November 1, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार समाज

गले मिले और पान की लाली रचे होठों से कहा- हैप्पी दशहरा; झांसी के शिवहरे समाज ने यूं निभाई सदियों पुरानी परंपरा; मिलन समारोह में सहस्त्रबाहु जन्मोत्सव पर की चर्चा

झांसी।
शिवहरे समाज समिति झांसी के तत्वावधान में शनिवार, 19 अक्टूबर को कलचुरी शिवहरे परिवार का दशहरा मिलन समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान रावण को बंधक बनाकर उसके घमंड को चूर करने वाले कलचुरी समाज के आराध्य सहस्रबाहु अर्जुन की पूजा अर्चना के बाद समाजबंधुओं ने परंपरागत तरीके से एक-दूसरे को पान खिलाकर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया।

दशहरा और पान की परंपरा
1बता दें कि झांसी में दशहरा पर एक दूसरे को पान खिलाने की अनोखी परंपरा है जो कि सदियों से चली आ रही है। इसके पीछे कई कहानियां हैं। कुछ लोगों का कहना है कि भगवान श्री राम ने रावण का वध करने के बाद पान खाया था। कुछ मानते हैं कि पुराणों में पान को स्नेह और जीत का प्रतीक माना गया है, लिहाजा दशहरा के दिन लोग एक दूसरे को पान खिलाकर असत्य पर सत्य की जीत की ख़ुशी मनाते हैं। एक दलील यह, कि पान स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होता है और नवरात्रि के नौ दिन व्रत रखने के बाद पान खाने से पाचन सही रहता है। खैर जो भी हो, पूरे झांसी में दशहरा के दिन सड़क किनारे पान की बड़े-बड़े फड़ लग जाते हैं। पान की ऐसी मंडी शायद ही कहीं और दिखाई दे।

सहस्त्रबाहु जन्मोत्सव पर चर्चा
श्री मुन्नालाल महाजन धर्मशाला में शिवहरे समाज झांसी के दशहरा मिलन समारोह की अध्यक्षता शिवहरे समाज समिति झांसी के अध्यक्ष विष्णु शिवहरे ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के संरक्षकगण निहालचंद शिवहरे, पीएन शिवहरे, राधेकृष्ण शिवहरे, लक्ष्मीनारायण शिवहरे ने भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वन कर किया। इसके बाद सभी ने एक-दूसरे को फ्लेवर्ड पान खिलाकर दशहरा की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया। पान न खाने वाले लोग भी समाजबंधुओं के आग्रह को ठुकरा न सके और होठों पर बीड़े की लाली ने उनकी मुस्कराहट पर चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम में समाजबंधुओं ने भगवान सहस्त्रबाहु जन्मोत्सव पर प्रस्तावित आयोजन को लेकर अपने-अपने विचार रखे।

सहस्त्रबाहु ने तोड़ा था रावण का दंभ
अध्यक्ष श्री विष्णु शिवहरे ने कहा कि दशहरा दरअसल असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक पर्व है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने रावण का वध किया था। हालांकि, इस युद्ध से पहले भी अजेय माने जाने वाले रावण को भगवान सहस्त्रबाहु ने पराजित किया था। यही नहीं, रावण को बंधक बनाकर उसका मान-मर्दन किया था। यह युद्ध भी सत्य और असत्य के बीच था और इसमें असत्य परास्त हुआ था।
कार्यक्रम में ये रहे शामिल
हसी-खुशी और हर्षोल्लास के वातावरण में हुए कार्यक्रम का संचालन महासचिव नीरज शिवहरे ने किया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल गुप्ता ने सभा का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में संगठनमंत्री नरेंद्र शिवहरे, कोषाध्यक्ष गणेश प्रसाद शिवहरे, देवेंद्र शिवहरे, संदीप चौकसे, रोहित शिवहरे, महेशचंद शिवहरे (आगरा), रवि प्रकाश शिवहरे, गिरीश शिवहरे, गौरव शिवहरे, जीतू शिवहरे (नेता जी), मोनू शिवहरे, अवधेश शिवहरे, दिलीप शिवहरे, प्रेमनारायण शिवहरे, सुरेश कुमार शिवहरे, विनोद शिवहरे, नवीन शिवहरे, आशीष शिवहरे, अमित शिवहरे, सौरभ शिवहरे, रिंकू शिवहरे, की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

  1. ↩︎

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