शिवहरेवाणी नेटवर्क
सुपौल।
श्री चंद्रकिशोर चौधरी अपने बेटे की कामयाबी पर फूले नहीं समा रहे हैं। बिल्डिंग मेटेरियल की दुकान चलाने वाले श्री चौधरी ने कड़ी मेहनत करते हुए अपने बेटे सावन कुमार की बेहतर पढ़ाई-लिखाई का इंतजाम किया, तमाम आर्थिक तंगी के बाद भी सावन की पढ़ाई लिखाई में कोई बाधा नहीं आने दी, और आज उसी होनहार बेटे ने यूपीएससी परीक्षा में 89वां स्थान हासिल कर अपनी कामयाबी का शानदार तोहफा उन्हें दिया है।
आईआईटी मुंबई से एयरोस्पेस में बीटेक और एमटेक कर चुके सावन कुमार ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक मैनेजमेंट कंपनी के साथ मिलकर काम किया था। चुनावी मैनेजमेंट का काम करने के दौरान ही सिविल सेवा में जाने का विचार उनके मन में आया और अपने इस सपने को पूरा करने में जुट गए। बीते वर्ष उन्होंने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा अटैंप्ट की और मैन्स परीक्षा पास कर इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन कुछ ही अंकों से उनका चयन होने से रह गया। दूसरे प्रयास में सावन ने 89वां स्थान प्राप्त कर अपने सपने को पूरा कर लिया। सावन का कहना है कि उसने देश की सेवा करने के इरादे से सिविल सेवा की तैयारी शुरू की थी और आज उसका सपना पूरा हो गया है। वह आईएएस अफसर बनकर पूरी ईमानदारी से देश और समाज के उत्थान के लिए काम करेंगे।
सावन बचपन से ही पढ़ाई में होनहार रहे, और उनकी मेधा को देखते हुए पिता ने उनका दाखिला रांची के कैंब्रिज स्कूल में करा दिया। वहां कक्षा दो से ही सावन ने हास्टल में रहकर पढ़ाई की। वहीं से मैट्रिक किया। फिर समस्तीपुर के होली मिशऩ सीनियर सेकेंडरी स्कूल से इंटरमीडियेट करने के बाद उन्होंने आईआईटी की परीक्षा दी, जहां उनका दाखिला आईआईटी मुंबई में हो गया। एय़रोस्पेस से बीटेक और एमटेक करने के बाद सावन कुमार के पास जॉब के कई शानदार ऑफर थे। वह चाहते तो इस फील्ड में रहते हुए भी आसमानी ऊंचाइयां छू सकते थे।
फिलहाल सावन कुमार की सफलता से पूरे परिवार में खुशियों का माहौल है। सुपौल जिले के थाना किशनपुर के तहत आने वाले गांव अंदौली में रहने वाले इस कलचुरी परिवार के यहां बधाई देने वालों का सिलसिला लगा हुआ है। पिता श्री चंद्रकिशोर चौधरी, मां श्रीमती रामशीला देवी, दादा श्री बल्देव चौधरी, बहन श्रीमती रूबी कुमारी और चाचा श्री नंदकिशोर चौधरी सभी की आवभगत करते हुए आभार जता रहे हैं। अंदौली बाजार में बिल्डिंग मेटेरियल की साधारण दुकान चलाने वाले चंद्रकिशोर चौधरी ने अपने एकमात्र बेटे का नाम सावन शायद इसलिए रखा था कि कहीं न कहीं उन्हें उम्मीद थी, कि वह बड़ा होकर वह पूरे परिवार पर खुशियों की बारिश कर देगा। और, सावन उनकी इस उम्मीद पर खरा उतरा।
समाचार
आईएएस बना सावन…एक साधारण कलचुरी परिवार पर खुशियों की बारिश
- by admin
- October 29, 2016
- 0 Comments
- Less than a minute
- 8 years ago
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