आगरा।
होली एक दिन का नहीं, बल्कि पूरी एक ऋतु का त्योहार है। जिस तरह बसंत ऋतु प्रकृति में उल्लास भर देती है, उसी तरह होली का त्योहार भी समाज की उदासी को दूर कर उसमें उत्साह के रंग भर देता है। उदास मनुष्य को गतिमान करने के लिए राग और रंग जरूरी है, होली में दोनों हैं। यही वजह है कि होली बीतने के बाद भी इसका खुमार तारी रहता है।

आगरा मे शिवहरे महिलाओं ने समाज की धरोहर राधाकृष्ण मंदिर में बीते रोज राग और रंग के हल्ले कर दिए। श्रीमती रचना वीरेंद्र गुप्ता, श्रीमती डॉली राजीव शिवहरे और श्रीमती साधना संजीव गुप्ता के संयुक्त संयोजन में आयोजित इस होली मिलन में महिलाओं ने जमकर गुलाल खेला। इस दौरान ढोल की थापों से ऊर्जित होली के सामूहिक गीतों की धुनों पूरे मंदिर परिसर को होलीमय कर दिया।

इस दौरान मालती शिवहरे, विजयलक्ष्मी शिवहरे, पूनम गुप्ता, रितु गुप्ता, नीमा गुप्ता, रजनी शिवहरे, रिंकी शिवहरे, नेहा गुप्ता, बबली शिवहरे, आशा शिवहरे, पूनम शिवहरे, बीमा शिवहरे, गुड्डी, अखिलेश, सीमा, अनुपम आदि मौजूद रहे।

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