कोटा।
कोटा में गत दिवस बसंत पंचमी पर कलाल महिला क्लब के निःशुल्क सामूहिक विवाह समारोह में 10 जोड़े एक-दूजे के हो गए। हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह के साथ ही प्रत्येक कपल की शादी रजिस्टर्ड भी कराई गई। कलचुरी समाज के भामाशाहों ने विवाहित जोड़ों को शुभेच्छा के साथ उपहारों की झड़ी लगी दी।
14 फरवरी को विनोबा भावे नगर स्थित बालिका छात्रावास में हुए सामूहिक विवाह समारोह में जिन दस जोड़ों की शादी हुई, वे सभी हाड़ौती क्षेत्र (कोटा, इटावा, बूंदी, झालावाड़, लाखेरी आदि) से थे। कलाल महिला क्लब की अध्यक्ष श्रीमती मिथलेश पारेता ने शिवहरेवाणी को बताया कि समारोह का शुभारंभ राज राजेश्वर सहस्त्रबाहु अर्जुन की पूजा अर्चना के साथ हुआ, जिसके बाद दस दूल्हों की सामूहिक बारात निकाली गई। घोड़ों पर सवार दस दूल्हों की बारात में समाजबंधु बैंड-बाजों की धुन पर नाचते गाते चल रहे थे। संक्षिप्त रास्ता तय कर बारात विवाहस्थल पहुंची जहां द्वाराचार की रस्म के बाद दूल्हों को मंच पर लाया गया। भगवान राधा-कृष्ण के सामूहिक नृत्य के बीच दूल्हे-दुल्हनों ने एक-दूसरे को वरमाला डाली। मंच पर अतिथियों, प्रतिष्ठित समाजसेवियों और आयोजकों ने सभी जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान किया, जिसके बाद सभी जोड़ों ने अपने लिए निर्धारित वेदियों में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अग्नि के फेरे लिए। जिसके बाद सभी ने सहभोज का आनंद लिया। समारोह में 2500 से अधिक स्वजातीय बंधु व महिलाएं शामिल हुए।
इन 10 जोड़ों की हुई शादी
इंद्रजीत मेवाड़ा संग चेष्ठा मेवाड़ा, सुनील पारेता संग यशोदा कुमारी, पवन शिवहरे संग पूजा मेवाड़ा, नरेश मेवाड़ा संग रवीना कुमारी, रोहित पारेता संग कोमल पारेता, विष्णु प्रसाद संग भोली कुमारी पारेता, अरविंद पारेता संग रेखा, वीरेंद्र पारेता संग काजल सुवालका, कैलाश पारेता संग रानी कुमारी, भवानी शंकर सुवालका संग सीमा पारेता
कन्यादान में 65 उपहार
भामाशाहों ने कन्यादान के रूप में उपहारों की झड़ी लगा दी। प्रत्येक जोड़े पर सोना, चांदी, पीतल, तांबें समेत 65 उपहार दिए गए। इनमें सोने का मंगलसूत्र, सोने का नाक का कांटा, चांदी की पायल, चांदी की बिछिया, अलमारी, सिलाई मशीन, पलंग, गद्दे, चादर, तकिया, दुल्हन का लहंगा चुन्नी, दूल्हे की शेरवानी का कपड़ा, दूल्हे के साफा, मोड़, मंडप आदि, मिक्सी, डिनर सेट, हैंड ब्लैंडर, गैस का चूल्हा, कैसरोल, थरमस, शॉल, छाछ मशीन, बाटी ओवन, कम्बल, प्रेशर कुकर, साड़ी, बाउल सेट, गाय-बछड़ा सेट (पीतल का), पीतल की थाली, बर्तन रखने का टोकरा, 5 लीटर कैम्पर, पीतल के दीपक, कढ़ाई, अप्पे बनाने का बर्तन, फ्राईपेन, ऑटोमेटिक प्रेस, स्टील की टंकी, जग, बुलन कार्डिगन, दीवर घड़ी, दीवार घड़ा, पंखा, ट्रॉली सूटकेस, 5 बर्तन चौकी, स्टील के डोंगे, मल्टीपर्पज इडली मेकर, स्टील ककी बाल्टी, स्टील की भगोनी, पानी का गगरा, स्टील की परात, कांसे के कटोरे आदि शामिल हैं।
