बांसवाड़ा।
राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) परीक्षा-2018 में बांसवाड़ा के हर्षित कुमार कलाल ने महज 23 साल की उम्र में शानदार सफलता अर्जित की है। सज्जनगढ़ गांव में पंसारी की दुकान करने वाले श्री दिनेश कलाल के होनहार पुत्र हर्षित ने पहले ही प्रयास में यह कामयाबी हासिल की है। तदबीर (पुरुषार्थ) से तकदीर बदलने पर भरोसा करने वाले हर्षित ने अब भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) को अपना लक्ष्य बनाया है।
हर्षित ने शिवहरेवाणी को बताया कि उन्होंने दसवीं कक्षा से ही एडमिनिस्ट्रेशन में जाने लक्ष्य तय कर लिया था। उनकी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा गांव से ही हुई है और बांसवाड़ा के कालेज से स्नातक किया। बीए करने के बाद उन्होंने आएएस परीक्षा की तैयारी के लिए जयपुर जाकर कोचिंग की। आरएएस परीक्षा 2018 में उन्हें टीएसपी में 7वीं और नॉन-टीएसपी में 672 रैंक प्राप्त हुई है। टीएसपी दरअसल राजस्थान की सरकारी सेवाओं में जनजाति बहुल इलाके के अभ्यर्थियों को दिया जाने वाला आरक्षण होता है।
हर्षित अपनी सफलता श्रेय पिता श्री दिनेश कलाल और माताजी श्रीमती कल्पना को देते हैं, वहीं बुआजी श्रीमती लक्ष्मी और फूफाजी श्री दीपेंद्र पटेल को देते हैं। बुआजी श्रीमती लक्ष्मी कलाल राजस्थान शैक्षणिक सेवा (आरईएस) में हैं और बांसवाड़ा के ही एक कालेज में प्रिंसिपल हैं। उन्होंने बताया कि उनकी बुआजी ने ही उन्हें आरएएस की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया और काम में हर तरह का सहयोग किया।
हर्षित कुमार कलाल का कहना है कि जिंदगी में मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। दिल के किए गए सच्चे प्रयास ही मंजिल तक पहुंचाते हैं। हर्षित को सफलता का पूरा भरोसा था, और 13 जुलाई को परिणाम घोषित होने पर पूरा गांव उन्हें बधाई देने उमड़ पड़ा।
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