शिवहरे वाणी नेटवर्क
गुरुग्राम।
आइस स्केटिंग यूं तो दुनिया के ठंडे देशों में खेले जाने वाले सबसे पुराने खेलों में एक है और अब ओलंपिक स्पर्धाओं में भी शामिल है, लेकिन भारत में इसे आज भी शौकिया तौर पर ही लिया जाता है। अच्छी बात यह है कि हमारे देश में इस खेल की प्रतिभाएं भी सामने आ रही हैं, और यदि उन पर मेहनत की जाए, उपयुक्त प्रशिक्षण दिया जाए तो आश्चर्य नहीं कि वे बड़ी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में मैडल जीतकर देश का गौरव बढ़ाएं। ऐसी ही एक उम्मीद का नाम है गौरी राय । महज 10 साल की गौरी कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में शानदार प्रदर्शन कर मैडल जीत चुकी है। उसकी प्रतिभा का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि स्कैट्स व खेलों का सामान बनाने वाली कंपनी ओक्जेलो ने उसे अपना ब्रांड अंबेसडर तक बना दिया है।
श्री प्रबोध कुमार राय और श्रीमती रश्मि चौकसे राय की पुत्री गौरी राय गुरुग्राम के मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा 4 की छात्रा है। गौरी राय फिगर स्कैटिग की खिलाड़ी है जो दरअसल आइस स्कैटिंग यानी बर्फ पर स्केटिंग की ही एक स्पर्धा है जिसमें खिलाड़ी अपने एथलेटिक टेलेंट और टैक्नीक का इस्तेमाल करते हुए किसी रिदम के साथ परफार्म करते हैं। कभी एक टांग पर घूमना, तो कभी कुशल जिम्नास्ट की तरह हवा में कुलाचें भरना..कलाबाजियां करते हुए एक कोने से दूसरे कोने तक दौड़ना…इस तरह के और भी करतब जो दर्शकों को रोमांचित कर देते हैं ।
गौरी राय ने बीते वर्ष थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में हुए एशियन फिगर स्कैटिंग चैंपियनशिप में हिस्सेदारी करते हुए शानदार प्रदर्शन किया । इससे पहले हरियाणा ओलंपिक डे चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल हासिल किया। वह गुरुग्राम और दिल्ली-एनसीआर में विंटर ओलंपिक गेम्स, दिल्ली में नेशनल फिगर स्कैटिंग चैंपियनशिप, हरियाणी स्टेट फिगर स्कैटिंग चैंपियनशिप, हरियाणा स्पीड आइस स्कैटिंग चैंपियनशिप में भाग ले चुकी है जिनमें उसने दो सिल्वर और दो ब्रांज मैडल हासिल कर चुकी है।
गौरी राय के पिता श्री प्रबोध कुमार राय सीए (चार्टर्ड एकाउंटेंट) हैं और गुरुग्राम स्थित फर्म एनएसएफ इंटरनेशनल में डायरेक्टर फाइनेंस हैं। मां श्रीमती रश्मि चौकसे मूलतः से जबलपुर की हैं और माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं। वह रोहतक विश्वविद्यालय से संबद्ध एक कालेज मे प्रवक्ता रहीं, लेकिन बेटी की देखभाल के लिए अपनी जॉब छोड़ दी। हालांकि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ ही एबीवीपी और भाजपा के लिए अब भी काम करती रहती हैं। गुरुग्राम और फरीदाबाद मे वह रेडक्रास व आकृति जैसी संस्थाओं से जुड़कर समाजसेवा भी करती रही हैं।
गौरी राय पढ़ाई मे भी अव्वल रहती है और हाल ही मे एसओएफ इंटरनेशनल इंग्लिशओलंपियाड में जोनल स्तर पर उसने गोल्ड मैडल प्राप्त किया। गौरी राय का सपना है कि वह फिगर स्कैटिंग में ओलंपिक जैसी स्पर्धाओं में देश का प्रतिनिधित्व करे और वहां मैडल जीतकर शान से तिरंगा उठाए। लेकिन अपने देश और अपने समाज का नाम रौशन करने का जज्बा रखने वाली इस नन्ही बच्ची को अपनी मंजिल मिलेगी?
गौरी को अपना सपना साकार करने में मम्मी और पापा का पूरा साथ मिल रहा है। उसकी पढ़ाई और स्कैटिंग प्रेक्टिस का ध्यान रखना माता-पिता की दैनिक चर्या में शामिल हैं। श्रीमती रश्मि चौकसे राय कहती है कि आइस स्कैटिंग ट्रेनिंग और प्रैक्टिस की सुविधाएं हमारे देश में अब भी बहुत कम हैं। हिमाचल में ओली जैसी जगहों पर सुविधाएं तैयार की जा रही हैं लेकिन वहां खिलाड़ियों को डेवलप करने के बजाय पर्यटन को बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। साधारण परिवार के लिए अपने बच्चों को आइस स्कैटिंग की ट्रेनिंग या प्रैक्टिस कराना बहुत महंगा मामला है।
समाचार
गौरतलब गौरी…बर्फ की फिसलन में है उसकी मंजिल का शिखर
- by admin
- October 29, 2016
- 0 Comments
- Less than a minute
- 8 years ago


Leave feedback about this