शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
महाशिवरात्रि के अवसर पर आगरा में शिवहरे समाज की धरोहर राधाकृष्ण मंदिर में नव-स्थापित शिव परिवार को संकटहरण महादेव के नाम से जाना जाएगा। शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर शिव परिवार की स्थापना के पश्चात रात को भोले बाबा का रुद्राभिषेक किया गया जो शनिवार सुबह 4.30 बजे तक चला, जिसके बाद श्रृंगार और आरती के साथ शिव परिवार की स्थापना का पवित्र कारज पूर्ण विधि-विधान से संपन्न हो गया। रविवार दोपहर को संकटहरण महादेव की भंडारा होगा जिसमें कढ़ी-चावल का भोग लगाया जाएगा।
स्थापना एवं रुद्राभिषेक के सभी विधि-विधान प्रकांड वेदशास्त्री पंडित अनिल चतुर्वेदी ने संपन्न कराए। उन्होंने स्थापना समय लग्न के हिसाब से शिव परिवार को संकटहरण महादेव का नाम दिया। एक संयोग यह भी है कि मंदिर के जिस कक्ष में शिव परिवार की स्थापना की गई है, उसी कक्ष में शिव परिवार के सामने हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित की जानी है। हनुमानजी को भगवान शिव का अवतार माना गया है। हनुमानजी का एक नाम संकटहरण भी है। ऐसे में संकटहरण महादेव नाम से एक ही कक्ष में भगवान शिव और हनुमानजी के विराजमान होने का संकेत मिल जाता है।
मंदिर रात 11 बजे से रुद्राभिषेक का आऱंभ हुआ जिसके अंतर्गत दूध, गन्ने का रस, मठ्ठा, भांग और शहद से शिव महादेव का अभिषेक किया गया। रुद्राभिषेक शनिवार सुबह साढ़े चार बजे तक चला जिसके बाद महादेव के आकर्षक श्रृंगार के साथ ही भव्य आरती की गई। इस तरह शनिवार सुबह से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं ने शिव परिवार की पूजा-अर्चना शुरू कर दी है।
रुद्राभिषेक के दौरान मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष अरविंद गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक शिवहरे अस्सो भाई, महासचिव मुकुंद शिवहरे, कोषाध्यक्ष कुलभूषण गुप्ता रामभाई, उपाध्यक्ष ऋषिरंजन शिवहरे, उपकोषाध्यक्ष रवि शिवहरे (ए2जेड सीलिंग), मंदिर व्यवस्थापक जगदीश गुप्ता, कार्यकारिणी सदस्य संजय शिवहरे, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी अनूप शिवहरे, मीडिया प्रभारी सोम साहू, श्रीमती सोनिया शिवहरे, श्रीमती अमन गुप्ता, सुश्री श्रेया शिवहरे, सत्यम शिवहरे, राहुल शिवहरे, दीपांशु आदि उपस्थित रहे।
इससे पूर्व शुक्रवार सुबह कक्ष के वृत्ताकार प्लेटफार्म पर शिव परिवार को विराजमान किए जाने के पश्चात मंदिर प्रबंध समिति के पदाधिकारियों ने गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया। इस दौरान मंदिर परिसर बम-बम-भोले के ध्वनि से गूंजायमान हो गया। दोपहर बाद प्रबंध समिति के वरिष्ठ पदाधिकारियों, उनके परिवारीजनों एवं समाज के अन्य लोगों ने भजन कीर्तन किए।
दरअसल लोहामंडी स्थित शिवहरे समाज की धरोहर राधाकृष्ण मंदिर के पुनर्निर्माण का एक और चरण लगभग पूर्ण होने को है। राधाकृष्ण दरबार के सामने विशाल हॉल का फर्श अब खूबसूरत मारबल से जगमगा उठा है, इन्हीं मारबल से बने चार स्तंभ मंदिर को भव्यता में चार चांद लगा रहे हैं।
समाजसेवी श्री किशन शिवहरे द्वारा अपने पिता स्व. श्री शिवनारायण शिवहरे एवं माताजी स्व. श्रीमती सत्यवती शिवहरे की स्मृति में कराए गए इस निर्माण कार्य के बाद अब मंदिर में शिव परिवार की स्थापना धूमधाम से की जा रही है।
