November 23, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

आगराः ताबड़तोड़ मौतों से समाज आशंकित, कोरोना से कहीं अधिक जानलेवा बना कुप्रबंधन

आगरा। 
कोरोना वायरस से मौतों का आंकड़ा हर दिन हर दिल को दहला रहा है। बीते 24 घंटे के अंदर आगरा के शिवहरे समाज में ही चार लोगों के मरने की दुखद सूचना से समाज को बुरी तरह भयाक्रांत और आशंकित कर दिया है। अभी अभी मूल रूप से नाई की मंडी निवासी श्री रामेश्वर गुप्ता (हाल निवासी शमशाबाद रोड) के निधन की सूचना प्राप्त हुई है। उनको कोविड जैसे लक्षण थे।  वरिष्ठ भाजपा नेता श्री कुलभूषण गुप्ता ‘राम भाई’ के अग्रज श्री शशिभूषण शिवहरे ‘गुड्डू भाई’ की कोविड से हुई मौत ने तो  लोगों को हिलाकर रख दिया। हालांकि यह भी सत्य है कि हर मौत की वजह कोविड नहीं है। महामारी के बीच नाकाफी चिकित्सा सुविधाओं, अव्यवस्थाओं और बदइंतजामी की बड़ी कीमत उन लोगों को भी चुकानी पड़ रही है जो कोविड से संक्रमित नहीं है। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और जरूरी दवाओंं के संकट ने हर जिंदगी को जोखिम में डाल रखा है। 
दाऊजी मंदिर प्रबंध समिति के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट स्व. श्री विनोद चंद्र गुप्ता की धर्मपत्नी प्रो. श्रीमती मधु गुप्ता का रविवार-सोमवार की रात 1.20 बजे निधन हो गया। वह आगरा कालेज में सांख्यिकी की प्रोफेसर थीं और विभागाध्यक्ष के पद से रिटायर हुई थीं। बताया जाता है कि वह कुछ समय से कैंसर से पीड़ित थीं। सोमवार सुबह उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। प्रो. मधु गुप्ता अपने पीछे पुत्री सुगंधा और दामाद आकाश को छोड़ गई हैं। उनके देवर श्री प्रभात गुप्ता ने बताया कि कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति को देखते हुए उनकी उठावनी निरस्त कर दी गई है, मित्रगण, संबंधी और सभी शुभेच्छु अपने स्थान से ही उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करें। 
इस बीच श्रीमती ऊषा गुप्ता पत्नी स्व. श्री जगदीश गुप्ता का निधन भी देर रात हो गया। मूल रूप से नाई की मंडी निवासी स्व. श्री जगदीश प्रसाद गुप्ता का परिवार इन जयपुर हाउस में प्रतापनगर स्थित चिंताहरण मंदिर के पास मकान संख्या A-11 में निवास कर रहा है। वह अपने पीछे दो पुत्रों नीरज गुप्ता और राजकुमार गुप्ता को छोड़ गई हैं। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, श्रीमती ऊषा गुप्ता के निधन के पीछे कोविड संबंधी कोई वजह नहीं है, वह काफी समय से बीमार चल रही थीं। अलबत्ता मलाल यह है कि आखिरी वक्त उन्हे अस्पताल मुहैया नहीं कराया जा सका।
वहीं दूसरी तरफ, सरकारी चिकित्सा सेवा से रिटायर डा. जगदीश प्रसाद गुप्ता (शिवहरे) का भी देहांत भी सोमवार सुबह हो गया। मूल रूप से आगरा के नाई की मडी में गुजराती पाड़ा निवासी डा. जगदीश प्रसाद गुप्ता अपने परिवार के साथ सिकंदरा क्षेत्र के गैलाना स्थित निर्भय नगर में रहते थे। उनका निधन कैसे हुआ, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है। 
इससे पूर्व खंदारी निवासी श्री किशन स्वरूप गुप्ता का निधन 24 अप्रैल को हो गया। मूल रूप से नाई की मंडी निवासी श्री किशन स्वरूप गुप्ता एसएन अस्पताल मे स्टेनो टाइपिस्ट थे और रिटायर होने के बाद बिजनेस मे बेटों का हाथ बंटा रहे थे। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, उन्हें शुरू में हल्का खांसी बुखार की शिकायत थी, जिसका उपचार चल रहा था। 24 अप्रैल को अचानक उनकी सांसें तेज चलने लगीं, परिजनों ने किसी तरह घर में ही उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया लेकिन अस्पताल में दाखिल नहीं करा पाए और उन्होंने दम तोड़ दिया।  
फिलहाल, बुरी खबरों का सिलसिला कब और कहां जाकर थमेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता। विभिन्न अध्ययनों मे आने वाले दिनों में कोविड के हालात और अधिक बिगड़ते जाने का अनुमान है। इनसे डरने की जरूरत नहीं है, सतर्क रहें। हालात सुधरने तक मोबाइल पर एक-दूसरे के हालचाल लेते रहें, एक-दूसरे को हौसला देते रहें। कोरोना की जरूरी ऐहतियात बरतते रहें। 
 

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