शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन जैसे प्रतापी और पराक्रमी के वंशज होने का अहसास हमें विषम परिस्थितियों में संघर्ष करने की शक्ति और हौसला देता है। इसीलिए, हमें वर्गों के भेद को भुलाकर कलचुरी, कलवार या कलार के रूप में अपनी पहचान सशक्त करनी होगी। भावी पीढ़ी के बेहतर भविष्य के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
यह कहना है मंदिर श्री दाऊजी महाराज प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री भगवान स्वरूप शिवहरे का। वह मंदिर परिसर में रविवार को भगवान सहस्त्रबाहु जन्मोत्सव के दौरान आयोजित परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मंदिर परिसर के नवनिर्मित मुख्य हॉल के मंच पर आकर्षक फूल बंगले में भगवान सहस्त्रबाहु के चित्र को विराजमान किया गया। चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और सामूहिक आरती के साथ परिचर्चा का शुभारंभ हुआ।
भगवान स्वरूप शिवहरे ने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा कि वर्तमान समय जाति या उपवर्गों के नाम पर एक-दूसरे को नीचा दिखाने का नहीं है, बल्कि संपूर्ण समाज के उत्थान के लिए व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाने का है, जिसका लाभ हमारी भावी पीढ़ी को मिल सके। दाऊजी मंदिर समिति के अध्यक्ष ने मंच से घोषणा की कि अगले वर्ष भगवान सहस्त्रबाहु जन्मोत्सव को और भव्य रूप दिया जाएगा, और इस अवसर पर एक शोभायात्रा भी निकाली जाएगी।
साथ ही समाजबंधुओं से अपील की कि दाऊजी मंदिर में प्रस्तावित भगवान सहस्त्रबाहु प्रतिमा की स्थापना में प्रत्येक समाजबंधु अपना सहयोग दें, भले ही वह एक रुपये का ही क्यों न हो। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले वर्ष हम सब मंदिर परिसर में भगवान सहस्त्रबाहु की प्रतिमा के समक्ष एकत्र होंंगे।
लोहामंडी मंदिर श्री राधाकृष्ण प्रबंध समिति के अध्यक्ष अरविंद शिवहरे ने कहा कि आगरा में लगातार तीसरे वर्ष भगवान सहस्त्रबाहु का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है, जो बहुत हर्ष का विषय है। आशा है कि आने वाले वर्षों में आगरा में यह आयोजन और भव्यता प्राप्त करेगा।
दाऊजी मंदिर प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष धर्मेंद्र राज शिवहरे ने कहा कि समाज लोकतांत्रिक व्यवस्था से चलता है। किसी कार्य के लिए या कार्यप्रणाली अथवा किसी अन्य बात के लिए किसी की सार्थक आलोचना करने या आपत्ति जताने में कोई बुराई नही है, लेकिन जो कुछ कहना है, सामने आकर कहें। पीठ पीछे निंदा करने से समाज का सदभाव बिगड़ता है। निंदा झेलने वालों को भी चाहिए कि वे मन खराब करने के बजाय आलोचना का स्वागत करें और यदि वास्तव में गलती हुई है तो उसे दूर करने का प्रयास करें। यही दृष्टिकोण और व्यवहार समाज को आगे ले जाएगा।
