November 1, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शिक्षा/करियर समाचार

भजन गायिकी में उभरता नाम है ग्वालियर की भानुप्रिया राय; फिल्मों के लिए नहीं, सिर्फ प्रभु के लिए गाएंगी; पहली बार स्वजातीय लोगों के सामने दी प्रस्तुति

ग्वालियर।
ग्वालियर की उभरती हुई गायिका सुश्री भानुप्रिया राय की गायिकी में यूं तो वे सारे गुण हैं जो एक अच्छे प्लेबैक सिंगर में होने चाहिए, मसलन मखमली आवाज, रागों (शास्त्रीय संगीत) की गहरी जानकारी, सुरों पर पकड़, शुद्ध उच्चारण, बोलों की भावाभिव्यक्ति..। लेकिन भानुप्रिया फिल्मों के लिए गाना नहीं चाहतीं। वह संगीत की अपनी प्रतिभा को प्रभु का उपहार मानती हैं, और इसीलिए इसे प्रभु को ही समर्पित करना चाहती हैं। शिवहरेवाणी से बातचीत में इस डबल गोल्ड मैडलिस्ट सिंगर ने कहा कि वह प्रभु के भजन गाती हैं, औऱ भविष्य में भी वही गाती रहेंगी। रही बात करिएर की, तो म्यूजिक प्रोफेसर बनना उनका लक्ष्य है जिसके लिए पीएचडी कर रही हैं। 

आपको बता दें कि बीते दिनों ग्वालियर में सागर ताल स्थित टंकी वाले हनुमान मंदिर में कलचुरी महासंघ की ओर से आयोजित सामाजिक गोठ में सुश्री भानुप्रिया राय ने अपनी गायिकी की अमिट छाप लोगों के मन में छोड़ी है। वह हर भजन को इतने अधिकार के साथ गाते हैं, मानो मूल भजन भी उन्हीं ने गाया हो। ग्वालियर में घास मंडी निवासी मेडिकल शॉप संचालक श्री रमेशचंद्र राय एवं श्रीमती बबली राय की सुपुत्री सुश्री भानुप्रिया राय की बचपन से ही संगीत में विशेष अभिरुचि थी। इसे परखकर माता-पिता ने उन्हें संगीत की विधिवत शिक्षा दिलाई। भानुप्रिया तानसेन संगीट महाविद्यालय से संगीत में छह वर्षीय डिप्लोमा करने के बाद माधव संगीत महाविद्यालय से तीन वर्ष का बीपीए (बैचलर ऑफ प्रोग्रामिंग आर्ट) किया जिसमें उन्होंने पूरे मध्य प्रदेश में पांचवा स्थान प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने माधव संगीय विद्यालय से ही दो वर्षीय एमपीए (मास्टर ऑफ प्रोग्रामिंग आर्ट) किया। एमपीए में उन्होंने पूरे मध्य प्रदेश में टॉप किया, जिसके लिए 2022 में राज्पाल ने उन्हें डबल गोल्ड मैडल प्रदान किए। वर्तमान में वह पीएचडी करने के साथ ही मोरार स्थित प्रगति विद्यापीठ में संगीत की शिक्षिका हैं। आकाशवाणी ग्वालियर की वह बी-ग्रेड आर्टिस्ट हैं। 

भानुप्रिया 2014 से ही ग्वालियर के विश्व प्रसिद्ध तानसेन संगीत समारोह में हर साल ध्रुपद गायन की प्रस्तुति देती आ रही हैं। इसके अलावा वह राधेकृष्णा म्यूजिक एकेडमी चलाती हैं, जिसमें बच्चों को संगीत सिखाती हैं। साथ ही उन्होंने राधेकृष्णा बैंड कर बच्चों व युवाओं के मन में शास्त्रीय व सुगम संगीत के प्रति प्रेम और ललक जगाने का प्रयास कर रही हैं। यह भी बता दें कि सुश्री भानुप्रिया 2018 में नेशनल लेवल और 2019 एवं 2020 में स्टेट लेवल विनर रही हैं। भानुप्रिया ने बताया कि संगीत में तमाम पुरस्कार और उपलब्धियां प्राप्त करने के बावजूद उन्होंने सामाजिक गोठ में पहली बार अपने समाज के सामने भजन प्रस्तुति दी और बदले में समाज ने जो मान-सम्मान व प्यार उन्हें दिया है, उससे वह प्रेरित और प्रभावित हैं। कलचुरी महासंघ, ग्वालियर के अध्यक्ष श्री सतीश जायसवाल ने सामाजिक गोठ में प्रस्तुति देने के लिए सुश्री भानुप्रिया का आभार व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
भानुप्रिया ने बताया कि संगीत और अध्यात्म से उन्हें बचपन से ही लगाव रहा है जो आज भी कायम है। इसीलिए उन्हें भजन गाना अच्छा लगता है। वह हर तरह के भजन गाती हैं. नए-नए भजनों को संगीत में पिरोती हैं। खास बात यह है कि उनके दादाजी श्री करोड़ी प्रसाद राय और दादी श्रीमती धन्नाबाई भी अक्सर उससे भजनों की फरमाइश कर देते हैं और वह उनके लिए भजन गाती है। सुश्री भानुप्रिया का भाई ललित राय आईआईटी-पल्लकड़ (केरल) से बीई (कंप्यूटर साइंस) के फाइनल ईयर में पढ़ रहा है। 
सुश्री भानुप्रिया अपने संगीत के लिए सबसे पहले भगवान का आभार व्यक्त करती हैं जिन्होंने उन्हें संगीत के गुण से नवाजा है। फिर अपने दादा-दादी और माता-पिता का आभार मानती हैं जिन्होंने उसके गुण को पहचाना और संगीत की शिक्षा दिलाई। साथ ही वह अपने आपको भाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें साधना गोरे के रूप में एक ऐसा गुरू मिला जिन्होंने उसे शास्त्रीय संगीत से समृद्ध किया। कुछ दिन उन्होंने रविंद्रनाथ मंडल से भी क्लासिकल म्यूजिक की ट्रेनिंग ली। 
 

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