शिवहरे वाणी नेटवर्क
उमरकोट (नबरंगपुर)।
कलचुरी एक विशाल समाज है जो पूरे देश मे फैला है। क्षेत्र, भाषा और संस्कृति के आधार पर भिन्नताओं के बावजूद गौरवशाली इतिहास उन्हें एक माला में पिरोता है। कुछ ऐसा ही किस्सा है ओडीशा के नबरंगपुर जिले का। यहां के कलचुरी समाज ने पहली बार भगवान श्री सहस्त्रबाहु अर्जुन का जन्मोत्सव मनाया। खास बात यह है कि दो साल पहले तक यहां के कलचुरी अपने कुलदेवता और समाज के गौरवशाली इतिहास से अनभिज्ञ थे, संगठन की कोई चेतना नहीं थी। भला हो कलचुरी सेना का, जिसके प्रयासों से यहां जागृति की ऐसी बयार बही, कि परिदृश्य ही बदल गया। बीते रविवार को यहां पहली बार तीन हजार कलचुरी बंधु एक जगह पर एकत्र हुए, विशाल शोभायात्रा निकाली और अपनी संस्कृति व परंपरा का पालन करते हुए महिलाओं के मुख से उल्लूध्वनि की गूंज के बीच भगवान सहस्त्रबाहु की पूजा अर्चना की।
नबरंगपुर के उमरकोट कसबे में जन्मोत्सव का यह भव्य कार्यक्रम 'नबरंगपुर जिला कलार समाज' के बैनर तले हुआ जिसका गठन ही महज दो साल पहले किया गया था। आज यह संगठन जिले के पांच कस्बों में विस्तार पा चुका है। संगठन के जिला उपाध्यक्ष अनिरुद्ध नायक ने शिवहरे वाणी को बताया कि दो साल पहले तक हमें अपने समाज के कुलदेवता, अपने इतिहास और देशभऱ में समाज की मौजूदगी की कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन, कलचुरी सेना के संस्थापक विपिन राय के प्रयासों से आज हम सहस्त्रबाहु जन्मोत्सव का ऐसा भव्य आयोजन कर पाए हैं।
नायक ने बताया कि दो साल पहले विपिन राय ने यहां पांच-छह लोगों को आपस में जोड़कर समाज को संगठित करने की पहल की थी। करीब एक साल पहले विपिन राय ने हमें भोपाल में हुए मनोकामना पूर्ति यज्ञ में आमंत्रित किया। नबरंगपुर जिले से हम 40 कलार बंधुओं ने भोपाल मे हुए इस कार्यक्रम में भाग लिया। बकौल अनिरुद्ध नायक, 'भोपाल में तीन दिन के प्रवास के दौरान हमने वहां कलचुरी समाज की संगठन शक्ति को देखा, जिसने हमें भी एकजुट होने के लिए प्रेरित किया।' हम लोग महिष्मति और ओंकरेश्वर भी गए और अपने उदभव और इतिहास को जाना। अनिरुद्ध ने बताया कि तभी से हम लोगों ने भगवान सहस्त्रबाहु जन्मोत्सव की तैयारी शुरू कर दी । कोशिशें रंग लाईं और पहले ही कार्यक्रम में तीन हजार कलारबंधुओं को जुटाने में हम कामयाब हुए। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भगवान श्री सहस्त्रबाहु जन्मोत्सव और भव्यता के साथ मनाया जाएगा।
वहीं विपिन राय ने शिवहरे वाणी को बताया कि 2017 में कंपनी ने उनकी पोस्टिंग भुवनेश्वर में की थी। पूरा ओडीशा उनका कार्यक्षेत्र था, लिहाजा वह नबरंगपुर और कालाहांडी में भी जाते रहते थे। नबरंगपुर में उनकी मुलाकात कुछ ऐसे कलचुरी बंधुओं से हुई जिन्हें कलचुरी शब्द और समाज के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। विपिन राय ने बताया कि तभी से उन्होंने इस क्षेत्र मे अलग-थलग पड़े कलचुरी कलार समाज को एकजुट करने के प्रयास शुरू कर दिए। उन्होंने बताया कि यहां के ज्यादातर कलचुरी बंधु अपने नाम के साथ कलार उपनाम (सरनेम) लगाते हैं, लेकिन बड़ी संख्या में लोग पांडेय और पोया समेत तमाम अन्य उपनामों का भी प्रयोग करते हैं जिनसे कलचुरी के रूप में उनकी पहचान कर पाने में खासी दिक्कत आती थी। विपिन राय ने बताया कि वह करीब एक साल वह वहां रहे और इस दौरान उन्होंने काफी समाजबंधुओं को आपस में जोड़ दिया था। एक साल बाद तबादला होने पर वह भोपाल लौट आए। लेकिन इन लोगों के संपर्क में रहते हुए समाज को संगठित करने के प्रयास जारी रखे। और, सहस्त्रबाहु जन्मोत्सव के भव्य आयोजन के रूप में इसका सुखद परिणाम हम सबके सामने है।
बीती रविवार 3 नवंबर को उमरकोट के नया बस स्टैंड से भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की एक विशाल शोभायात्रा निकाली गई, जिसमे बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। शोभायात्रा में भगवान सहस्त्रबाहु के विशाल चित्र को एक रथ पर विराजमान कराया गया था। अन्य रथों पर दूसरी झांकिया भी थीं। शोभायात्रा मे सैकड़ों महिलाएं, युवा, बच्चे और बुजुर्ग लगभग चार किलोमीटर की दूरी तय कर राम मंदिर के पास कल्याण मंडप पहुंचे, जहां भगवान सहस्त्रबाहु के चित्र को रथ से उतार कर मंच पर विराजमान कराया गया। सैकड़ों महिलाओं ने एकसाथ उल्लूध्वनि निकाली जिसे बंगाली प्रभाव वाली संस्कृतियों मे शुभकार्यों के लिए अच्छा माना जाता है। मंत्रोच्चार के साथ लोगों ने भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की पूजा-अर्चना की।
इसके बाद समारोह को जिला कलार समाज के अध्यक्ष पदमनाभ पांडेय, उपाध्यक्ष अनिरुद्ध नाइक, सचिव रामनाथ कलार और संयुक्त सचिव त्रिलोचन पांडेय ने भगवान सहस्त्रबाहु के जीवन पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही संगठन की उमरकोट ब्लाक इकाई के अध्यक्ष त्रिजुरम कलार, झरीगांड ब्लाक इकाई के अध्यक्ष माधव कलार, डाबूगांव से विशंभर पांडेय, रायघर से दशमंत पोया ने भी अपने विचार रखे। विशाल भंडारे के साथ समारोह का समापन हुआ।
समाचार
सहस्त्रबाहु का हजारी जन्मोत्सव….नबरंगपुर में यूं बदला परिदृश्य…पहली बार उल्लूध्वनि की गूंज के बीच जनसमूह ने की पूजा अर्चना
- by admin
- October 29, 2016
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- 8 years ago
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