November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शख्सियत

कुरीतियों के खिलाफ कलचुरी समाज को एकजुट कर रहा यह शख्स

शिवहरे वाणी नेटवर्क
बालाघाट।
सामाजिक चेतना ही किसी समाज की प्रगति का सबसे अहम पैमाना होता है। आर्थिक, सामाजिक या फिर राजनीतिक रूप से कोई समाज कितना ही आगे क्यों न दिखता हो, लेकिन यदि उस समाज से गैरजरूरी परंपराओं, अंधविश्वासों और गैर-बराबरी के खिलाफ मजबूत प्रयास नहीं हो रहे हैं, यदि उस समाज में महिलाओं का सम्मान नहीं मिल रहा है, तो उस समाज की प्रगति बेमायने ही माना जाएगी या यूं कहें कि उस समाज को प्रगतिशील नहीं माना जा सकता। बालाघाट यूं तो मध्य प्रदेश का एक छोटा सा शहर है, लेकिन इस शहर से अक्सर एक बुलंद आवाज उठती है, कभी किसी गैर जरूरी परंपरा के खिलाफ, कभी किसी अंधविश्वास के खिलाफ तो कभी गैर-बराबरी या लैंगिक-भेद के खिलाफ। और, वह आवाज है श्री सुनील शिवहरे की।
श्री सुनील शिवहरे ने अपने बनाए व्हाट्सएप ग्रुपों और फेसबुक ग्रुपों के माध्यम से कई अनुपयोगी परंपराओं के खिलाफ आवाज बुलंद की है। मृत्युभोज के खिलाफ उनके द्वारा की गई पहल आज एक सामाजिक आंदोलन का रूप ले चुकी है। रोज कई लोग इस मुहीम से जुड़ रहे हैं और अपने यहां मृत्युभोज नहीं होने देने की शपथ लेने के साथ ही समाज में इस संदेश को प्रसारित करने का काम कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस मुहीम में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं कहीं अधिक आगे हैं और इनमें ज्यादातर वे महिलाएं हैं जो सुनील शिवहरे के बनाए व्हाट्सएप ग्रुप 'कलार समाज की बेटियों' के माध्यम से सामाजिक क्षेत्र में आई हैं। इस अलावा श्री सुनील कुमार शिवहरे अपने नए व्हाट्सएप ग्रुप 'सामाजिक कुरीतियां मिटाओ' के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या और घरेलू हिंसा के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। अपने इस ग्रुप के माध्यम से वह नई पीढ़ी को सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। 

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श्री सुनील शिवहरे ने एक ताजा पहल कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ की है एक पेंटिंग कंप्टीशन के माध्यम से। इसके तहत उनके ग्रुप 'सामाजिक कुरीतियां मिटाओ' पर कन्या भ्रूण हत्या पर पेंटिंग्स मांगी गई हैं। कंप्टीशन दो वर्गों में विभाजित है, एक बालिग और दूसरे नाबालिग। बालिग बच्चों के लिए शीर्षक है- कन्या भ्रूण हत्या एक महापाप है। वहीं नाबालिग बच्चों के लिए शीर्षक दिया गया है-मेरी बहन सबसे अच्छी। अब तक कई प्रविष्टियां आ चुकी हैं, इसके लिए 31 जुलाई अंतिम तिथि रखी गई है। विजेता को महिला समिति भारतीय समवर्गीय जायसवाल महासभा बालाघाट द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।
श्री सुनील शिवहरे कलचुरी समाज के उन चंद शख्सों में हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया की ताकत को सबसे पहले समझा और समाज के हित में उसका सही इस्तेमाल किया। उन्होंने व्हाट्सएप पर पहला सामाजिक ग्रुप 'सहस्त्रबाहु सेवा समिति' बनाकर समाज को सोशल मीडिया से जोड़ने का कार्य किया। उन्होंने व्हाट्सएप पर प्रथम वैवाहिक ग्रुप क्रिएट कर आज तक हजारों रिश्ते जोड़े और आज इससे प्रेरणा पाकर  सैकड़ो वैवाहिक ग्रुप व्हाट्सएप और फेसबुक पर क्रिएट हो गये है जो समाज सेवा कर रहे है। सुनील शिवहरे द्वारा व्हाट्सएप और फेसबुक  पर क्रिएट ग्रुप 'कलचुरी  वैवाहिक गठबंधन' भारत और भारत के बाहर सबसे सफलतम वैवाहिक ग्रुप है।
वर्तमान में कलचुरी एकता के राष्ट्रीय प्रचार सचिव श्री सुनील शिवहरे 1982 से सामाजिक क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने शहर बालाघाट में सहस्त्रबाहु मंदिर  निर्माण, सहस्त्रबाहु चौक निर्माण, समाज हेतु भवन निर्माण के लिए महत्वपूर्ण योगदान किया है। आज स्थिति यह है कि समाज के हजारों लोग सोशल मीडिया के माध्यम से सुनील कुमार शिवहरे से जुड़े हैं और उनकी द्वारा चलाई जा रही समाज सुधार की मुहीमों को आगे बढ़ा रहे हैं।

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सामाजिक क्षेत्र में श्री सुनील शिवहरे की धर्मपत्नी श्रीमती मंजुषा शिवहरे भी पीछे नहीं हैं। वह कलार समाज की जिलाध्यक्ष रह चुकी हैं और वर्तमान मे जायसवाल महिला मंडल  बालाघाट की अध्यक्ष एवं  भारतीय संवर्गीय महासभा की प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष है । श्रीमती मंजुषा पति के साथ मिलकर बालाघाट की कलार समाज की महिलाओ के उत्थान में रत हैं।
 

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