ग्वालियर।
ग्वालियर के जाने-माने चित्रकार एवं शिल्पकार श्री अनूप शिवहरे को मध्य प्रदेश सरकार का प्रतिष्ठित रूपंकर कला पुरस्कार दिया जाएगा। आगामी 20 फरवरी को खजुराहो में होने वाले ‘खजुराहो समारोह’ में श्री अनूप शिवहरे के साथ ही नौ अन्य कलाकारों को 51000 रुपये धनराशि के इस प्रतिष्ठित अवार्ड दिया जाएगा। बता दें कि खजुराहो समारोह में इस बार 2000 कलाकार एक मंच पर एक साथ कत्थक प्रस्तुति देंगे जो अपने आपमें वर्ल्ड रिकार्ड होगा।
मूर्तिकला, चित्रकला और कार्टून में सिद्धहस्त श्री अनूप शिवहरे ने अवार्ड की घोषणा से काफी खुश और उत्साहित हैं। शिवहरेवाणी को बताया कि उन्होंने कैनवास पर एक्रलिक रंगों के माध्यम से बने तीन चित्र भेजे थे जिनके आधार पर उन्हें पुरस्कार के लिए चुना गया है। श्री अनूप शिवहरे को इससे पहले भी ललित कला के क्षेत्र में कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। 4 जुलाई 1970 को ग्वालियर में स्व. श्री बाबूलाल शिवहरे के घर जन्मे श्री अनूप शिवहरे बचपन से ही रेखाओं की रचनाओं का अभ्यास करते रहे हैं। 2011 में प्रकाशित उनके चित्रों की अलबम ‘लकीरें’ रेखांकन पर उनके असाधारण अधिकार को दर्शाती है। 1990 में विज्ञान स्नातक होने के बाद श्री अनूप शिवहरे ने कला को ही अपनी आजीविका के रूप में चुना, और वह समाचार पत्र-पत्रिकाओं में कार्टूनिस्ट हो गए। 1992 में नौकरी करते हुए ही उन्होंने जीवाजी राव विश्वविद्यालय से मूर्तिकला में डिप्लोमा ऑनर्स किया। और, फिर ललित कला के क्षेत्र में एक मौलिक प्रतिभा के रूप में स्वयं की पहचान बनाने की साधना में जुट गए।
श्री अनूप शिवहरे वर्तमान में शासकीय ललित कला संस्थान ग्वालियर में अतिथि विद्वान की सेवाएं दे रहे हैं। श्री अनूप शिवहरे के चित्र प्रकृति को दर्शाते हैं, चित्र को विषय में सीमित करना वह उचित नहीं समझते। अनूप शिवहरे की सुंदर कृतियां देखने पर प्रसादन प्रदान करती हैं और कुछ समझने के लिए विराम देती हैं। यही उनकी अद्वितीय, अपूर्व और मौलिका प्रतिभा का प्रमाण है। श्री अनूप शिवहरे के कई रेखा चित्र, कैनवास पर एक्रलिक रंगों से बने चित्र और मूर्तियां स्वतः ही कला प्रदर्शियों में लोगों के आकर्षण का केंद्र बन जाती हैं। इन्हीं प्रदर्शियों के माध्यम से उनकी कलाकृतियां देश-दुनिया में कई कलाप्रेमियों के ड्रॉइंग रूम तक जा पहुंची हैं। नगर निगम संग्रहालय में उनकी संरमरमर से वात्सल्य शीर्षक की मूर्ति भी शामिल है। हरीशंकर पुरम स्थित चिनाव अपार्टमेंट में सीमेंट और कंक्रीट के मिश्रण से बनी छह फीट की गणेश प्रतिमा अनूप शिवहरे की कृति है। महल गेट के सामने रोटरी क्लब का चिह्न व्हील अनूप शिवहरे की कंक्रीट कृति है। अनूप शिवहरे की ऑयल पेंटिंग्स ग्वालियर के कई संस्थानों की शोभा बढ़ा रही हैं। भोपाल, बंगलुरू, इंदौर समेत कई शहरों में कई शासकीय एवं अशासकीय स्थानों पर, संग्रहालयों और कलादीर्घाओं में अनूप शिवहरे की ऑयल पेंटिंग्स, रेखाकृतियां, टैरीकोटा शिल्प लगी हैं। बहोड़ापुर में आनंदनगर निवासी श्री अनूप शिवहरे को अपने कलाकर्म में पत्नी श्रीमती अनीता शिवहरे के साथ ही दोनों पुत्रियों सुश्री अरुणिमा और सुश्री परिधि व पुत्र अक्षांस शिवहरे का भी पूर्ण सहयोग प्राप्त होता है।
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