आगरा।
गया साल कैसा भी गुजरा हो, लेकिन नए साल की शुरुआत का उत्साह और उमंग हर चेहरे पर नजर आता है। यही है जीवन…नकारात्मक अतीत औऱ बुरी यादों को भूल जाएं, सिर्फ अच्छा याद रखें और नए साल पर सकारात्मकता के साथ नई शुरुआत करें।
जहां तक वर्ष 2020 की बात है तो यह भारतीय समाज के ज्यादातर तबकों लिए दुःखदायी ही रहा। कोरोना महामारी के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन ने मार्च से लेकर जुलाई तक पूरे देश की आर्थिक गतिविधियों पर जैसे ब्रेक ही लगा दिए थे। ऐसे संकटकाल में कलचुरी समाज के लोग गरीब और वंचित तबके के सहयोग में आगे आए। इसमें कोई दो राय नहीं कि पूरे देश में कलचुरी समाज को सबसे बड़े जातीय समाजों में एक माना जाता है, और फख्र की बात यह है कि समाज ने इस संकटकाल में बड़ा जातीय समाज होने के दायित्व को शिद्दत से निबाहया और बड़ी संख्या में समाजबंधु कोरोना फाइटर्स के रूप में सामने आए। आगरा हो या फिरोजाबाद, ग्वालियर हो या झांसी, लखनऊ हो या वाराणसी, भोपाल हो या इंदौर या फिर दिल्ली..ऐसा कोई नगर या महानगर नहीं था जहां कलचुरी समाज के युवाओं ने जरूरतमंदों की सहायता न की हो। वह चाहें लोगों तक भोजन या खाद्यसामग्री पहुंचाने की बात हो, या फिर सेनेटाइजर और मास्क वितरित करने की। समाज के इन सभी कोरोना फाइटर्स को एक सैल्यूट तो बनता है।
आगरा की बात करें तो आलमगंज स्थित शिवहरे समाज की धरोहर मंदिर श्री राधाकृष्ण ने 2020 में अपने निर्माण के महत्वपूर्ण चरण को पूर्ण किया। आज मंदिर की भव्यता शिवहरे समाज के सामूहिक सहयोग का प्रतीक बन चुकी है। वरिष्ठ समाजसेवी श्री किशन शिवहरे ने मंदिर के आंगन और स्तंभों को कीमती खूबसूरत पत्थरों से सुसज्जित कराया, वहीं श्री रवि गुप्ता ( A to Z इंटीरियर प्रोडक्ट्स) ने इस हॉल की शानदार रूफिंग (छत) कराई। वरिष्ठ भाजपा नेता श्री कुलभूषण गुप्ता रामभाई ने मंदिर में रामदरबार की स्थापना कराई, तो श्री धीरज शिवहरे ने देवी मां की प्रतिमा स्थापित कराई। मंदिर समिति की ओर शिव दरबार स्थापित कराया गया। बीते वर्ष 26 फरवरी को इन प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा का भव्य समारोह आयोजित किया गया। वर्ष 2020 में आगरा में शिवहरे समाज का यही एकमात्र भव्य आयोजन रहा, जिसमें संपूर्ण समाज ने भागीदारी की।
इसके बाद तो कोरोना महामारी का खौफ तारी हो गया, जिसके चलते पहली बार होली मिलन समारोह को स्थगित करना पड़ा। इसके कुछ दिन बाद ही लॉकडाउन लागू हो गया, और सामाजिक गतिविधियां ठप हो गईं। समाज की दोनों धरोहरों दाऊजी मंदिर और राधाकृष्ण मंदिर के पट भी बंद रहे, जो आगरा में शिवहरे समाज की सामाजिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद इन दोनों धरोहरों में जन्माष्टमी, अन्नकूट जैसे आयोजन भी कोरोना प्रोटोकॉल के दायरे में बहुत ही सीमित दायरे में हुए।
लॉकडाउन खुलने के बाद पहला सामाजिक आयोजन हुआ मेधावी छात्र-छात्र सम्मान समारोह। शिवहरे समाज एकता परिषद और शिवहरेवाणी के संयुक्त तत्वावधान में यह कार्यक्रम 24 अक्टूबर को दाऊजी मंदिर परिसर में आयोजित हुआ। कोरोना प्रोटोकॉल के चलते इस बार यह आयोजन बहुत सीमित दायरे में रहा। लेकिन, इसका होना ही अपने आपमें बड़ी उपलब्धि मानी जानी चाहिए। चंद अतिथियों की उपस्थिति में 50 से अधिक मेधावी बच्चों को सम्मानित किया गया, वयोवृद्ध समाजसेवी श्री सुरेशचंद्र गर्ग का विशेष अभिनंदन, कोरोना फाइटर श्री सरजू गुप्ता को शिवहरे सेवा रत्न और श्रीमती आशारानी शिवहरे को शिवहरे शिक्षा रत्न सम्मान से नवाजा गया।
आगरा में समाज की प्रमुख धरोहर दाऊजी मंदिर में दाऊजी की पूनो के समारोह का जिक्र भी जरूरी है। 30 दिसंबर को हुए इस कार्यक्रम में समाजबंधुओं ने बड़ी संख्या में पहुंचकर एक उम्मीद जताई है कि वर्ष 2021 में इस धरोहर से समाज का जुड़ाव पहले की तरह मजबूत हो सकता है। इसके लिए मंदिर प्रबंध कमेटी को भी अतिरिक्त प्रयास करने होंगे जिस पर आगे चर्चा-परिचर्चा की जानी चाहिए।
एक वर्ष का बीत जाना, और एक नए वर्ष का आना समय का एक पड़ाव है, जहां हमें अतीत से भविष्य की राह तलाशनी है। बीते वर्ष में हुई गलतियों का अहसास करें, और सुनिश्चित करें कि इस वर्ष उनका दुहराव न हो। व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में अपने व्यवहार और विचार से आप स्वयं को बेहतर इंसान के रूप में प्रतिष्ठित करें, यही हमारी शुभकामना है।
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