यशस्वी जायसवाल की पारी से भारत बना अंडर-19 एशिया कप चैंपियन, यशस्वी बने मैन ऑफ द सीरीज
शिवहरे वाणी नेटवर्क
मुंबई/नई दिल्ली/गया।
प्रतिभाएं किसी की मोहताज नहीं होतीं। वे तो तमाम मुश्किलों में अपना रास्ता निकाल ही लेती हैं। क्रिकेट जगत में इन दिनों दो नवोदित बल्लेबाजों ने पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया है। एक हैं 18 वर्षीय पृथ्वी शॉ जिन्होंने बीते गुरुवार को राजकोट में वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम इंडिया की ओर से अपने पदार्पण टेस्ट मैच में ही शानदार शतक जड़ा और मैन ऑफ द मैच चुने गए। दूसरे हैं 17 वर्षीय यशस्वी जायसवाल जिनकी शानदार बल्लेबाजी की बदौलत जूनियर टीम इंडिया आज 7 अक्टूबर को ढाका में अंडर-19 एशिया कप चैंपियन बनीं और जिन्हें मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।
खास बात यह है कि दोनों युवा प्रतिभाओं के बीच कलचुरी कनेक्शन है यानी दोनों कलचुरी समाज से हैं, दोनों बेहद साधारण पृष्ठभूमि से हैं, दोनों ही खिलाड़ियों ने जिद ठान कर हालात से संघर्ष किया और यहां तक पहुंचे हैं। और सबसे अहम बात तो यह है कि ये दोनों युवा खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के फेवरेट हैं। कलचुरी समाज ने दोनों खिलाड़ियों को उपलब्धियों पर हर्ष व्यक्त करते हुई उम्मीद जताई है कि दोनों खिलाड़ी जल्द ही टीम इंडिया में एकसाथ खेलेंगे और देश, क्रिकेट और कलचुरी का नाम रोशन करेंगे।
पृथ्वी शॉ ने राजकोट में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट करियर के पहले ही मैच में शानदार 134 रन बनाए और टीम इंडिया की जीत का आधार बने। महज 99 गेंदों में शतक ठोंककर वह डेब्यू टेस्ट में सबसे कम उम्र में शतक बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं।
पृथ्वी मूल रूप से बिहार में गया के मानपुर के रहने वाले हैं। यहां उनके दादाजी पंकज साव आज भी कपड़े की दुकान चलाते हैं, वहीं पिता पंकज पृथ्वी के जन्म से भी काफी पहले कपड़े के काम के सिलसिले में मुंबई चले आए थे। पृथ्वी का भावनात्मक जीवन बेहद संघर्षपूर्ण रहा। महज 4 वर्ष में मां का देहांत हो गया, तो पिता पंकज को दोहरी भूमिका निभानी पड़ी। पृथ्वी की क्रिकेट के प्रति रुचि और प्रतिभा को देख पिता ने उसे डेवलप करने की ठानी। कुछ समय के लिए कारोबार बद कर बेटे को प्रेक्टिस कराने में जुट गए। पंकज गेंदबाजी कराते थे और पृथ्वी बल्लेबाजी करते थे। महज 11 साल की उम्र में पृथ्वी को एक कंपनी से सहयोग का ऑफर मिला तो उन्हें विरार क्रिकेट अकेडमी में भर्ती करा दिया गया।
महज 17 साल की उम्र में पृथ्वी रणजी खेले औऱ पहले ही मैच में मैन ऑफ द मैच बने। 2018 में पृथ्वी की कप्तानी में भारत ने अंडर-19 विश्व कप जीता। बीते आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स ने उन्हं 1.2 करोड़ में खरीदा था। अब गुजरे गुरुवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले ही टेस्ट मैच में पृथ्वी ने इतिहास रच दिया। पृथ्वी की इस उपलब्धि पर गया के मानपुर में पटवा टोली स्थित उनके दादाजी के घर पर मिठाइयां बांटी गईं, सड़कों पर जमकर आतिशबाजी की गई।
संघर्ष की ऐसी ही कहानी यूपी के भदोई के रहने वाले यशस्वी जायसवाल की है जिनके बारे में शिवहरे वाणी द्वारा पहले भी प्रकाशित किया जा चुका है। ताजा उपलब्धि यह है कि आज रविवार को ढाका में अंडर-19 एशिया कप का फाइनल भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया। भारत ने सलामी बल्लेबाज यशस्वी के शानदार 85 रन की बदौलत 304 रन की बड़ी चुनौती रखी, जवाब में श्रीलंका 160 रन पर ढेर हो गई। पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के लिए यशस्वी जायसवाल को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया।
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