शिवहरे वाणी नेटवर्क
भोपाल
यूं तो सियासत को समाज का आइना कहा जाता है लेकिन जब सियासत में समाज (जातीय) या समाज (जातीय) में सियासत का प्रवेश होता है तो कुछ शुरुआती मुश्किलें पैदा होती है। 70 वर्ष से अधिक पुरानी हो चुकी एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसा होना स्वाभाविक भी है। मध्य प्रदेश में 75 लाख से अधिक आबादी वाले एक ऐसे समाज में अपने राजनीतिक अधिकार को हासिल करने की छटपटाहट को सहज ही समझा जा सकता है जिसे अभी तक सियासत में तवज्जो ही नहीं दी गई हो। राजधानी भोपाल में आगामी 30 सितंबर को राजनीतिक कलार महासम्मेलन होने जा रहा है जिसमें कलचुरी समाज की राजनीतिक शक्ति प्राप्त करने और समाज को बिखराव से रोकने के लिए नवीनतम स्थिति पर चिंतन-मनन किया जाएगा। लेकिन, सियासत में समाज के पदार्पण से पहले ही समाज में सियासत की बू आने लगी हैं।
आयोजकों पर आरोप लग रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में समाज के लोगों का रुझान एक खास राजनीतिक दल की ओर मोड़ने के लिए ऐसा किया जा रहा है लेकिन ये आरोप इसलिए बेदम लगते हैं क्योंकि इस महासम्मेलन में दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया गया है। कलचुरी भवन में होने वाले इस महासम्मेलन में जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह शिरकत करेंगे, वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और पुद्दुचेरी के मुख्यंत्री वी नारायण सामी जैसे नेताओं को भी बुलाया गया है। श्री दिलीप सूर्यवंशी के निर्देशन में हो रहे इस महासम्मेलन के संयोजक श्री राजाराम शिवहरे और उनके साथी पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर लोगों को इस सम्मेलन में आमंत्रित कर रहे हैं, और हर जगह समाज के लोग उनका स्वागत कर रहे हैं।
शिवहरे वाणी से बातचीत में राजाराम शिवहरे ने बताया कि कुछ समय बाद मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और कोशिश है कि समाज के लोगों को विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से अधिक से अधिक टिकट मिलें। उन्होंने स्पष्ट किया कि न तो वह किसी राजनीतिक दल से जुड़े हैं और ना ही यह आयोजन किसी खास राजनीतिक दल के लिए है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कुछ लोग इस आयोजन को लेकर निगेटिव प्रचार कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है और राजनीति से प्रेरित है।
एक सवाल पर राजाराम शिवहरे ने कहा कि राजनीति पूरी तरह व्यक्तिगत पसंद का मामला है और किसी समाज से किसी खास राजनीतिक दल के लिए वोट करने को न तो कहा जा सकता है और ना ही ऐसी प्लानिंग हो सकती है। समय और परिस्थितियों से ये चीजें तय होती है। लेकिन इतना तय है कि समाज की यूनिटी जहां भी दिखाई देगी, वहां समाज को ही फायदा होगा।
इस मुहीम को कितनी सफलता मिलने की उम्मीद आपको है, इस सवाल पर राजाराम शिवहरे ने कहा कि मध्य प्रदेश कलचुरी समाज की वोट-पॉवर 10-12 सीटों विधानसभा और तीन संसदीय क्षेत्रों के परिणामों को प्रभावित करने की स्थिति में है। साथ ही यह भी कहा कि यदि महासम्मेलन के माध्यम से हम समाज के लोगों को बीते विधानसभा चुनाव के मुकाबले दो अधिक टिकट भी दिला पाए तो इसे सफलता ही माना जाना चाहिए। हालांकि सफलता दो बातों पर निर्भर करेगी, एक तो यह कि 30 सितंबर के महासम्मेलन में समाज अपनी शक्ति का प्रदर्शन कितना बेहतर कर पाता है, और दूसरे यह कि टिकट के लिए दावेदारी करने वाले कलचुरीबंधु अपने-अपने क्षेत्रों में अपनी परफार्मेंस और जनसमर्थन के बल पर अपनी दावेदारी को कितना मजबूती से रख पाते हैं। उन्होंने बताया कि समाज के लोगों की ओर से केवल कांग्रेस या भाजपा के लिए ही नहीं, बल्कि बसपा और जदयू से भी टिकट की दावेदारी की जा रही है।
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