नागपुर।
‘संतरों की नगरी’ नागपुर में आगामी 17 जनवरी को कलचुरी समाज का निःशुल्क सामूहिक विवाह एवं विवाहयोग्य युवक-युवती परिचय सम्मेलन होने जा रहा है। कलचुरी एकता समवर्गी संघ महाराष्ट्र प्रदेश, नागपुर के तत्वावधान में कोराड़ी स्थित पवित्र स्थल ‘महालक्ष्मी जगदंबा संस्थान’ में होने जा रहे सामूहिक विवाह समारोह में रिकार्ड 24 जोड़ों की शादी होगी। खास बात यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित इस सामूहिक विवाह समारोह के नाम इस बार ‘शादियों के शतक’ की खास उपलब्धि भी जुड़ने जा रही है।
आपको बता दें कि प्रख्यात समाजसेवी श्री दीपक जायसवाल की स्वर्गीय माताजी श्रीमती आशादेवी गोविंद प्रसादजी जायसवाल की स्मृति में हर साल सामूहिक विवाह का भव्य आयोजन किया जाता है। यह आठवां संस्करण होगा। इस भव्य आयोजन का शुभारंभ श्री दीपक जायसवाल की पहल पर वर्ष 2016 में हुआ था। आयोजन से पूर्व सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया, जिसके बाद 16 अप्रैल 2016 को 10 जोड़ों का सामुहिक विवाह सम्पन्न हुआ था। दूसरे वर्ष 23 फरवरी 2017 को 11 विवाह, तीसरे वर्ष 12 मार्च 2018 को 11 विवाह, चौथे वर्ष 18 जनवरी 2019 को 11 विवाह, पांचवें वर्ष 08 फरवरी 2020 को 20 विवाह, (वर्ष 2021 को कोरोनाकाल के कारण आयोजन नहीं किया गया), छठवें सम्मेलन में 19 अप्रैल 2022 को 10 विवाह, सातवें सम्मेलन 31 जनवरी 2023 को 19 विवाह संपन्न हुए। इस तरह पिछले सात आयोजनों में अब तक 92 जोड़े विवाह के पवित्र बंधन में बंधे हैं।


कलचुरी एकता समवर्गी संघ के पूर्व अध्यक्ष श्री राजन कटकवार ने शिवहरेवाणी को बताया कि 17 जनवरी को होने वाले सामूहिक विवाह समारोह में शादी के लिए अब तक 24 जोड़ों के आवेदन आ चुके हैं जो नागपुर, गोंदिया, भंडारा के अलावा बालाघाट (मध्य प्रदेश) और रायपुर (छत्तीसगढ़) से हैं। उन्होंने बताया कि आवेदनों की संख्या बढ़ भी सकती है। इन 24 जोड़ों के साथ इस आयोजन के माध्यम से विवाह करने वाले जोड़ों की कुल संख्या 116 हो जाएगा। यूं तो कलचुरी समाज में सामूहिक विवाह के आयोजन देशभर में हर वर्ष होते हैं, लेकिन जिस सुनियोजित और सुव्यवस्थित तरीके से यह आयोजन हर साल होता है, वो अपने आपमें अद्भुत और अनुकरणीय है। जाहिर है कि ऐसे आयोजन लाखों रुपयों के आर्थिक खर्च के साथ ही सैकड़ों कार्यकर्ताओं, मातृशक्ति और युवाओं के समय और श्रम से ही संभव हो पाते हैं। बीते 25 दिसंबर को इस आयोजन को लेकर एक बड़ी मीटिंग रखी गई थी, जिसमें इस आयोजन के ‘आधार स्तंभ’ श्री दीपक जायसवाल स्वयं भी शामिल हुए थे। मीटिंग में आयोजन की रूपरेखा तय की गई। खास बात यह है कि इस बार बाहर के अतिथियों को आमंत्रित नहीं किया गया है, बल्कि नागपुर में सक्रिय स्वजातीय संगठनों के अध्यक्षों को ही मंचासीन किया जाएगा।


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