शिवहरेवाणी नेटवर्क
प्रयागराज।
आज शिवरात्रि पर अंतिम स्नान के साथ प्रयागराज कुंभ मेले का समापन हो गया। 15 जनवरी से शुरू हुए इस कुंभ मे करोड़ों लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। संख्याओं के कई रिकार्ड बने। इन 47 दिनों के दौरान पवित्र त्रिवेणी संगम के इतर एक और संगम भी जुटता रहा, यह था कलचुरी समाजबंधुओं का संगम। कुंभ स्नान की अभिलाषा से देशभर से आए कलचुरी समाज के लोगों का प्रयागराज के जायसवाल युवाओं ने ‘अतिथि देवो भव:’ सरीखा स्वागत-सत्कार किया, निःशुल्क आवासीय सुविधा और अन्य सहूलियतें निःशुल्क प्रदान कीं। मुट्ठीगंज की जायसवाल धर्मशाला कलचुरी समाज का ऐसा संगम बन गई, जहां विभिन्न भाषा, संस्कृति और वर्ग वाले कलचुरी बंधुओं ने एक-दूसरे को जाना, आपस में जुड़े।
कुंभ या किसी भी धार्मिक अथवा सामाजिक आयोजन में किसी एक सामाजिक संगठन की ओर से यह संभवतः एकमात्र, सबसे दीर्घावधि की सेवा रही है। किसी भी समाज में स्वजातीय सेवा का इस तरह का उदाहरण सामने नहीं आया है, कम से कम इस कुंभ में तो ऐसा नहीं देखा गया। प्रयागराज जाययवाल समाज के युवाओं ने कुंभ के दौरान 5000 से अधिक कलचुरी बंधुओं के रात्रि विश्राम का इंतजाम किया। इससे कहीं बहुत अधिक संख्या में कलचुरी बंधुओं ने यहां दिन में ठहराव किया। यहां फ्रेश होने और जलपान की सुविधा की प्राप्त की। प्रयागराज जायसवाल समाज के युवाओं ने इन सेवाओं पर करीब 3 लाख रुपये व्यय किये, जो उन्होंने पूरी तरह अपने संसाधन से वहन किए।
दरअसल प्रयागराज में कुंभ के इन 49 दिनों में करीब 12 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई है। कुंभ शुरू होने से पहले ही प्रयागराज में होटलों, धर्मशालाओं और अन्य प्रकार की आवासीय सुविधाओं के दाम बेतरतीब तरीके से बढ़ा दिए थे, जिन्हें वहन करना आम आदमी के बूते की बात नहीं थी। ऐसे में प्रयागराज जायसवाल समाज के युवाओं ने आगे बढ़कर कलचुरी समाजबंधुओं को यह सुविधा प्रदान करने का संकल्प लिया।
एक टीम तैयार हुई जिसमें जायसवाल समाज प्रयागराज के अध्यक्ष एवं युवा नेता रविंद्र जायसवाल, आनंद जायसवाल (कोयला कारोबारी), अभिषेक जयसवाल (मारुति ट्रांसपोर्ट कंपनी ), कमलेंद्र जायसवाल (गल्ला व्यवसायी), वीरेंद्र जायसवाल (गद्दा कारोबारी), संजय जायसवाल (आबकारी कांट्रेक्टर), धर्मेंद्र जायसवाल (फेब्रिकेशन वर्क) के अलावा वरिष्ठ समाजसेवी बृजेशचंद्र जायसवाल ने विभिन्न जिम्मेदारियों को आपस में बांटा।
प्रयागराज के मुट्ठीगंज इलाके में सालिग्राम जायसवाल नगर स्थित जायसवाल धर्मशाला में निःशुल्क आवासीय सुविधा की व्यवस्था की गई जिसे 10 जनवरी से ही यह सुविधा शुरू कर दी गई। पहले दिन से समाज को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया। स्थिति यह हुई कि पहले सप्ताह में ही धर्मशाला की जगह कम पड़ने लगी, ऐसे में तत्काल आसपास के जायसवाल बंधुओं के 5-6 मकान भी तैयार कर लिया गया है। बाद में कीडगंज में आनंद जायसवाल के दो मकानों को भी समाज के लिए खोल दिया गया। इन 49 दिनों में कई बार भंडारे एवं भोज का आयोजन भी किया गया।
अभिषेक जायसवाल ने शिवहरेवाणी को बताया कि पहले यह सुविधा 28 फरवरी तक चलाने का शेड्यूल था लेकिन समाजबंधुओं के निरंतर आगमन को देखते हुए इसे 4 मार्च तक विस्तारित किया गया। आज अंतिम दिन शिवरात्रि को भी सैकड़ों समाजबंधुओं ने हमें उनकी सेवा का अवसर प्रदान किया। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में समाज के विशिष्टजनों ने भी यहां विश्राम कर हम आयोजकों को प्रेरित किया, और सबसे ज्यादा प्रेरित किया है आभार के उन शब्दों ने, जो हजारों समाजबंधुओं से हमें मिले हैं। सेवा का मौका देने के लिए जायसवाल समाज प्रयागराज उनका आभारी रहेगा। उम्मीद है कि सेवा की यह पहल भविष्य में एक परंपरा का रूप लेगी, जिस पर संपूर्ण कलचुरी समाज गर्व कर सकेगा।
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