करता है। दिन में तापमान जहां 50-55 डिग्री तक पहुंच जाता है, वहीं रात को तापमान 7 से 13 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है।
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