November 22, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

कोरोना विजेता डा. स्पर्श शिवहरे की पहल, तो ऐसे काबू में आएगी महामारी

लखनऊ/आगरा।
कोरोना महामारी से संक्रमितों और मृतकों की बढ़ती संख्या लोगों को भयभीत कर रही है.. नाकाफी चिकित्सा सुविधा, अस्पतालों में बेड का टोटा, ऑक्सीजन की मारामारी, चिकित्सकीय स्टाफ की कमी, दवाओं की किल्लत जैसी हताश देने वाली स्थितियों के बीच प्लाज्मा थैरेपी के परिणाम उम्मीद बंधा रहें हैं, कि हां…इन हालात में भी इस जानलेवा महामारी पर काबू पाया जा सकता है। यदि संक्रमण से उबरने वाले लोग निर्धारित समय एवं मानकों के अनुरूप अपना प्लाज्मा डोनेट करें, तो बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकती है। और, इसमें कोरोना विजेता दानदाता को कोई जोखिम भी नहीं है। आगरा के सिकंदरा निवासी श्री सुबोध शिवहरे के होनहार पुत्र डा. स्पर्श शिवहरे लोगों को इसके लिए प्रेरित करने के वास्ते आगे आए हैं। 
 लखनऊ के प्रतिष्ठित डा. राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान में एमबीबीएस के छात्र डा. स्पर्श शिवहरे ने फाइनल ईयर की परीक्षा की तैयारियों के बीच अपना प्लाज्मा डोनेट कर एक शानदार मिसाल पेश की है। ‘ए पॉजिटिव’ ब्लड ग्रुप के डा. स्पर्श शिवहरे कुछ दिन पहले संस्थान में कोविड मरीजों के उपचार के दौरान कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। विपरीत परिस्थितियों का हिम्मत से सामना करने के फन में माहिर डा. स्पर्श कोरोना से जंग में भी विजेता साबित हुए। कोरोना से उबरने के बाद बीती 23 अप्रैल को उन्होंने अपना प्लाज्मा डोनेट कर लोगों को इसके लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया है। 
डा. स्पर्श शिवहरे का कहना है कि चिकित्सकों द्वारा स्वयं प्लाज्मा डोनेट करना कोरोना विजेताओं को ऐसा करने लिए कहीं अधिक प्रेरित करेगा। उन्होंने शिवहरेवाणी को बताया कि कोरोना के गंभीर मरीजों को शुरुआत में प्लाज्मा थैरेपी देकर संक्रमण के प्रभाव में कमी लाई जा सकती है। मगर संक्रमण दर अधिक होने के बावजूद कोरोना विजेता प्लाज्मा डोनेट करने में कतरा रहे हैं। जबकि, यह पूरी तरह सुरक्षित है। डा. स्पर्श के साथ उनके सात अन्य मेडिकल छात्रों ने भी प्लाज्मा डोनेट किया है। लखनऊ की स्थानीय मीडियों में भी इसकी चर्चा हुई।  

खास बात यह है कि डा. स्पर्श इन दिनों की मेडिकल कालेज में मरीजों के उपचार के साथ अपनी फाइनल ईयर की परीक्षा की तैयारी भी कर रहे हैं। और, ऐसे में भी प्लाज्मा डोनेट कर उन्होंने बतलाने का प्रयास किया है कि इससे सामान्य जीवन पर किसी प्रकार का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। वह अपनी पढ़ाई और अन्य काम पहले की तरह और उतनी ही क्षमता से कर रहे हैं। जबकि, मन इस बात से आनंदित है कि हम मानवता के काम आए, हमारे शरीर का प्लाज्मा किसी को जीवन देने के काम आएगा। 
बता दें कि सिकंदरा में मेडिकल कारोबारी श्री सुबोध शिवहरे एवं श्रीमती प्रीती शिवहरे के पुत्र डा. स्पर्श शिवहरे अपने कालेज के कल्चरल हैड भी हैं और हाल ही में उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर मेडिकल स्टूडेंट्स का ऑनलाइन सिंगिंग कंप्टीशन आयोजित किया था, जिसके लिए कालेज की ओर से प्रशस्ति भी प्रदान की गई थी। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डा. स्पर्श स्वयं एक बेहतरीन सिंगर होने के साथ शानदार एथलीट भी हैं, फुटबाल भी अच्छा खेलते हैं जिसके लिए इंटर कालेज स्तर पर उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। आगरा के सेंट कोनरेड में वह ‘स्टूडेंट ऑफ दर ईयर’ भी चुने गए थे। डा. स्पर्श शिवहरे की शख्सियत उनके दोनों छोटे भाइयों को प्रेरित करती है जो इन दिनों आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं।

 

 

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