November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शख्सियत

एक male feminist जिसने खड़ा किया गुलाबी गैंग

सोम साहू
करीब दो महीने पहले एक रविवार की बात है। सुबह सोच ही रहा था कि आज सनडे में किसे डिस्टर्ब करूं, तभी मोबाइल पर नागराज शिवहरे की रिंग आ गई। नागराज ने बताया कि उनके एक रिश्तेदार फतेहपुर से आए हुए हैं और मैं आपकी मुलाकात उनसे करवाना चाहता हूं। मैं फ्री था, तो आधे घंटे के अंदर दयालबाग में नागराज के कमरे पर पहुंच गया। 
नागराज शिवहरे हमीरपुर के रहने वाला करीब 25 साल का बेहद सह्रदयी और सौम्य युवक है, जो एनसीआर नाम की एटीएम कंपनी में इंजीनियर है और इसी जॉब के सिलसिले में आगरा शिफ्ट हो गया है। शिवहरे वाणी के माध्यम से हमारा परिचय हुआ। खैर..। मै नागराज के कमरे में पहुंचा तो वहां चटाई पर एक सज्जन बैठे थे, उम्र 55 पार..बेहद विनम्र और शालीन दिखने वाले। नागराज ने बताया कि आप जयप्रकाश शिवहरे हैं औऱ बुंदेलखंड में आपका बड़ा नाम है। मैंने तपाक से सवाल किया, 'कहीं गुलाबी गैंग वाले तो नहीं?' मेरे इतना कहते ही जयप्रकाशजी चहकते हुए बोले-'हां! आप जानते हैं गुलाबी गैंग के बारे में?' 

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मैं उस वक्त जयप्रकाश जी की आंखों में एक सुखद आश्चर्य को देख पा रहा था। ये कहने की जरूरत ही नहीं थी कि गुलाबी गैंग को कौन नहीं जानता। गुलाबी गैंग’ यानी गुलाबी साड़ी पहने और हाथ में लाठी रखने वाली महिलाओं का गैंग, जो बुंदेलखंड में महिलाओं को अपने हिसाब से इंसाफ दिलाता है, उनके हकों की लड़ाई लड़ता है। दुनियाभर में चर्चित रहे गुलाबी गैंग पर बीबीसी समेत तमाम राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने विशेष स्टोरी कवर की हैं।  इस पर हिंदी फिल्म भी बनी। इसी ख्याति के बल पर इसकी पूर्व मुखिया संपत पाल बिगबॉस में आईं, और बाद में मानिकपुर से विधानसभा चुनाव भी लड़ीं। 
मैं मीडिया में होने के नाते इन तमाम खबरो को फालो कर रहा था। वर्ष 2014 में पहली बार जयप्रकाश शिवहरे का नाम मेरे सामने आया, जब खबरें शाया हुईं कि गुलाबी गैंग के संस्थापक एवं संयोजक जयप्रकाश शिवहरे ने संपत पाल को संगठन से निकाल दिया है। उन दिनों मैं शिवहरे वाणी त्रैमासिक पत्रिका भी निकालता था, लिहाजा मैगजीन के लिए जयप्रकाशजी से संपर्क करने का प्रयास किया मगर सफलता नहीं मिली। किस्मत में अब मिलना जो लिखा था। 
जयप्रकाशजी ने बताया कि गुलाबी गैंग को उन्होंने कितनी मेहनत से खड़ा किया, गांव-गांव जाकर बुंदेलखंड की हजारो महिलाओं को उनके हक की आवाज उठाने के लिए संगठन से जोड़ा।  मुद्दे तलाशे, उन पर संघर्ष किया। मुझसे मिलकर उन्हें तसल्ली इस बात की था कि बुंदेलखंड के बाहर कोई तो है जो उन्हें गुलाबी गैंग के संस्थापक के तौर पर जानता है। 
संपतपाल दरअसल जयप्रकाश शिवहरे की खोज थीं और वही उसके मेटर भी थे। जयप्रकाशजी ने बताया कि  लोकप्रियता बढ़ने के साथ संपत पाल की राजनीतिक महत्वाकांक्षाए भी जोर मारने लगी थीं, जिसकी वजह से संगठन की महिलाओं में संघर्ष की वो खसलत कम होती जा रही थी, जिसके लिए गुलाबी गैंग को ख्याति मिली। लिहाजा गुलाबी गैंग को महिलाओं के हक औऱ न्याय के लिए संघर्षशील बनए रखने के लिए उन्हें संपत पाल को हटाना पड़ा। उसके बाद से संपत पाल क्या कर रही हैं, यह तो किसी को पता नहीं, लेकिन गुलाबी गैंग अपना संघर्ष जारी रखे हुए है। हाल में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन के तहत घरों में शौचालयों के निर्माण की योजना तथा अन्य आवासीय एवं कल्याणकारी योजनाओं को बुंदेलखंड में ठीक तरीके से लागू कराने के लिए गुलाबी गैंग की महिलाओं का संघर्ष सुर्खियों में रहा।  
आज गुलाबी गैंग से करीब 50 हजार महिलाएं जुड़ी हैं और वे सभी जयप्रकाशीजी को 'बाबूजी' के नाम से संबोधित करती हैं। इनमें ज्यादातर महिलाएं गरीब और वंचित तबके की हैं। जयप्रकाशजी की इच्छा है कि इन महिलाओ को किसी उत्पादक कार्य से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से और समृद्ध किया जाए लेकिन इस योजना को लागू करने में उनके पास पर्याप्त आर्थिक क्षमता नहीं होना सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। जयप्रकाशजी को इस बात का जरा भी गुमान नहीं है कि उन्होंने नारी सशक्तीकरण के लिए एक ऐसा अनूठा संगठन बनाया जिसने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया, उन्हें लेशमात्र भी मलाल नहीं कि गुलाबी गैंग के संस्थापक के रूप में उन्हें इतना नाम या ख्याति नहीं मिली जितने के वे हकदार हैं।
जयप्रकाशजी ने कभी सौम्यता और शालीनता को अपने जुदा नहीं होने दिया, यही वजह है कि उनकी सरपरस्ती मे गुलाबी गैंग अब भी सक्रिय है और बुदेलखंड की हजारों महिलाएं बाबूजी की एक आवाज पर चल देती हैं। वही संगठन लंबी राह तय कर पाते हैं , जिसका नेतृत्व सौम्य, सह्रदयी, मिलनसार और शालीन होता है। एक घंटे की मुलाकात मे जयप्रकाशजी ने मुझे बेहद प्रभावित किया। यकीन नहीं होता कि ऐसे दौर में जबकि पैसे की चमक से अपना चेहरा और नाम चमकाने की होड़ लगी हुई है, मेरी मुलाकात एक ऐसे शख्स से हुई जिसने लो प्रोफाइल में रहते हुए बड़े-बड़े काम कर दिए, जो कभी चेहरा चमकाने की होड़ में शामिल नहीं हुआ। 
आगामी 8 जुलाई रविवार को आगरा में शिवहरे समाज एकता परिषद और शिवहरे वाणी के बैनर तले मेधावी छात्र-छात्रा एवं शिवहरे रत्न सम्मान समारोह का आयोजन हो रहा है। इस समारोह में जयप्रकाश शिवहरेजी को 'शिवहरे सेवा रत्न' से सम्मानित किया जाएगा। हमें फख्र है कि उन्हें सम्मानित करने का मौका मिल रहा है, यह बात अलग है कि वह इससे कहीं अधिक बड़े और प्रतिष्ठित सम्मान के हकदार हैं। 

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