ग्वालियर।
ग्वालियर के श्रेयश शिवहरे ने ग्लोबल बैंकिंग लीडर ‘सिटी’ (citi) में महज चार साल के करियर में एक लंबी छलांग लगाई है। सिटि (citi) ने 28 वर्षीय श्रेयस को ‘वाइस प्रेसिडेंट-एचआर बिजनेस पार्टनर’ पद पर प्रोन्नत कर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। श्रेयस इस नई भूमिका में एशिया प्रशांत, मध्य-पूर्व और अफ्रीकी देशों में सिटी के कस्टमर्स (वित्तीय संस्थानों) के लिए विक्रय, व्यापार और धन प्रबंधन के क्षेत्र में एचआर ऑपरेशन्स का नेतृत्व करेंगे।


ग्वालियर में कंपू के निकट पवन विहार कालोनी निवासी दवा कारोबारी श्री आशीष शिवहरे व श्रीमती सुनीति शिवहरे (बबिता शिवहरे) के पुत्र एवं श्री लक्ष्मीनारायण शिवहरे ‘उरै वाले’ के पौत्र श्रेयश शिवहरे ने इंदौर के ‘देवी अहिल्या विश्वविद्यालय’ से बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक एंड टेली कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग) करने के बाद ‘एसेंचर’ कंपनी में ‘एप्लीकेशन डेवलपमेंट एसोसिएट’ के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। लेकिन, जॉब के साथ-साथ आईआईएम संस्थान से एमबीए करने के लक्ष्य से कैट (CAT) की तैयारी भी करते रहे। श्रेयस ने कैट परीक्षा क्वालीफाई की, उन्हें आईआईएम-इंदौर में सीट भी मिली लेकिन उन्होंने एडमिशन नहीं लिया। इसी दौरान उन्होंने मुंबई के ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस’ (TISS) की कठिन परीक्षा भी क्वालीफाई कर वहां एमए (मानव संसाधन प्रबंधन एवं श्रम संबंध) पाठ्यक्रम में एडमिशन लिया जिसे एमबीए के बराबर की डिग्री माना जाता है। यहां पढ़ाई के दौरान श्रेयश शिवहरे ने मैरिको, रेकिट, विप्रो और सीएट जैसी बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप की जिसका अनुभव लीडिंग ग्लोबल बैंक ‘सिटी’ में आकर्षक पैकेज पर प्लेसमेंट पाने मे बहुत काम आया।


श्रेयश शिवहरे ने सिटि में महज चार साल के करियर में उच्च पैकेज के साथ वह मुकाम हासिल किया है जो हर एचआर प्रोफेशनल का सपना होता है। श्रेयश ने इन चार सालों मे कई रणनीतिक भूमिकाओं में काम किया और हर जगह अपनी कुशलता साबित कर जल्द-जल्द प्रमोशन पाते गए। इससे पहले वह ‘असिस्टेंट वाइस प्रेसीडेंट- टोटल रिवार्ड’ के पद पर थे जिस पर रहते हुए उन्होंने एशिया-प्रशांत देशों में ‘क्षतिपूर्ति एवं भत्ता’ रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण काम किया। श्रेयस के इस मॉडल को सिटि के न्यूयॉर्क स्थित ग्लोबल हैडऑफिस से भी बहुत सराहा गया जो उनके नए प्रमोशन का आधार बना।
28 वर्षीय श्रेयश शिवहरे अपनी सफलता में माता-पिता का बड़ा योगदान मानते हैं। शिवहरेवाणी से बातचीत में श्रेयश शिवहरे ने बताया कि माता-पिता ने मुश्किल हालात में कभी उनके आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने दिया और एक ताकत बनकर उनके साथ खड़े रहे।


अपनी सफलता का ‘फार्मूला’ पूछे जाने पर श्रेयश शिवहरे ने कहा कि किसी भी स्टूडेंट को बड़ी कंपनी में अच्छा पैकेज पा लेने भर को मंजिल नहीं समझ लेना चाहिए, क्योंकि असल चुनौती तो उसके बाद शुरू होती है, अपनी अच्छी जॉब को अच्छी तरह चलाने की चुनौती। उन्होंने एक प्रोफेशनल के तौर पर पहले काम में अपनी भूमिका और जिम्मेदारियों को अच्छी तरह समझा, और इनके आधार पर बिंदुवार प्राथमिकता सूची तैयार की। उन्होने कहा कि काम तो सारे ही करने होते हैं, लेकिन फोकस उन बिंदुओं पर होना चाहिए जो आपकी कंपनी की प्रगति के लिए निर्णायक हों। उन्होंने भी ऐसा ही किया। श्रेयश की सफलता से उनकी छोटी बहन सुश्री कानन शिवहरे भी खासी प्रेरित हैं, जो क्लैट परीक्षा क्वालीफाई कर गांधीनगर स्थित नेशनल लॉ कालेज से बीए-एलएलबी कर रही हैं।


सिटी दुनिया का प्रमुख ग्लोबल बैंक है जो पिछले 200 सालों से करोड़ों लोगों, कारोबारियों और संस्थानों को वित्तीय सेवाएं प्रदान कर रही है। वर्तमान में यह 180 देशों में काम कर रही है। सिटी बैंक अपने ग्राहकों के लिए वित्तीय सेवाओं के माध्यम से उनकी प्रगति का वाहक बनी हुई है।
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