शिरड़ी।
कलचुरी समाज की महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्था ‘भारतीय कलचुरी जायसवाल समवर्गीय महासभा’ का नया अध्यक्ष कौन होगा? इस बहुप्रतीक्षित प्रश्न का जवाब कुछ ही घंटों में ‘प्रेम, सेवा, सौहार्द और एकता’ की प्रतीक नगरी शिरडी से आने वाला है। शिरडी में शनिवार 13 दिसंबर से शुरू हुए महासभा के दो दिनी राष्ट्रीय महाधिवेशन का समापन रविवार को इसी घोषणा के साथ होगा।
फिलहाल, शिरडी के ‘साईं आश्रम, भक्त निवास’ में सुबह ध्वजारोहण के साथ महासभा के इस महाआयोजन का शुभारंभ हुआ। सुबह 10 बजे चाय-नाश्ते के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। सुबह-शाम दो सत्रों में हुई बैठक में राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने बीत रहे वर्ष के एजेंडे और कार्यों की समीक्षा की समीक्षा की गई। राष्ट्रीय अध्यक्ष लालचंद गुप्ता (मुंबई) ने स्वागत उदबोधन दिया, तो राष्ट्रीय महासचिव राकेश कुमार जायसवाल (सीधी) प्रगति विवरण प्रस्तुत किया। वहीं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष वीरेंद्र राय (झांसी) ने सबके सामने आय-व्यय का विवरण रखा। इस दौरान महासभा के कार्यकारी अध्यक्षों, महिला समिति और युवा समिति के अध्यक्षों ने भी प्रगति विवरण प्रस्तुत किए।
रविवार को सुबह करीब 11 बजे से नए पदाधिकारियों की निर्वाचन प्रक्रिया शुरू होगी। मुरैना के चंद्रप्रकाश शिवहरे मुख्य निर्वाचन अधिकारी की भूमिका में होंगे जबकि अन्य निर्वाचन अधिकारी के रूप में श्यामजी जायसवाल (वाराणसी, राजगोपाल डिक्सेना (कोरबा), विजय जायसवाल (नागपुर), मुन्नालाल जायसवाल (रीवा), शंभूनाथ जायसवाल (जमशेदपुर) और शीसपाल अहलुवालिया (चंडीगढ़) चुनाव प्रक्रिया को अंजाम देंगे। दोपहर तक नए अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों की घोषणा कर दी जाएगी। कलचुरी एकता महासभा की राष्ट्रीय संयोजिका श्रीमती अर्चना जायसवाल और प्रदेश अध्यक्ष श्री सुरेश राय (सीहोर) भी मौजूद रहेंगे। निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए देश के लगभग 22 प्रांतों से महासभा के सदस्य या तो पहुंच चुके हैं, या देर रात तक पहुंचने वाले
फिलहाल ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय कलचुरी जायसवाल समवर्गीय महासभा के लिए शिरडी अधिवेशन मील का पत्थर बनने जा रहा है। वजह यह है कि करीब आठ साल बाद महासभा को एक नया औऱ सर्वसम्मत नेतृत्व मिलेगा। अखिल भारतीय जायसवाल समवर्गीय महासभा के पूर्व नाम वाली यह संस्था वर्ष 2017 में अपने हरिद्वार अधिवेशन में नेतृत्व व अधिपत्य के विवाद को लेकर दो-फाड़ हो गई थी। एक गुट बसंतलाल साव का था जिसकी कमान मुंबई के लालचंद गुप्ता के हाथ में रही, जबकि दूसरा गुट रांची के संजय जायसवाल का था जिसकी कमान स्वयं वे ही संभाल रहे थे। प्रयासों की लंबी श्रृंखला के बाद अगस्त 2024 में झांसी अधिवेशन में दोनों गुट ‘भारतीय कलचुरी जायसवाल समवर्गीय महासभा’ के नए नाम में विलीन हो गईं।
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कौन बनेगा महासभा का नया अध्यक्ष? कुछ घंटों में मिलेगा जवाब; भारतीय कलचुरी जायसवाल समवर्गीय महासभा का शिरडी महाधिवेशन शुरू
- by admin
- December 13, 2025
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- 1 day ago








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