February 24, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

आज की दुर्गा…दिव्यांगजनों का जीवन संवारती हैं रश्मि चौकसे राय

शिवहरे वाणी नेटवर्क
गुड़गांव। 
चैत्र नवरात्र शुरू हो चुके है, घर-घर में देवी की स्थापना की गई है। नवरात्र के इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि मां दुर्गा के ये नौ रूप हर स्त्री के पूरे जीवनचक्र में समाहित रहते हैं। स्त्री में दया और करुणा है, तो अन्याय के खिलाफ क्रोध भी, वह उपकार भी करती है और प्रतिकार भी। हर वह महिला जो विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए स्वयं के, अपने परिवार के और समाज के उत्थान के लिए संघर्ष कर रही है. वह आज की दुर्गा है। 
शिवहरे वाणी हर बार  की तरह इस बार भी चैत्र नवरात्र के नौ दिनों में आपकी मुलाकात कलचुरी समाज की नौ ऐसी मातृशक्तियों से कराएगी जिन्होंने लीक से हटकर अपने दम पर संघर्ष करते हुए अपना मुकाम बनाया, प्रतिष्ठा अर्जित की, परिवार और समाज की ताकत बनीं। 
आज हम आपकी मुलाकात करवा रहे हैं श्रीमती रश्मि चौकसे राय से। साइंटिस्ट, वुमन एक्टीविस्ट, सोशल वर्कर, ह्यूमनिस्ट  । वह कई सामाजिक-शैक्षणिक संस्थाओं और संगठनों के साथ जुड़कर काम कर रही हैं। भारतीय कलचुरी जायसवाल समवर्गीय महासभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के साथ ही दिल्ली-एनसीआर की प्रभारी मंत्री भी हैं। और, अब शिवहरेवाणी ने उन्हें अपने महिला संबंधी मामलों की सलाहकार संपादक के रूप में जोड़ा हैं। 
मूल रूप से जबलपुर की रहने वाली श्रीमती रश्मि चौकसे राय ने विभिन्न संस्थाओं की सहायता से दिव्यांगजनों को उपकरण उपलब्ध कराकर उनके जीवन को संवारने का कार्य किया है। गुड़गांव (गुरुग्राम) में  रेडक्रॉस ( भारत) और  वेल्फ़ेर सेंटर फ़ोर पर्सन विद स्पीच एंड हीरिंग इमपैरमेंट जैसी संस्थाओं से जुड़कर वह दिव्यांगजनों के लिए कार्य कर रही हैं। श्रीमती राय द्वारा  हाल ही में बांदा के किशोर नाम के युवक को की गई सहायता की मीडिया में खासी चर्चा  रही।

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गुरुग्राम में सेक्टर-40 स्थित शिवमंदिर में उनकी मुलाकात किशोर से हुई थी। किशोर एक कारखाने में काम करता था लेकिन एक एक्सीडेंट में अपना पैर गंवा बैठा और भीख मांगने को मजबूर हो गया। श्रीमती राय ने राइट्स संस्था के शिविर में किशोर को बैट्री चलित ट्राई-मोटरसाइकिल दिलवाई और अब किशोर बाकायदा कामधंधा कर अपना जीवन चलाने में सक्षम है। किशोर जैसे ऐसे दो-चार नहीं, बल्कि कई  दिव्यांगजन हैं, जिनके जीवन में उम्मीद की रोशनी बिखेरी है श्रीमती चौकसे ने। 
रश्मि चौकसे  राय माइक्रो बायोलॉजिस्ट हैं। उन्होंने जबलपुर के हवाबाग महाविद्यालय में प्रवक्ता के रूप में कार्य किया, और वहां सूक्ष्म जीवविज्ञान विभाग की  अध्यक्ष भी रहीं। आप छात्रजीवन से ही बहुमुखी प्रतिभा की धनी रहीं। बैडमिंटन में स्टेट लेवल स्पर्धाओं में भाग लिया। आरएसएस की विचारधारा से प्रभावित होकर भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) में सक्रिय रहीं, और आज भी इन दोनों संगठनों से जुड़ी हुई हैं। 
प्रबोध कुमार राय के साथ विवाह के उपरांत वह गुड़गांव (अब गुरुग्राम) आ गईं। श्री प्रबोध कुमार राय सीए (चार्टर्ड एकाउंटेंट) हैं और गुरुग्राम स्थित फर्म एनएसएफ इंटरनेशनल में डायरेक्टर फाइनेंस हैं। गु़ड़गांव में वह रोहतक विश्वविद्यालय से संबद्ध एक कालेज मे प्रवक्ता रहीं। बेटी गौरी के जन्म के बाद उसकी परवरिश की जिम्मेदारी के चलते जॉब छोड़ दी। यहां खाली समय में एक एनजीओ के माध्यम से वंचित वर्ग के बच्चों को विद्यादान किया। आप नेशनल साइंस कांग्रेस, कोलकाता और सोसाइटी ऑफ माइक्रोलॉजी जबलपुर विश्वविद्यालय से भी जुड़ी हैं। 
रश्मि चौकसे आरएसएस की राष्ट्रीय सेविका समिति के माध्यम से महिला मुद्दों पर कार्य कर रही हैं। गुरुग्राम और फरीदाबाद उनका कार्य क्षेत्र है। वह तालाब औऱ नदियों के संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रही हैं, साथ ही समय-समय पर पौधारोपण कार्यक्रमों का आय़ोजन भी करती रहती  हैं।  
इतने पर भी श्रीमती चौकसे बहुत केयरिंग पत्नी और मां की भूमिका भी बखूबी निभा रही हैं। बेटी गौरी आइस स्कैटिंग की हरियाणा चैंपियन है और ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सपना रखती है, जिसे साकार करने में श्रीमती चौकसे कोई कसर नहीं छोड़ रहीं। वह हरियाणा में आइस स्कैटिंग ट्रेनिंग की सुविधाए विकसित करने को लेकर खेल अधिकारियों से लेकर हरियाणा सरकार तक अपनी बात मजबूती से रख चुकी हैं। 
 

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