परिचर्चा में दाऊजी मंदिर के महंत पंडित महेशचंद्र शिवहरे, दाऊजी मंदिर समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी एडवोकेट सियाराम शिवहरे, प्रो. (रिटायर्ड) एससी भदौरिया, मंदिर श्री राधाकृष्ण के कुलभूषण गुप्ता रामभाई, शिवहरे वाणी के संपादक सोम साहू, लालता प्रसाद शिवहरे, श्री राधे सेवा समिति के अध्यक्ष धीरज शिवहरे, शिवहरे समाज एकता परिषद के अध्यक्ष अंशुल शिवहरे और संयोजक अमित शिवहरे ने अपने विचार रखे।
एडवोकेट वीरेंद्र गुप्ता (शिवहरे) के कुशल संचालन ने परिचर्चा को उठान दिया। परिचर्चा बहुत संवादात्मक रखते हुए उन्होंने सभागार में उपस्थित सभी समाजबंधुओं को मंच से अपनी बात रखने के लिए प्रेरित किया। साथ ही भगवान सहस्त्रबाहु के इतिहास और शिवहरे समाज की उत्पत्ति को लेकर पौराणिक और ऐतिहासिक उल्लेखों के हवाले से कई महत्वपूर्ण जानकारियां रोचक तरीके से साझा कीं।
कार्यक्रम के दौरान शिवहरे वाणी के संपादक सोम साहू को समाज को जागरूक करने और एकजुट करने की दिशा में किए गए कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। परिचर्चा के उपरांत भगवान सहस्त्रबाहु की प्रसादी लगाई गई और बाद में सभी ने स्वादिष्ट प्रसादी (भोजन) ग्रहण की।
कार्यक्रम की व्यवस्थाएं दाऊजी मंदिर समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बिजनेश शिवहरे, सचिव आशीष शिवहरे, कोषाध्यक्ष कोषाध्यक्ष संतोष शिवहरे, महेशचंद्र शिवहरे, प्रमोद शिवहरे, विजय शिवहरे (सिकंदरा), संजय शिवहरे (सिकंदरा) और अनूप शिवहरे निर्देशन और सहयोग से संपन्न हुईं।
ये रहे उपस्थित
शिवहरे जायसवाल युवा मंच के अध्यक्ष जीतू शिवहरे, एसआर शिवहरे, जयप्रकाश शिवहरे, अनुज शिवहरे, सुगम शिवहरे, अमित शिवहरे, किशोर कुमार शिवहरे, सुदामा बाबू, रामप्रकाश, अजय शिवहरे, मोतीलाल शिवहरे, अरविंद शिवहरे, मुन्नालाल शिवहरे, राजीव शिवहरे, हिमांशु शिवहरे, विकास शिवहरे, लकी (हर्षुल) शिवहरे, राकेश शिवहरे, अंकुर गुप्ता, अमलेश शिवहरे, अर्पित शिवहरे, गोपाल शिवहरे, अंकुर गुप्ता, प्रकाश गुप्ता, जगदीश प्रसाद गुप्ता, ओमप्रकाश शिवहरे, संजीव कुमार शिवहरे, रमन कुमार गुप्ता,
कैलाश चंद्र गुप्ता, सक्षम शिवहरे, रविंद्र गुप्ता, स्वतंत्र कुमार शिवहरे, भूपेंद्र शिवहरे, विष्णु गुप्ता शिवहरे, राजेश गुप्ता, हरिओम शिवहरे, किशन गुप्ता, दीपक शिवहरे (सोम), कन्हैया लाल जायसवाल, अमित कुमार शिवहरे, मुन्नालाल शिवहरे, नवल शिवहरे, रविभूषण, बृजमोहन शिवहरे, नवीन शिवहरे, संचित गुप्ता, पप्पू शिवहरे, सर्वेश कुमार शिवहरे (जसराना वाले), रिषभ शिवहरे, शरद शिवहरे, अशोक कुमार गुप्ता (बालूगंज), राधेश्याम गुप्ता, किशन शिवहरे (ताजगंज), श्रीरंजन गुप्ता, विनोद कुमार गुप्ता, शिवम गुप्ता, राजू शिवहरे, सुशील गुप्ता (बबलू भाई), जितेंद्र शिवहरे, कमल शिवहरे, अरुण शिवहरे, नवीनचंद्र गुप्ता, मुकेश शिवहरे समेत बड़ी संख्या में समाजबंधु उपस्थित रहे। मातृशक्ति की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।
Leave feedback about this