रायपुर।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के जाने-माने चिकित्सक डा. राका शिवहरे को वर्ष 2021 का चैलेंजिंग टाइम्स अवार्ड से नवाजा गया है। मधुमीत डायबिटीज हॉस्पिटल के संचालक एवं प्रसिद्ध इंडोक्रायनोलाजिस्ट (अंतःस्रावविज्ञानी) डा. राका शिवहरे ने कोरोनाकाल के दौरान लॉकडाउन की कठिन परिस्थितियों में अपने मरीजों के उपचार के लिए टेली मेडिसिन आधारित इंसुलिन कंट्रोल टेक्निक का नया प्रयोग किया था। इसके चलते सैकड़ों मरीजों लाभ पहुंचा, यहां तक कि इस टेक्निक की सहायता से डा. राका शिवहरे ने इंसुलिन पर निर्भर मरीजों को क्लीनिक पर बुलाए बिना भी उनकी इंसुलिन डोज में बदलाव किए और उनके शुगर लेवल को कंट्रोल रखा।
देश में डायबिटीज रिसर्च की सबसे बड़ी संस्था ‘रिसर्च सोसाइटी फार द स्टडी आफ डायबिटीज इन इंडिया (आरएसएसडीआई)’ द्वारा प्रतिष्ठित अवार्ड के लिए डा. राका शिवहरे को चुने जाने पर मेडिकल कम्युनिटी ने हर्ष व्यक्त किया है। गुजरात के अहमदाबाद में बीते रोज हुए एक भव्य समारोह में डा. राका शिवहरे को अवार्ड के तौर पर प्रशस्ति-पत्र, ट्रॉफी, गोल्ड मैडल और 25 हजार रुपये की नगर राशि प्रदान की गई। सभी जानते हैं कि कोरोना की पहली लहर में कंप्लीट लॉकडाउन के चलते मरीज बुरी तरह प्रभावित रहे थे और बंदी के चलते चिकित्सक की सलाह भी समय पर नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में डा. राका शिवहरे ने टेली मेडिसिन आधारित इंसुलिन कंट्रोल टैक्नीक के नए प्रयोग से अपने मरीजों को क्लीनिक पर बुलाए बिना ही सहायता प्रदान की।
अपने मरीजों की सेहत को लेकर आदतन फिक्रमंद रहने वाले डा. राका शिवहरे ने कोरोनाकाल में बंदी के दौरान डायबिटीज कंट्रोल रखने के चार बीजमंत्र प्रतिपादित किएः- नो सुगर-संडे; नो सुगर-डिनर; डी फॉर डायबिटीज; डी फॉर डाइट। इसके माध्यम से डा. राका शिवहरे ने अपने मरीजों को ताकीद कि कोरोना के दिनों में डाइट का विशेष ख्याल रखें, डाइट का संयम ही डायबिटीज का सही उपचार है, रात के भोजन में मीठा न खाएं और रविवार को मीठे खाने से तौबा कर लें। डा. राका शिवहरे की सलाह और प्रेरणा से सैकड़ों मरीजों ने इन बीजमंत्रों का अनुसरण किया, जाहिर है कि इससे उनकी डायबिटीज बहुत नियंत्रित रही। शिवहरेवाणी से बातचीत में डा. राका शिवहरे ने बताया कि ये चार बीजमंत्री कोविड से पहले, कोविड के दौरान और अब कोविड के बाद भी प्रासंगिक रहेंगे।
बता दें कि एस्कॉर्ट्स हार्ट सेंटर में सलाहकार के रूप में काम कर चुके डा. राका शिवहरे की प्रतिष्ठा इंसुलिन उपचार, आपात चिकित्सा स्थितियों के प्रबंधन, बच्चों में डायबिटीज एवं महिलाओं की जटिल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के उपचार में माहिर माना जाता है। खासकर डायबिटीज उपचार में तमाम उपलब्धियों के चलते उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। रायपुर में अवंति विहार स्थित मधुमीत डायबिटीज हॉस्पिटल में वह मरीजों को देखते हैं। डा. राका शिवहरे की धर्मपत्नी डा. श्रीमती शिखा जायसवाल भी चिकित्सक हैं। डा. राका शिवहरे का परिवार मूल रूप से बांदा (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है जो बहुत दो पीढ़ी पहले बैकुंठपुर में सेटल हो गया था। उनके पिता रिटायर्ड एय़रफोर्स कर्मी. राकेशचंद्र शिवहरे एवं माताजी श्री कृष्ण शिवहरे तथा उनके दो छोटे भाई रिप्पल शिवहरे एवं ऋषि शिवहरे बैकुंठपुर में रहते हैं।
डा. राका शिवहरे के बारे में एक खास बात यह है कि वह एक कुशल चिकित्सक होने के साथ ही साहित्य-प्रेमी भी है। अच्छा साहित्य पढ़ने के साथ ही कविताएं और लघुकथाएं लिखते रहे हैं। यहां तक कि सोशल मीडिया के एक वर्ग में उनकी पहचान एक साहित्यकार के रूप में भी है।
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