शिवहरे वाणी नेटवर्क
झांसी।
मौजूदा कोरोना संकट ने जीवन के हर क्षेत्र में मुश्किलें खड़ी कर दी है। लेकिन, यकीन रखे… हर मुश्किल का समाधान होना तय है। मसलन तंमाम विवाहयोग्य युवक-युवतियों के अभिभावकों को चिंता होगी कि इस महामारी के बीच अपने बच्चों के लिए उपयुक्त रिश्ते कैसे तलाशें, तो उनके लिए एक अच्छी खबर है। अब उन्हें घर से बाहर निकलकर इधर-उधर भटकने का जोखिम उठाने की आवश्यकता नहीं है, व्हाट्सएप ग्रुप की वैवाहिक परिचर्चाओं के माध्यम से वे घर बैठे ही अपने बच्चे के लिए अच्छा रिश्ता तलाश सकते हैं।
इस संबंध में कलचुरी कलवार सर्ववर्गीय, समाज झांसी की पहल रंग ला रही है। संगठन की ओर से बीती 26 जुलाई को दूसरी वैवाहिक परिचर्चा का आयोजन किया जिसमें 182 युवक-युवतियों के अभिभावकों ने भाग लिया। दोपहर 2 बजे से शुरू हुई वैवाहिक परिचर्चा में सभी प्रस्तावों को एक क्रम संख्या आवंटित की गई और उसी क्रम के अनुरूप परिचर्चा का आगे बढ़ाया गया।
संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सालिगराम राय ने बताया कि प्रत्येक 5 बायोडाटा पर चर्चा के लिए 10 मिनट का समय आवंटित किया गया। उन्होंने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप ‘कलचुरी बायोडाटा झांसी’ पर हुई यह परिचर्चा अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल रही और ज्यादातर अभिभावकों को एक से अधिक उपयुक्त प्रस्ताव हुए और दोनों पक्षों के बीच रिश्ते की बातचीत शुरू हुई। परिचर्चा के सुव्यवस्थित और कुशल संचालन के लिए अभिभावकों ने आयोजकों की जमकर सराहना की।
अध्यक्ष ह्रदेश राय के मुताबिक, इस परिचर्चा का उद्देश्य था कि कोरोना महामारी के चलते घर से न निकलने के कारण घर बैठे ही युवक/युवतियों के रिश्ते तय हों और अभिभावकों को परेशानी ना उठानी पड़े। मीडिया प्रभारी अमित राय ने बताया कि संगठन ने इससे पहले लॉकडाउन के बीच 26 अप्रैल को पहली परिचर्चा कराई थी जिसमें 99 युवक/युवती ओर अभिभावकों ने सहभागिता की थी। परिचर्चा की दूसरी कड़ी में लगभग दोगुने अभिभावकों की सहभागिता इस आयोजन की सफलता की तस्दीक करती है। परिचर्चा के अंत में उपाध्यक्ष भारत भूषण राय ने सभी का आभार व्यक्त किया।
परिचर्चा में युवक/युवतियों के बायोडाटा का संग्रह करने में प्रमोद राय (ललितपुर), गिरजेश राय (इंदौर), सोहन राय (इंदौर), विपिन शिवहरे (शिवपुरी), नरेन्द्र राय कलार (ग्वालियर), रविन्द्र जायसबाल (सोनभद्र), सुनील कुमार (बलिया), संजीब जायसबाल (प्रयागराज), जगदीश राय ‘मोनू’ (ललितपुर), मुकेश राय-(मुंबई), मनोहर जायसवाल (राजगढ़) और शंभु गुप्ता (दिल्ली) का सराहनीय सहयोग रहा।
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