शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
हमारे जीवन को सरल, आसान और सुविधाजनक बनाना ही तकनीकी का लक्ष्य होता है। हमारे पास अब मोबाइल और स्मार्टफोन्स के रूप में ऐसा सशक्त माध्यम है जिससे हम सूचनाओं का ही नहीं, बल्कि भावनाओं का भी आदान-प्रदान कर सकते हैं। ऐसे में तौर-तरीके बदल रहे हैं, कुछ तो बदल गए हैं और कुछ को बदलना है। एक ऐसे ही बदलाव की शुभ शुरुआत आगरा के शिवहरे समाज में भी हो चुकी है।
जी हां, बीते दिनों आगरा मे एक शिवहरे परिवार ने अपनी बेटी के विवाह समारोह के निमंत्रण-पत्र यानी कार्ड छपवाए ही नहीं। बल्कि, अपने परिचितों और रिश्तेदारों को उनके मोबाइल पर ई-कार्ड्स भेजे। इससे भी अच्छी बात यह रही कि समाज ने यानी उनके रिश्तेदारों और स्वजातीय मित्रों ने ई-कार्ड्स को मान्यता देते हुए विवाह समारोह में उत्साहजनक उपस्थिति दर्ज कराई और एक फिर आगरा के शिवहरे समाज की श्रेष्ठता को साबित किया।
हम बात कर रहे हैं नाई की मंडी में श्री राजेंद्र गुप्ता (शिवहरे) की पुत्री सुश्री अनीता गुप्ता के विवाह की जो आगरा के मधुनगर निवासी राहुल गुप्ता के साथ बीती 8 फरवरी को होटल इम्पीरियल ग्रांड में हुआ। शादी में निमंत्रण-पत्र न छपवाने की निर्णय श्री राजेंद्र गुप्ता के बड़े पुत्र श्री नवनीत गुप्ता (कांट्रेक्टर) ने लिया। आज के दौर में जब संपन्न परिवारों के बीच एक से बढ़कर एक सुंदर और महंगे कार्ड छपवाने की होड़ लगी है और लोग इसे स्टेटस से जोड़कर देख रहे हैं, परिवार के लिए नवनीत का निर्णय आसानी से गले नहीं उतरने वाला था।
लेकिन, नवनीत गुप्ता अपने निर्णय से हटे नहीं। उन्होंने एक ई-कार्ड बनवाया और अपने सभी रिश्तेदारों, पारिवारिक, सामाजिक और व्यावसायिक मित्रों के मोबाइल नंबरों पर उसे व्हाट्सएप कर दिया। एक पर्सनल मैसेज भी कार्ड के साथ सेंड किया। इसके बाद उन्हें फोन करके पर्सनली निमंत्रित किया। सभी ने उनके ई-कार्ड्स को व्यक्तिगत बुलावे की मान्यता दी, और अनीता-राहुल के विवाह समारोह में शिरकत की।
ऐसी साहसिक और उपयोगी पहल के लिए मेजबान पक्ष बेशक बधाई का पात्र है, लेकिन उससे भी अधिक के बधाई के पात्र हैं स्वजातीय बंधु जिन्होंने इसे मान्यता देकर अपनी आधुनिक सोच का परिचय दिया है। नवनीत गुप्ता का कहना है कि विवाह समारोह में 90 प्रतिशत से अधिक आमंत्रितों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति देकर उन्हे कृतार्थ किया। ई-कार्ड्स से हमारे समय और ऊर्जा की बचत हुई है।
अब तक ई-कार्ड का उपयोग दूरदराज के शहर में रहने वाले मित्रों के लिए ही किया जाता था। आगरा के शिवहरे समाज में पूरी तरह ई-कार्ड से ही निमंत्रण दिए जाने का संभवतः यह पहला मामला है। वरना होता यह है कि शादी वाले परिवार के सदस्य निमंत्रण पत्र लेकर सुबह ही निकल पड़ते हैं, ट्रैफिक जाम में फंसते-फंसाते हांफते हुए परिचितों के घर तलाशते हैं, उन्हें आमंत्रित करते हैं। सभी मित्रों तक कार्ड पहुंचाने में कई दिन लग जाते हैं और कई बार तो यह सिलसिला शादी वाले दिन तक जारी रहता है।
ई-कार्ड्स से समय और ऊर्जा की तो बचत होती ही है, ऐसा करके हम पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान करते हैं। हम कागज बचाते हैं जो पेड़ो की लुग्दी से बनते हैं। इन कार्डों पर ऐसे घातक कैमिकल वाले कलर का इस्तेमाल होता है, जो अंततः पानी और मिट्टी को दूषित करते हैं। आजकल कार्डों के लिफाफे पर प्लास्टिक या पन्नियों का इस्तेमाल किया जाने लगा है जो पर्यावरण के लिए घातक है। ई-कार्ड से हम इन चीजों से बचे रहते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम कार्डों पर देवी-देवताओ के चित्र छपवाते हैं, और बाद में महंगे से महंगे कार्ड कूड़ेदानों ने नजर आते हैं। ई-कार्ड्स हमे अपने देवी-देवताओं के अपमान के पाप से भी बचाते हैं।
तो आइये हम सब इस क्रांतिकारी और कल्याणकारी पहल में शामिल हों। ई-कार्ड के साथ यह मैसेज जोड़ सकते हैं कि समाज सुधार कार्यक्रम के तहत यह निमंत्रण मैं व्हाट्सएप्प पर ई-कार्ड के माध्यम से भेज रहा हूं। कृपया इसे मेरे व्यक्तिगत निमंत्रण के रूप में स्वीकार करें।
हालांकि ई-कार्ड के लिए कुछ तैयारियां करनी होंगी। मसलन आपके पास सभी परिचितों के व्हाट्सएप नंबर होने चाहिए। किसी के पास व्हाट्सएप नहीं है तो एमएमएस या एसएमएस से मैसेज कर सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि ई-कार्ड व्यक्तिगत नंबर पर ही भेजें। भूलकर भी किसी व्हाट्सएप ग्रुप में चला गया तो…समझ लीजिये… व्यवस्था बिगड़ सकती है।
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