यहीं नहीं, अगले दिनों में मंदिर में राम दरबार के साथ ही दुर्गा मां और हनुमानजी की स्थापना एवं प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का भी आयोजन किया जा रहा है। कुल मिलाकर महाशिवरात्रि से पूरे एक सप्ताह राधाकृष्ण मंदिर में धर्म, आस्था और भक्ति की पवित्र त्रिवेणी प्रवाहित रहेगी। और, एक दशक पहले इस धरोहर के पुनर्निर्माण का जो सपना समाज ने देखा था, उसका साकार रूप सामने आएगा।
21 फरवरी को महाशिवरात्रि पर तीन दिवसीय श्री शिव पंचायतन प्रतिष्ठा (स्थापना) महोत्सव का शुभारंभ हो गया, जिसके अंतर्गत शिव परिवार की स्थापना की जा रही है। इसके लिए राधाकृष्ण दरबार के दायीं ओर स्थित कक्ष में एक ऊंचा गोल प्लेटफार्म बनाया गया है जिस पर काले पत्थर के शिवलिंग के साथ ही नंदी, पार्वती, गणेशजी और कार्तिकेय की मूर्तियां स्थापित की गई हैं।
गुरुवार देर रात प्लेटफार्म पर शिव परिवार की स्थापना के बाद शुक्रवार को महाशिवरात्रि को सुबह शिव दरबार की पूजा-अर्चना एवं जलाभिषेक शुरू हो गया। दोपहर को मंदिर प्रबंध समिति के पदाधिकारियोंं ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। पूजा अर्चना का यह क्रम समाचार लिखे जाने तक जारी है।
शुक्रवार रात 9 बजे से भगवान शिव का रुद्राभिषेक (रात्रि जागरण) किया जाएगा जो शनिवार 22 फरवरी की सुबह 4 बजे तक चलेगा। रुद्राभिषेक पं. शास्त्री अनिल चतुर्वेदी द्वारा कराया जाएगा। रविवार 23 फरवरी को कढ़ी-चावल की प्रसादी वितरित की जाएगी।
इसके बाद सोमवार 24 फरवरी से मंदिर में तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव शुरू होगा। इसके अंतर्गत मंदिर में राधाकृष्ण दरबार के ठीक बायीं ओर स्थित कक्ष में रामदरबार की स्थापना की जाएगी। इसके लिए जयपुर से भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की चार फुट की प्रतिमाएं आ चुकी हैं। साथ में हनुमानजी भी छोटी मूर्ति हैं।
इसके साथ ही शिव दरबार के पीछे बनाए गए प्लेटफार्म पर माता दुर्गा और हनुमानजी की प्रतिमाएं भी अलग-अलग प्रकोष्ठ में स्थापित की जाएंगी। 3-3 फुट की ये दोनों प्रतिमाएं भी मंदिर में लाई जा चुकी हैं।
24 फरवरी को सुबह गणेश पूजन के साथ प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का शुभारंभ होगा। मंगलवार 25 फरवरी को रामदरबार, माता दुर्गा और हनुमानजी की प्रतिमाओं का नगर भ्रमण कराया जाएगा। सुबह 10.30 बजे शिवहरे समाजबंधु इन प्रतिमाओं को सुसज्जित वाहनों में सवार कर मंदिर से कीर्तन करते हुए एक पवित्र यात्रा के रूप प्रस्थान करेंगे और न्यू राजामंडी कालोनी, राजामंडी फाटक और लोहामंडी बाजार से लोहामंडी चौराहा होते हुए वापस मंदिर आएंगे। जहां भक्तजनों के लिए जलपान की व्यवस्था होगी।
बुधवार 26 फरवरी को हवन के साथ इन प्रतिमाओं की स्थापना एवं प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी जिसके बाद दोपहर से भंडारा शुरू हो जाएगा। मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष अरविंद गुप्ता, उपाध्यक्ष अशोक शिवहरे अस्सो भाई, महासचिव मुकुंद शिवहरे, कोषाध्यक्ष कुलभूषण गुप्ता 'रामभाई' के साथ ही वरिष्ठ पदाधिकारीगण रवि शिवहरे, धीरज शिवहरे, ऋषिरंजन शिवहरे, संजय शिवहरे , जगदीश गुप्ता, मनोज शिवहरे. नीरज शिवहरे समेत संपूर्ण कार्यकारिणी ने समाजबंधुओं से इस समारोहों में भाग लेकर पुण्य अर्जित करने का अनुरोध किया है।
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