April 14, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शिक्षा/करियर समाचार

कमिश्नर दंपति के पुत्र अभिनव आर्य बने ‘असिस्टेंट डायरेक्टर एजुकेशन’; MPPSC में लगातार तीसरी कामयाबी; वर्तमान में हैं सीहोर के भू-अखिलेख अधीक्षक

भोपाल।
प्रांतीय लोक सेवा अधिकारी दंपति के होनहार पुत्र अभिनव आर्य ने लगातार तीसरी बार अनारक्षित वर्ग में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) परीक्षा में कामयाबी हासिल कर परिवार और समाज को गौरवान्वित किया है। उनका चयन असिस्टेंट डायरेक्टर एजुकेशन के पद पर हुआ है। बीते बुधवार को राज्य स्तरीय सेवा परीक्षा-2019 का परिणाम घोषित होने के बाद से भोपाल में उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
इससे पूर्व अभिनव आर्य पहली बार में ही एमपीपीएससी की ‘स्टेट फॉरेस्ट सर्विस’ परीक्षा क्लीयर कर ‘फॉरेस्ट रेंजर’ बने थे, और पहली बार में ही ‘स्टेट सिविल सर्विसेज’ परीक्षा में उनका चयन ‘सहायक भू-अभिलेख अधीक्षक’ के पद पर हुआ था। वर्तमान में वह सीहोर जिले में ‘भू-अभिलेख अधीक्षक’ के पद पर तैनात हैं। अभिनव अपने माता-पिता को अपना आदर्श मानते हैं। वह कहते हैं कि माता-पिता को देखते हुए ही उन्होंने प्रशासनिक सेवा को लक्ष्य बनाया। अभिनव के पिता श्री सुरेश आर्य ‘अतिरिक्त संचालक, ग्रामीण विकास विभाग’ के पद पर भोपाल में पोस्टेड हैं, जबकि मां श्रीमती सरोज चौकसे आर्य भी भोपाल में ही ‘अपर आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग’ पद पर कार्यरत हैं। श्री सुरेश आर्य मूलतः बेतूल के हैं लेकिन प्रशासनिक सेवा में जाने के बाद से कई जिलों में तैनात रहे। वर्तमान में पति-पत्नी, दोनों भोपाल में पोस्टेड हैं।
1991 में खंडवा में जन्मे अभिनव आर्य ने मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) से बीटेक किया। कॉलेज में ही कैंपस प्लेसमेंट के जरिय उन्हें इनफोसिस में अच्छा जॉब भी मिल गया। लेकिन, अभिनव ने तो प्रशासनिक सेवा में जाने की ठान रखी थी, लिहाजा नौकरी करने के साथ-साथ तैयारी भी शुरू कर दी। अभिवन की कामयाबी से परिवार बहुत खुश हैं। उनकी धर्मपत्नी डा. स्वर्णा आर्य (मुख रोज सर्जन) उनकी सफलता पर गौरवान्वित हैं, और उन्हें भी खूब बधाइयां मिल रही हैं। बहन डा. आकांक्षा आर्य (मनोरोग विशेषज्ञ) की खुशी का भी ठिकाना नहीं है।


अभिवन आर्य के पिता श्री सुरेश आर्य बेटे की सफलता का श्रेय खुद उसकी लगन और मेहनत को देते हैं। शिवहरेवाणी से बातचीत में उन्होंने कहा कि लोकसेवा की परीक्षाएं आसान नहीं होती हैं, दृढ़ संकल्प शक्ति के बिना इसमें कामयाबी संभव नहीं हैं। अपने दौर की याद करते हुए वह बताते हैं कि जब उन्होंने तैयारी की, उस वक्त बेतूल में डाक से अखबार आते हैं, वो भी 4-5 दिन बाद। घटनाक्रमों की प्रमाणित जानकारियां जुटाना बहुत मुश्किल हुआ करता था। अब सहूलियतें बढ़ गई हैं तो कंप्टीशन बहुत टफ हो गया है। कुल मिलाकर अभ्यर्थी को सफलता के लिए उतनी ही मेहनत औऱ प्रतिबद्धता दरकार है, और इसीलिए कामयाबी पर बधाई का असल हकदार भी वही होना चाहिए।

    Leave feedback about this

    • Quality
    • Price
    • Service

    PROS

    +
    Add Field

    CONS

    +
    Add Field
    Choose Image
    Choose Video

    वुमन पॉवर, समाचार

    बाड़ी में वंदना शिवहरे ने संभाली ऐतिहासिक ‘श्रीराम शोभायात्रा’

    Uncategorized, समाचार

    Utkash weds Shaifali..photo album

    समाचार, समाज

    सामूहिक विवाह समारोह: विधायक विजय शिवहरे से मिली ग्वालियर

    समाचार

    15वां पुण्य स्मरणः स्व. श्री गिरजाशंकरजी गुप्ता

    समाचार

    संशोधित…..दाऊजी मंदिर में 12 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव; फूलबंगला,

    समाचार, समाज

    कलचुरी समाज एकजुट हो, तभी साकार होगा पापन्ना गौड़

    वुमन पॉवर, समाचार

    बाड़ी में वंदना शिवहरे ने संभाली ऐतिहासिक ‘श्रीराम शोभायात्रा’

    Uncategorized, समाचार

    Utkash weds Shaifali..photo album

    समाचार, समाज

    सामूहिक विवाह समारोह: विधायक विजय शिवहरे से मिली ग्वालियर

    समाचार

    15वां पुण्य स्मरणः स्व. श्री गिरजाशंकरजी गुप्ता