शिवहरे वाणी नेटवर्क
भोपाल।
भोपाल के बागसेवनिया थाने के टीआई संजीव चौकसे को बेहतरीन तफ्तीश के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस वर्ष के ‘मैडल फॉर एक्सीलेंस इन इनवेस्टीगेशन’ के लिए चुना गया है। वर्ष 2015 में एक मासूम के बलात्कार और हत्या के मामले में संजीय चौकसे की तफ्तीश के आधार पर दुर्दांत अपराधी पकड़ा गया था जिसे 2019 में पास्को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। ड्यूटी के प्रति अपनी निष्ठा के लिए अब तक कई मंचों से कई बार सम्मानित हो चुके संजीव चौकसे को गृह मंत्रालय का प्रतिष्ठित अवार्ड दिए जाने की घोषणा पर कलचुरी समाज ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है।
मूल रूप से रायसेन जिले की मंडीदीप तहसील के निवासी संजीव चौकसे 2007 से मध्य प्रदेश पुलिस की सेवा में हैं। अपने पिता स्व. श्री नंदकिशोर चौकसे को अपना आदर्श मानने वाले संजीव चौकसे ने ड्यूटी के प्रति अपनी निष्ठा से हमेशा अपने अफसरों को प्रभावित किया, साथ ही नागरिकों में पुलिस के प्रति भरोसे को मजबूती दी।
वर्ष 2015 की बात है जब संजीव चौकसे विदिशा जिले के सिविल लाइन थाने के थाना प्रभारी थे। उनके क्षेत्र में एक सात साल की बच्ची के बलात्कार के बाद हत्या का जघन्य मामला सामने आया जिसे लेकर पब्लिक में भारी आक्रोश था। संजीव चौकसे ने मामले की तफ्तीश कर आरोपी रवि टोली को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया। दुर्दात अपराधी रवि टोली ने छेड़छाड़ के मामले में जेल से छूटने के छह दिन बाद ही इस वारदात को अंजाम दे दिया था। 2019 में पॉस्को न्यायालय ने पुलिस विवेचना के पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर रवि टोली को फांसी की सजा सुनाई थी।
संजीव चौकसे ने शिवहरे वाणी को बताया कि यह बहुत मुश्किल मामला था और उनकी टीम को साक्ष्य जुटाने में बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ी। संतुष्टि इस बात की है कि हम पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में सफल रहे। संजीव चौकसे का नाम देशभर के 121 पुलिस अधिकारियो में शामिल किया गया है जिन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इस वर्ष बेहतरीन विवेचना के लिए अवार्ड प्रदान किया जाएगा।
खास बात यह है कि गृह मंत्रालय ने किसी एक मामले की इनवेस्टीगेशन के लिए यह अवार्ड नहीं दिया है, बल्कि एक इनवेस्टीगेटर के 5 से अधिक मामलों की विवेचना का अध्ययन करने के बाद उन्हें चुना है।
संजीव चौकसे ने 2018 में ट्रक ड्राइवर और क्लीनर्स के सीरियल किलर आदेश खामरा और उसकी गैंग को पकड़ने में भी अहम भूमिका निभाई है। खामरा गैंग ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों और क्लीनरो की हत्या और लूट की 34 वारदातें कबूल की। इनमें से तीन हत्या के मामलों की जांच संजीव के पास है।
संजीव चौकसे ने मंडीदीप के सेंट पीटर्स कालेज से इंटरमीडियेट करने के बाद भोपाल में रहकर ग्रेजुएशन किया और 2007 में मध्य प्रदेश पुलिस में उनका चयन हो गया। उन्होंने कम ही समय में एक समर्पित पुलिस अधिकारी के रूप में प्रतिष्ठा हासिल की। संजीव चौकसे कहते हैं कि किसी भी पुलिसकर्मी का जीवन आसान नहीं होता, उसे हर परिस्थिति में अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद रहना होता है। परिवार के सहयोग के बिना उनके लिए यह संभव नहीं था। वह कहते हैं कि पत्नी श्रीमती प्रियंका चौकसे ने हर मुश्किल घड़ी में उनका साथ दिया है, वहीं दोनों बेटे उन्हें और अच्छा करने के लिए प्रेरित करते हैं।
Leave feedback about this