भोपाल।
मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती अर्चना जायसवाल को पद से हटाने को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। दरअसल पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से जो पत्र जारी हुआ है, उसमें अर्चना जायसवाल को हटाने का उल्लेख नहीं किया गया है। इस बारे में पूछे जाने पर अर्चना जायसवाल ने पलटकर सवाल किया, ‘कौन कहता है मुझे हटा दिया है, मैं मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हूं। कार्यकारिणी भंग करने का मतलब अध्यक्ष को हटाना नहीं होता।’ उन्होंने कहा कि ‘मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। लेकिन मैं झुकुंगी नहीं, टूटूंगी नही और अपना काम करती रहूंगी।’
शिवहरेवाणी से विशेष बातचीत में जब उनसे अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव ओनिका मलहोत्रा की ओर से 23 फरवरी को जारी पत्र के बारे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसमें मध्य प्रदेश की महिला कांग्रेस कमेटी को आगामी नियुक्ति तक भंग किए जाने की बात लिखी है। जब अध्यक्ष को हटाया जाता है तो कार्यकारिणी स्वयं ही भंग हो जाती है, लेकिन पत्र में केवल कार्यकारिणी को भंग करने की बात है। उन्होंने कहा, ‘क्या किसी के पास ऐसा पत्र है जिसमें मुझे पद से हटाने की बात लिखी हो?’
श्रीमती जायसवाल ने दलील दी कि पूर्व में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव की कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी, लेकिन वह अध्यक्ष बने रहे थे और अगला अध्यक्ष नियुक्त होने तक उन्होंने अपना काम किया। उन्होंने आरोप लगाया कि एक साजिश के तहत उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। पुरुष वर्चस्ववादी समाज में एक महिला होने की वजह से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जो भी कहना है, पार्टी मंच पर कहेंगी।
बता दें कि श्रीमती अर्चना जायसवाल की गिनती मध्य प्रदेश कांग्रेस के उन लीडर्स में होती है, जिनकी खासी फालोइंग है। वह राष्ट्रीय स्तर पर कलचुरी कलार समाज की एक सशक्त प्रतिनिधि हैं। श्रीमती अर्चना जायसवाल राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की राष्ट्रीय संयोजिका हैं। मध्य प्रदेश में इस संगठन ने हर जिले में ग्राम स्तर तक कलचुरी समाज में अपनी पैठ बनाई है। मध्य प्रदेश में कलचुरी कलार समाज की संख्या कुल आबादी की लगभग 10 प्रतिशत है। वह कांग्रेस की ऐसी नेत्री हैं जिन्होंने कलचुरी कलार समाज के एक बड़े वर्ग को पार्टी से जोड़ा है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं कलचुरी एकता महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष श्री किशोर राय इस पूरे प्रकरण को पार्टी के अंदर गुटबाजी से जोड़कर देखते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमती अर्चना जायसवाल पूरी सक्रियता से सही दिशा में काम कर रही हैं, लेकिन यह बात पार्टी में उन लोगों के गले नहीं उतर रही है जिनकी निष्क्रियता की कीमत कांग्रेस चुकाती आई है।
27 जुलाई 2021 को मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष नियुक्त हुईं श्रीमती अर्चना जायसवाल ने बीती 30 जनवरी को कार्यकारिणी का गठन किया था। उन्होंने जिला अध्यक्ष भी नियुक्त किए। इन नियुक्तियों को लेकर ही अर्चना जायसवाल पर सवाल उठ रहे हैं। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अर्चना जायसवाल ने जमीन पर काम करने वाले सक्रिय और समर्पित कार्यकर्ताओं को अहम जिम्मेदारियां सौंपी हैं, जिससे संगठन को धरातल पर मजबूती मिली है। इसीलिए पार्टी नेतृत्व की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने का कोई आधार ही नहीं बनता। यह विरोधियों के दुष्प्रचार से ज्यादा कुछ नहीं है।
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