बांसवाड़ा/जयपुर।
बांसवाड़ा के प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं समाजसेवी श्री हरीशचंद्र कलाल को सामाजिक बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाने के लिए ‘प्राइड ऑफ राजस्थान’ अवार्ड से सम्मानित किया गया है। जयपुर के ललित होटल में दैनिक भास्कर द्वारा आयोजित एक समारोह में राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया।
आजकल ‘उपदेश देने में माहिर कथित समाजसेवियों’ की भीड़ मे श्री हरीशचंद्र कलाल उन चंद लोगों में हैं जो समाज को प्रेरित करने के लिए खुद आगे बढ़कर पहल करने में यकीन रखते हैं। सामाजिक परिवर्तन में उनके सबसे बड़ा योगदान के रूप में बांसवाड़ा के कलाल समाज में सामूहिक विवाह की गौरवशाली परपंरा का उल्लेख हमेशा किया जाएगा। शादी में फिजूलखर्ची पर रोक लगाने के लिए बांसवाड़ा कलाल समाज ने 2014 में पहला सामूहिक विवाह समारोह किया था। इसमे पहला आवेदन स्वयं श्री कलाल ने अपने बड़े बेटे हर्षद के विवाह के लिए किया था, जबकि बांसवाड़ा कलाल समाज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष होने के नाते वह खुद इसके आयोजकों में थे। श्री कलाल के पहले आवेदन का असर यह हुआ कि उनकी देखा-देखी 14 अन्य जोड़ों के अभिभावकों ने भी आवेदन कर दिए। इस तरह पहला सामूहिक विवाह15 जोड़ों का हुआ और तब से हर वर्ष दो सामूहिक होते आ रहे हैं। यहां एकल विवाह लगभग प्रतिबंधित हो गया है औऱ हर कलाल परिवार को अपने बच्चों की शादी अनिवार्य रूप से सामूहिक विवाह मेंती ही करानी होती है। ऐसा नही करने वालो को हर्जाने के तौर पर एक बड़ी धनराशि समाज को देनी पड़ती है। दो वर्ष पूर्व श्री हरीशचंद्र कलाल ने अपने छोटे बेटे प्रिंस की शादी भी सामूहिक विवाह में कराई, जिसमें उन्होंने 1500 स्कूली बच्चों को स्कूल ड्रेस प्रदान करने के साथ ही सभी 18 दुल्हनों को शादी की ड्रेस और दूल्हों को हैलमेट भेंट की। यही नहीं, वह 51 बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना में पहली किस्त भी जमा कराई, ताकि उन्हें सही समय लाभ मिल सके।
समाज भवन के लिए खरीदी 10 बीघा जमीन
लेकिन यह तो एक बानगी भर है, श्री कलाल द्वारा के सामाजिक कार्यों व सेवा की एक लंबी फेहरिस्त है। उन्होंने वर्ष 2015 में घाटोल उपखंड की सभी 101 आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेकर उसमें पढ़ने वाले लड़के-लड़कियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाने का काम किया। बांसवाड़ा कलाल समाज के अध्यक्ष रहने के दौरान उन्होंने मौर गांव में दस बीघा जमीन कलाल समाज भवन के लिए खरीदी थी जिस पर निर्माण कार्य शुरू होने वाला है।
समाजसेवा ने दिलाया सम्मान
श्री कलाल को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों के लिए तीन बार जिला अधिकारी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। योगगुरू बाबा रामदेव ने भी अपने विशाल योग शिविर में उन्हें सम्मानित किया था। हैहयवंशी कलाल महासभा जयपुर की ओर से वर्ष 2021 में उन्हें ‘समाज रत्न’ से सम्मानित किया, जिसमें बिहार के सांसद डा. संजय जायसवाल ने उन्हें अवार्ड प्रदान किया था। दिल्ली में अखिल भारतीय कलवार कलार कलाल महासभा के मंज पर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने उन्हें सम्मानित किया था। अमरावती में कलाल समाज के एक मच पर महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमत्री श्री देवेद्र फड़नवीस ने भी उन्हे सम्मानित किया था।
प्रमुख सामाजिक दायित्व
श्री हरीशचंद्र कलाल जयपुर स्थित कलाल समाज भवन, पाली स्थित कलाल समाज भवन, पुष्कर स्थित कलाल समाज भवन एवं मध्य प्रदेश के झाबुआ में स्थित समाज भवन के आजीवन ट्रस्टी है। वह मेवाड़ा कलाल समाज समिति,बांसवाड़ा के संरक्षक, अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय युवा महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, भारतीय कलचुरी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष समेत कलाल समाज के कई राष्ट्रीय संगठनों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।
सेनावासा का प्रतिष्ठित माइल परिवार
श्री हरीशचंद्र कलाल सेनावासा के प्रतिष्ठित माइल परिवार से है। उनकी गिनती बांसवाडा में रीयल एस्टेट के बड़े कारोबारियों में होती है। ‘मातेश्वरी ग्रुप’ और ‘हरिओम कंस्ट्रक्शन’ नाम से उनकी फर्में हैं जो राजकीय मानदंडों के अनुरूप नए आवासीय क्षेत्र विकसित करने के लिए जानी जाती है। सुरपुर मे उनका पेट्रोल पप है, वही सेनावासा मे हाईविजन एकेडमी के नाम से माध्यमिक विद्यालय भी संचालित करते है। श्री हरीशचद्र कलाल की धर्मपत्नी श्रीमती गीता देवी धार्मिक प्रवृत्ति की महिला हैं। परिवार मे बड़ा पुत्र हर्षद-पुत्रवधु रोशनी, छोटा पुत्र प्रिंस-पुत्रवधु मोहिनी के साथ तीन पौत्र मन, विहान और सौम्य हैं। हर्षद पेट्रोलपप संभालते है, जबकि प्रिंस स्कूल की देखभाल करते हैं।
Leave feedback about this