शिवहरे वाणी नेटवर्क
भोपाल।
एक ही दास्तान-ए-शब एक ही सिलसिला तो है।
एक दिया जला हुआ…एक दिया बुझा हुआ।।
हाल में जारी 117 देशों की ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 102वें स्थान के साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी पीछे हो गया है। विश्व बैंक द्वारा जारी मानव पूंजी सूचकांक में 157 देशों की लिस्ट में भारत का स्थान 115वां है। नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश जैसे मुल्क भी हमसे बेहतर स्थिति मे हैं। दूसरी तरफ, भारत उन देशों में शुमार है जहां करोड़पतियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। ऐसी घोर आर्थिक असमानता के बीच करोड़ों परिवारों के लिए दीपावली जैसे त्योहार भी मायूसी का सबब बन जाते हैं।
वसुधैव कुटम्बकम के भाव वाली भारतीय संस्कृति में यह विषमता व्यथित करती है, लेकिन इसका समाधान भी इसी भाव में है। जैसा कि, भोपाल में कलचुरी सेना ने किया। कलचुरी सेना के साथियों ने दीपावली से एक दिन पूर्व शनिवार को भोपाल के श्यामनगर में गरीब परिवारों के साथ दिवाली की खुशियां साझा कीं।
कलचुरी सेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने श्यामनगर के लोगों को मिट्टी के दिये, रुई की बाती, मां लक्ष्मी की मिट्टी की मूर्ति, लाई और मिठायां भेंट कीं। साथ ही इन परिवारों के बच्चों को आतिशबाजी भी दी, जिसे पाकर उनके चेहरों पर मुस्कान बिखर गई। कुछ देर के लिए श्यामनगर की मायूस बस्ती पटाखों की रोशनी और गूंज से गुलजार हो गई।
बता दें कि श्यामनगर में ज्यादातर गरीब मजदूर परिवार रहते हैं। दीपावली मनाना तो दूर, अपने परिवार के वास्ते दो वक्त की रोटी जुटाना भी इन मजदूरों के लिए हर दिन की चुनौती होती है। खुशहाली उनके जीवन का सपना है।
ऐसे में कलचुरी सेना ने बताया है कि मानसिक, वैचारिक और व्यावहारिक स्तर पर संवेदनाओं को जीना ही बेहतर समाज बना सकता है…एक ऐसा समाज जहां हर कोई दीपावली की खुशियां मनाने की हैसियत में हो।
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