November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शिक्षा/करियर

कुल आठ कलचुरी युवा बने आईएएस; अररिया के आशीष कुमार भगत को 85वां रैंक; कुमार सानू और आयुषी कलवार की सक्सेस स्टोरी

नई दिल्ली। 
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा 2021 के गत दिवस घोषित रिजल्ट में 3 और कलचुरी युवा कामयाब हुए हैं। इस तरह इस बार कुल आठ कलचुरी युवाओं ने अपनी मेहनत और संकल्प के बल पर आएएएस-आईपीएस बनने का सपना साकार किया है। शिवहरेवाणी ने पहले समाचार में पांच कलचुरी अभ्यर्थियों के सफल होने की जानकारी दी है। जिन तीन अन्य युवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है, उनमें बिहार के अररिया जिले के आशीष कुमार भगत ने 85वीं रैंक, अररिया के ही कुमार सानू उर्फ सानू कुमार भगत ने 505वीं रैंक और असम की सुश्री आयुषी कलवार ने 618वां स्थान प्राप्त किया है। आइये जानते हैं इनकी सक्सेस स्टोरी के बारे मेः-

आशीष कुमार भगत
बिहार के अररिया जिले में फारबिसगंज प्रखंड के सैफगंज निवासी अनिल प्रसाद भगत के होनहार पुत्र आशीष कुमार भगत (ऊपर दिए चित्र में सबसे बाएं) ने सिविल सेवा की परीक्षा में शानदार कामयाबी हासिल कर अपने जिले और समाज का नाम रोशन किया है। अनिल प्रसाद भगत कोलकाता में प्राइवेट नौकरी करते हैं। आशीष की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय और शिशु मंदिर हरिपुर में हुई थी। आशीष का बड़ा भाई सुपौल में सरकारी चिकित्सक है। खास बात यह है कि आशीष पूर्व मे बीपीएससी की परीक्षा पास कर डीएसपी बन गए थे लेकिन इसके बाद भी उन्होंने तैयारी जारी रखी। आशीष की मां शांति देवी गृहणी है और पुत्र की कामयाबी पर पूरा परिवार बहुत खुश है। 

कुमार सानू उर्फ सानू कुमार भगत
इसी तरह फारबिसगंज प्रखंड के ही गांव खवासपुर के सेवानिवृत्त शिक्षक श्यामलाल भगत के पुत्र कुमार सानू (सानू कुमार भगत) ने इंडिया (सामान्य कोटे) में 505वीं रैंक हासिल की। कुमार शानू की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गांव में हुई, कक्षा छह से 10 तक की पढ़ाई अररिया नवोदय विद्यालय से की। 2011 में फारबिसगंज के मिथिला पब्लिक स्कूल से 12 करने के बाद सानू ने आईआईटी, दिल्ली से बीटेक (सत्र 2012-16) और 2017 में एमटेक किया। दो भाइयों में बड़े कुमार सानू को बीटेक के बाद ही जॉब का ऑफर मिला, लेकिन यूपीएससी को लक्ष्य बनाते हुए दिल्ली में ही रहकर तैयारी में जुट गए और आठ घंटे तक प्रतिदिन सेल्फ स्टडी की बदौलत दूसरे प्रयास में लक्ष्य को हासिल किया। सानू का वैकल्पिक विषय केमेस्ट्री था उन्होंने बताया कि आर्गेनिक और इनऑर्गेनिक के साथ फिजिकल केमेस्ट्री में नोट्स तैयार कर 8-8 घंटे तक स्टडी और रिसर्च करता था। सानू अपनी कामयाबी का श्रेय पिता श्यामलाल भगत और माताजी श्रीमती मीरा देवी को देते हैं। यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को संदेश देते हुए सानू ने कहा कि कॉन्फिडेंस ऊंचा रखना चाहिए।असफलता के बावजूद सफलता के लिए मेहनत जारी रखनी चाहिए और अपने ट्रैक को नहीं बदलना चाहिए।

आयुषी कलवार
इसी तरह असम के हैलाकांडी जिले के लाला बाजार निवासी सुश्री आयुषी कलवार ने यूपीएससी में 618वां स्थान प्राप्त किया है। यह कामयाबी हासिल करने वाली वह हैलाकांडी और चाय बागान समुदाय की पहली महिला हैं। कटलीचेर्रा के एक प्रतिष्ठित हाईस्कूल विद्यालय के प्रभारी प्रिसिंपल श्री लक्ष्मीनिवास कलवार और श्रीमती आशा कलवार की इस होनहार पुत्री की स्कूली शिक्षा लालाबाजार के ही सेंट माउंट पब्लिक स्कूल से हुई। हैलाकांडी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय से हाइस्कूल किया। इंटरमीडियेट के बाद उन्होंने एनआईटी सिलचर से बीटेक की पढ़ाई की। यहां कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से आयुषी को बंगलुरू में एक प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर कंपनी में अच्छा-खासा जॉब भी मिल गया। जॉब के दौरान ही आय़ुषी सिविल सेवा में जाने का संकल्प लेकर तैयारी शुरू कर दी। खास बात यह है कि आय़ुषी ने यह कामयाबी बिना किसी कोचिंग क्लास के सेल्फ स्टडीज के बदौलत हासिल की है। आपको बता दें कि आयुषी की बड़ी बहन जागृति कलवार ने 2018 में असम लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता पाई थी और वर्तमान में वह करीमगंज जिले में चुनाव अधिकारी के रूप में पोस्टेड है। लक्ष्मीनिवास कलवार कहते हैं कि मेरी दोनों बेटियों की कामयाबी के पीछे उनकी कठिन मेहनत और संकल्प है। दोनों कभी किसी कोचिंग की सहायता नहीं ली। सेल्फ स्टडी की। उन्होंने भरोसा जताया कि आय़ुषी को जहां कहीं भी पोस्टिंग मिलेगी, वह जनकल्याण के लिए काम करेगी।

 

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