November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शिक्षा/करियर समाचार

एशियन गेम्स में छा गई आशी चौकसे; रायफल शूटिंग में देश को दिलाए दो सिल्वर और एक ब्रांज मैडल; भोपाल में घर पर बधाई देने वालों का तांता

होंग्जु (चीन)।
चीन के होंग्जु में खेले जा रहे एशियन गेम्स-2023 के चौथे दिन बुधवार को भोपाल की आशी चौकसे ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एक सिल्वर और एक ब्रांज मैडल अपने नाम किया है। अभी अभी आशी ने ‘3-पी 50 मीटर’ एकल स्पर्धा में ब्रांज मैडल जीता है। जबकि, सुबह टीम स्पर्धा में सिल्वर मैडल जीता था। इससे पहले रविवार को एशियन गेम्स के पहले ही दिन आशी ने 10 मीटर एयर रायफल टीम इवेंट में भी सिल्वर मैडल हासिल किया था। 
एशियन गेम्स में आशी चौकसे की इस गौरवपूर्ण उपलब्धि ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है। भोपाल में अवधपुरी स्थित आशी चौकसे के घर पर उसके पिता श्री पदमकांत चौकसे और मां श्रीमती वंदना चौकसे को बधाई देने वालों का तांता लग गया है। पूरी कालोनी आशी की सफलता का जश्न मना रही है। आशी ने एशियन गेम्स 2023 के चौथे दिन बुधवार को सुबह 3-पी 50 मीटर रायफल शूटिंग की टीम स्पर्धा में सिल्वर मैडल जीता था। 3-पी स्पर्धा में शूटर को तीन पोजीशन (खड़े होकर, बैठकर और पेट के बल लेट कर) में रहते हुए निशाने लगाने होते हैं। आशी ने अपनी टीम की साथियों सिफ्त कौर सामना और मानिनी कौशिक के साथ शानदार निशानेबाजी का मुजाहिरा करते हुए 1764 अंक हासिल किए और बहुत कम मार्जिन से गोल्ड से चूक गईं। उन्हें सिल्वर मैडल दिया गया। वहीं एकल स्पर्धा में आशी ने ब्रांज मैडल जीतने में कामयाबी हासिल की। मजे की बात यह है कि इस इवेंट में भारत की ही सिफ्त कौर सामरा ने गोल्ड मैडल जीता है। इससे पहले एशियन गेम्स के पहले ही दिन आशी ने 10 मीटर एयर रायफल की टीम स्पर्धा में अपनी साथी रमिता और मेहुली के साथ मिलकर सिल्वर मैडल जीता था। इस तरह आशी के लिए यह एशियन गेम्स शानदार रहा जिसमें उसने दो सिल्वर मैडल और एक ब्रांज मैडल हासिल किया है। 
आशी के पिता श्री पदमकांत चौकसे ने शिवहरेवाणी को बताया कि बिटिया ने हमारा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। आशी ने एशियन गेम्स के लिए बहुत मेहनत की थी, उसे एशियन गेम्स में मैडल जीतने का पूरा भरोसा था। उन्होंने कहा कि हम आशी के लौटने का इंतजार कर रहे हैं, लोग उसका वार्म वेलकम चाहते हैं। 21 वर्षीय आशी चौकसे इससे पहले भी इंटरनेशल, नेशनल और स्टेट लेवल की स्पर्धाओं में भी कई पदक जीत चुकी हैं। भोपाल के रेलवे कर्मचारी श्री पदमकांत चौकसे एवं श्रीमती वंदना चौकसे की पुत्री आशी चौकसे अमृतसर स्थित गुरुनानक यूनीवर्सिटी में ग्रेजुएशन (फिजिकल एजुकेशन एंड कामर्स) की फाइनल ईयर की छात्रा हैं। आशी जर्मनी,अजरबेजान में हुई इंटरनेशल स्पर्धाओं में गोल्ड जीत चुकी है। इससे पहले बेंगलुरू में हुई खेलो इंडिया यूनीवर्सिटी गेम्स में आशी चौकसे एक गोल्ड और एक सिल्वर मैडल जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गई थीं। राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में आशी चौकसे ने दो गोल्ड और दो सिल्वर मैडल जीते थे। 
श्री पदमकांत चौकसे ने शिवहरेवाणी को बताया कि आशी चौकसे ने 9वीं कक्षा में एनसीसी ज्वाइन की थी, और वहीं से रायफल शूटिंग में उसकी प्रतिभा उभरकर सामने आई थी। उनकी खेल प्रतिभा को देखते हुए इंडियन आर्मी ने उन्हें जॉब भी ऑफर की थी। एशियन गेम्स के बाद आशी का अगला टारगेट ओलंपिक गेम्स में मैडल जीतने का है। आशी चौकसे अपनी सफलता का श्रेय अपने कोचेज, मेंटर्स और फैमिली को देती हैं। उनका कहना है कि पिता श्री पदमकांत चौकसे के साथ ही मां श्रीमती वंदना चौकसे और भैय्या श्री पलाश चौकसे के प्रोत्साहन और सहयोग के बिना यह कामयाबी मुमकिन नहीं थी। पलाश चौकसे भोपाल में आईसीआईसीआई बैंक में कार्यरत हैं। 
 

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