November 22, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

हम भी गांधी…गांवों में बापू का सपना साकार कर रहे कमलेश राय

शिवहरे वाणी नेटवर्क
झांसी। 
आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है। देशभर में कार्यक्रम हो रहे हैं, बापू को श्रद्धांजलि दी जा रही है, नए संकल्प लिए जा रहे हैं, अभियान छेड़े जा रहे हैं। इन सबके बीच बापू के विचारों और सिद्धांतों की आज के दौर में प्रासंगिकता और व्यवहारिकता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ, बापू के ऐसे अनुयायी भी हैं जो किसी भी लाइमलाइट से दूर रहकर बड़े मनोयोग से राष्ट्रपिता के मिशन को पूरा करने में जुटे हैं। ऐसे हजारों गांधीवादियों में एक हैं झांसी के युवा सामाजिक कार्यकर्ता कमलेश राय जो सैकड़ों आदिवासियों का जीवन बदलने, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तीकरण एवं सामाजिक उत्थान में अहम भूमिका निभा रहे हैं। 
महात्मा गांधी के विचारों और सिद्धांतों के प्रति कमलेश राय की प्रतिबद्धता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महान गांधीवादी विचारक डा. एसएम सुब्बाराव ने अपनी एक पुस्तक की प्रस्तावना में कमलेश राय के कार्यों और सहयोग का जिक्र किया है। गांवों के विकास को लेकर गांधीजी का विशिष्ट दृष्टिकोण था। वह चाहते थे कि प्रत्येक गांव अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए स्वाबलंबी हो। डा. एसएम सुब्बाराव के निर्देशन में कमलेश राय ने गांधीजी के इन्हीं विचारों पर काम करते हुए महज तीन वर्ष के अंदर झांसी के बिचौली गांव की तस्वीर ही बदल दी। 2016 में कमलेश राय जब पहली बार बिजौली गांव गए तो वहां बिजली-पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं तक नहीं थीं। टूटी-फूटी झोपड़ियों में 96 आदिवासी परिवारों के 394 लोग वहां रहा करते थे। कमलेश राय ने गांव में आदिवासियों को संगठन की शक्ति का अहसास कराया और उन्हें एकजुट कर गरीबी और अशिक्षा के कुचक्र से उबारने के प्रयास किए। कमलेश राय ने आदिवासियों के श्रमदान से गांव में एक स्कूल का निर्माण कराया। महान गांधीवादी डा. एसएन सुब्बाराव ने इस स्कूल का शुभारंभ किया। 
कमलेश राय ने सर्व ग्रामीण बैंक के रिटायर्ड प्रबंधक श्री निहालचंद्र शिवहरे की सहायता से बिजौली और बबीना ब्लॉक के विभिन्न गांवों में महिलाओं के 140 स्वयं सहायता समूह गठित कराए, और उनके लिए आत्मसम्मान के साथ आत्मनिर्भर जीवन जीने की राह प्रशस्त की। दिया। उनके द्वारा गठित ओम साईं राम स्वयं सहायता समूह हसारी को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा सम्मानित भी किया गया। 
बबीना मे जन्मे कमलेश राय वर्ष 1999 में डा. एसएन सुब्बाराव के संपर्क में आए, जब वह दिल्ली में राष्ट्रीय एकता एवं सदभावना शिविर मे गए थे। कार्यक्रम में सुब्बाराव के वक्तव्य ने उन्हे इस कदर प्रभावित किया कि गांधीजी के विचारों और सिद्धातों पर आजीवन चलने का निर्णय कर लिया। तब से वह इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। पहले झांसी मे कार्य किया, उसके बाद पूरे बुंदेलखंड को अपनी कर्मभूमि बनाया। सूखाग्रस्त बुंदेलखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में  महिला सशक्तिकरण, व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम, युवा जागरूकता अभियान, किसान जागरूकता अभियान चलाए। लगभग सात हजार महिलाओं को सिलाई, ब्यूटी पार्लर, मैक्रामे,  मेहंदी , दोना, पत्तल, ऊनी कपड़े की सिलाई आदि के प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया गांवों में सामूहिक विवाहों का आयोजन कर गरीब और आदिवासी कन्याओं के विवाह कराए। 
आज कमलेश राय के पास युवा गांधीवादी कार्यकर्ताओं की एक बड़ी टीम है जो डा. एसएन सुब्बाराव के निर्देश पर कहीं भी काम करने को तत्पर रहती है। फिलहाल कमलेश राय का फोकस बुंदेलखंड और खासकर झांसी के ग्रामीण इलाको मे किसानों की आय दोगुनी करने पर है। कमलेश राय ने शिवहरे वाणी को बताया कि ओडीशा में कंधमाल की घटना हो, या गोधरा कांड हो, या फिर केदारनाथ की आपदा..उन्हें हर विपत्ति और आपदा में उन्हें डा. सुब्बाराव के साथ गांधीजी के पथ पर चलने का सौभाग्य मिला है। वह कहते हैं कि उनके इन कार्यो के पीछे हमेशा एमईएस से रिटायर पिता श्री किशनलाल राय, माता श्रीमती मालती और पत्नी शगुन राय का सहयोग रहा है।

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