लखनऊ/देहरादून।
लखनऊ की सुश्री रिद्धी शिवहरे को गूगल ने 54.03 लाख के सालाना पैकेज पर पहली नौकरी दी है। देहरादून के ‘ग्राफिक इरा डीम्ड यूनीवर्सिटी’ से बीटेक (कंप्यूटर साइंस) करने के बाद रिद्धी शिवहरे को कैंपस प्लेसमेंट में सबसे हाई पैकेज पर चुना गया है। रिद्धी शिवहरे इसी जलाई माह में गूगल के बेंगलुरू ऑफिस में ज्वाइनिंग लेंगी।
22 वर्षीय रिद्धी शिवहरे की उपलब्धि से पूरा परिवार खुश और गौरवान्वित है। रिद्धी शुरू से ही होनहार छात्रा रही है। उसने लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस) अलीगंज कैंपस-1 से हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा में 93 प्रतिशत प्राप्त किए थे, जबकि इंटरमीडियेट में 95 प्रतिशत अंक हासिल किए। इसके बाद रिद्धी को देहरादून की ‘ग्राफिक इरा डीम्ड यूनीवर्सिटी में बीटेक (कंप्यूटर साइंस) में दाखिला मिल गया। ग्राफिक इरा से बीटेक करने के साथ ही साथ उसने आईआईटी मद्रास से एआई-डीएस (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एवं डेटा साइंस) से बीएससी भी कर ली।
बीटेक के फाइनल एघ्जाम के बाद गत माह कई बड़ी कंपनियां कैंपस प्लेसमेंट के लिए ग्राफिक इरा में आई थीं, और कई बच्चों को पहली नौकरी दी। लेकिन सबसे बड़ा पैकेज मिला रिद्धी शिवहरे को, जिसे गूगल जैसी दुनिया की टॉप कंपनी ने 54.03 लाख सालाना पर चुना। रिद्धी का कहना है कि यह उसके लिए सबसे बड़े सपने के पूरा होने सरीखा है। रिद्धी बताती है कि उसके मम्मी-पापा का सपना भी यही था, जिसके लिए उन्होंने उसे अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलवाई।
रिद्धी के पिता श्री मनमोहन किशोर शिवहरे कहते हैं कि उन्हें अपनी बेटियों पर फख्र है। लखनऊ के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में टीचर श्री मनमोहन शिवहरे ने बताया कि बेटियों की अच्छी शिक्षा हमेशा ही उनकी प्राथमिकता रही, और आज बेटी ने उनका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। रिद्धी की मम्मी श्रीमती ममता शिवहरे एक सुशिक्षित गृहणी हैं और रिद्धी की पढ़ाई में उन्होंने कभी बाधा नहीं आने दी। रिद्धी की छोटी बहन सिद्धी शिवहरे मुंबई के ‘नरसी मंजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडी’ से बीटेक-एमबीए कर रही है। और, अपनी बहन की उपलब्धि से प्रेरित है। लखनऊ के विकासनगर निवासी श्री मनमोहन किशोर शिवहरे मूलतः ग्वालियर के रहने वाले हैं। उनके पिता स्व. श्री नंदकिशोर शिवहरे टैक्नीकल मेडिकल हैल्थ डिपार्टमेंट में डिप्टी डायरेक्टर थे।
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