सरकार से दिलाए जाएंगे 21 हजार रुपये
अध्यक्ष श्रीमती मिथलेश पारेता ने बताया कि सभी जोड़ों की शादी रजिस्टर्ड की गई और ताकि सरकारी योजना में मिलने वाली धनराशि के लिए उनका आवेदन किया जा सके। आवेदन के बाद सरकार की ओर से प्रत्येक जोड़े को 21000 रुपये की नगद सहायता राशि सरकार की ओर से प्राप्त होगी।
राकेश जायसवाल मुख्य अतिथि, राहुल पारेता ने की अध्यक्षता
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में धौलपुर के जिलाधिकारी रहे रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी श्री राकेश कुमार जायसवाल उपस्थित रहे, जबकि अध्यक्षता कलाल समाज के अध्यक्ष श्री राहुल पारेता ने की। सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप में कलाल सभा के कोषाध्यक्ष नरेश तलाईचा, उपाध्यक्ष प्रकाश सुवालका पिंटू, उपमंत्री आनंद मेवाड़ा, डायरेक्टर जगदीश मेवाड़ा, डा. कृष्णगोपाल पारेता, पवन माहुर, शांति सुवालका, बद्रीनाथ पारेता, कमलेश पारेता, युवा मंडल अध्यक्ष कपिल पारेता, महामंत्री हिमांशु कलाल, कोषाध्यक्ष रोहित माहुर, आयुष पारेता, मनीष पारेता (बिट्टू), रोनक पारेता उपस्थित रहे।
इन महिलाओं ने संभाली व्यवस्थाएं
कलाल महिला क्लब की ममता पारेता, चंदा मेवाड़ा, रेखा मेवाड़ा, वीनू ग्वालेरा, शिखा पारेता, अंजु माहुर, अनीता पारेता, किरण पारेता, द्रौपदी मेवाड़ा, वीणा मेवाड़ा, निशा जायसवाल, ममता राही, मधु मेवाड़ा, कमलेश पारेता, पूजा जायसवाल, पिंकी पारेता, राजेश तलाईचा, संतोष पारेता समेत क्लब की महिलाओं ने व्यवस्थाएं संभालीं। दुल्हनों के मेकअप मे श्रीमती दीक्षा अमन सुवालका, श्रीमती किरण रोहित पारेता, श्रीमती जयमाला कुशल पारेता, सुश्री नीतू पारेता एवं श्रीमती दिया नरेंद्र पारेता ने कराया। मंच का संचालन चंदा मेवाड़ा व मुकेश मेवाड़ा ने किया।
43 जोड़ों की शादी करा चुका कलाल महिला क्लब
क्लब की अध्यक्ष श्रीमती मिथलेश पारेता ने बताया कि कोटा में कलचुरी महिलाओं का सेवा-संगठन ‘कलाल महिला क्लब’ एक रजिस्टर्ड संस्था है जो पिछले 15 वर्षों से स्वजातीय महिलाओं के उत्थान में लगा है। क्लब में करीब 150 महिलाएं जुड़ी हैं। उन्होंने बताया कि क्लब का यह चौथा सामूहिक विवाह समारोह था। इससे पहले हुए तीन आयोजनों में 11-11 जोड़ों की शादी हुई थी। इस तरह क्लब अब तक 43 जोड़ों का विवाह करा चुका है। इससे पहले 2022 में सामूहिक विवाह कराया गया था। उन्होंने बताया कि क्लब हर साल फागोत्सव समेत कई धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन नियमित रूप से करता है। साथ ही हर साल सखी मेले का आयोजन भी किया जाता है जिसमें महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की राह और दिशा प्रदान की जाती है। हालांकि कोरोना काल के बाद यह आयोजन नहीं हो सका है।
Leave feedback about this