आगरा
रंग हैं तो खुशी है, आस है, प्रेरणा है, जीवन है। जरा सोचिये, रंग न होते तो कैसी होती ये दुनिया! पेड़ हरे न होते, फूल लाल-पीले न होते, आंखें कजरारी न होतीं, कैसी होती हमारी खाल, कपड़े, कैसे लगते आप और मै, कैसे जीते हम सब। ऐसी किसी दुनिया की कल्पना ही भयावह है। तो आइये, हम सब रंगों से होली खेलकर उस विधाता का अभिनंदन करें जिसने हमें रंग बख्शे हैं। परिजनों का सम्मान करें, जो हमें सुंदर रंगों वाली इस दुनिया में लाए हैं, बुजुर्गों का आशीर्वाद लें जिन्होंने रंगों की यह संपदा और परंपरा हमें सौंपी है। उन बच्चों को प्यार करें जिन्हें इन रंगों से प्रेरित होकर इस संसार को संवारना है, जिन्हें प्रकृति के सौंदर्य को अक्षुण्ण बनाए रखना है।
यही शुकराना होली का मूलभाव है और होली मिलन इसी शुक्रगुजारी के भाव को व्यक्त करने का एक बहाना है। इसीलिए भले ही होली खेलें या न खेलें, लेकिन होली मिलन में शिरकत जरूर करनी चाहिए। आगरा में शिवहरे समाज का होली मिलन समारोह इस बार लोहामंडी स्थित मंदिर श्री राधाकृष्ण में 19 मार्च शनिवार यानी दौज के दिन रखा गया है। कोरोना काल के चलते 2020 में होली मिलन का आयोजन निरस्त करना पड़ा था और बीते वर्ष यानी 2021 में यह बहुत सूक्ष्म रूप में हुआ था। इस बार दोनों मंदिरों की कार्यकारिणी ने होली मिलन समारोह संयमित तरीके से मनाने का निर्णय किया है।
मंदिर श्री दाऊजी महाराज प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री बिजनेश शिवहरे और मंदिर श्री राधाकृष्ण प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री अरविंद गुप्ता ने सभी समाजबंधुओं से 19 मार्च की शाम 4 बजे सो होने वाले होली मिलन में भाग लेने का आह्वान किया है जहां चंदन का तिलक मस्तिष्क को और स्वादिष्ट ठंडाई मन को पवित्र शीतलता प्रदान करेगी। समारोह में समाज की वयोवृद्ध महिलाओं 87 वर्षीय श्रीमती विशन देवी पत्नी स्व. श्री दीनदयाल गुप्ता और श्रीमती सुशीला गुप्ता पत्नी श्री सुरेंद्र कुमार गुप्ता को सम्मानित किया जाएगा।
राधाकृष्ण मंदिर के महासचिव श्री मुकुंद शिवहरे ने बताया कि इस अवसर पर दाऊजी मंदिर के पुरोहित और लंबे समय से समाज को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे परम श्रद्धेय पंडित श्री महेश शर्माजी (महेश पंडितजी) एवं राधाकृष्ण मंदिर के पुरोहित श्री सुनील चतुर्वेदीजी का विशेष सम्मान भी समाज की ओर से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम या प्रस्तुति का कोई विचार नहीं है, लेकिन यदि बच्चों या किसी की ओर से ऐसी किसी प्रस्तुति का प्रस्ताव आता है तो उन्हें मंच पर अवसर दिया जाएगा।
बता दें कि होली की शाम को दाऊजी मंदिर में होली मिलन समारोह के आयोजन और इसके अगले दिन दौज की शाम को राधाकृष्ण मंदिर में होली मिलन समारोह किए जाने की परंपरा रही है। लेकिन 2019 से दोनों मंदिरों की प्रबंध समितियों ने नई व्यवस्था लागू की जिसके अंतर्गत एक वर्ष होली मिलन समारोह दाऊजी मंदिर में मनाया जाएगा और उसके अगले वर्ष राधाकृष्ण मंदिर को यह अवसर प्रदान किया जाएगा।
Leave feedback about this