शिवहरेवाणी नेटवर्क
आगरा।
महाभारत के युद्ध में अर्जुन को विजयश्री दिलाने वाले भगवान श्रीकृष्ण आ रहे हैं…ऐसे वक्त, जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खिलाफ एक महायुद्ध लड़ रही है। वैसे तो आज सभी मंदिरों में जन्माष्टमी परंपरागत तरीके से मनाई जाएगी लेकिन ज्यादातर मंदिरों में श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा। आगरा में शिवहरे समाज की धरोहर मंदिर श्री राधाकृष्ण में भगवान श्रीकृष्ण खूबसूरत पोशक में मास्क लगाकर श्रद्धालुओं को दूर से ही दर्शन देंगे और इस तरह संदेश देंगे कि कोरोना के खिलाफ इस महासमर में आपके पास एक ही हथियार है..और वो है अपना बचाव..सभी लोग मास्क पहनें और एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाएं रखें।
वहीं आगरा में सदरभट्टी चौराहा स्थित शिवहरे समाज की प्रमुख धरोहर मंदिर श्री दाऊजी महाराज इस बार श्रद्धालुओं के लिए नहीं खुलेगा। हालांकि, मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर होने वाली सभी परंपराओं का निर्वहन किया जाएगा।
मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष भगवान स्वरूप शिवहरे ने बताया कि मंदिर को हरसाल की तरह इस बार भी बिजली की झालरों से सजाया जाएगा। लड्डूगोपाल चांदी के हिंडोले में विराजमान होंगे। मध्यरात्रि 12 बजे पूजापाठ एवं भगवान का अभिषेक होगा। इस दौरान परिसर में प्रबंध समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य ही उपस्थित रहेंगे लेकिन कोरोना की महामारी के चलते मंदिर को श्रद्धालुओं के नहीं खोला जाएगा। मंदिर में कोई झांकी भी इस बार नहीं सजाई जाएगी।
दूसरी तरह लोहामंडी में आलमगंज स्थित मंदिर श्री राधाकृष्ण में इस बार श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कुछ अलग तरीके से मनाए जाने की तैयारी है। मंदिर प्रबंध समिति के महासचिव मुकुंद शिवहरे ने बताया कि इस बार जन्माष्टमी का त्योहार मंदिर के लिए विशेष महत्वपूर्ण है। दरअसल मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य अपनी पूर्णता को लगभग प्राप्त कर चुका है। राम दरबार, शिवदरबार, मातारानी, हनुमानजी की उपस्थिति में यह पहली जन्माष्टमी है। ऐसे में जन्माष्टमी को लेकर प्रबंध समिति में खासा उत्साह नजर आ रहा है।
मुकुंद शिवहरे ने बताया कि सभी दरबारों को विशेष रूप से सजाया जाएगा। हमेशा की तरह इस बार भी राधाकृष्ण दरबार की रौनक खास रहेगी। खास बात यह है कि राधाकृष्ण के साथ ही राम दरबार, मातारानी और हनुमानजी भी मास्क पहने नजर आएंगे।
मुकुंद शिवहरे ने बताया कि मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष अरविंद गुप्ता चाहते थे कि मंदिर में जन्माष्टमी पर भगवान के दरबार को इस तरह सजाया जाए कि कोरोना के कोहराम के बीच एक सकारात्मक संदेश लोगों तक जाए। इसी के मद्देनजर भगवान को आकर्षक श्रृंगार और पोशाक के साथ मास्क भी पहनाया जा जा रहा है।
समिति के महासचिव ने बताया कि इसी तरह मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास से लेकर हर बिंदु पर कोरोना के मद्देनजर व्यवस्थाएं की गई हैं। श्रद्धालुओं को मुख्य दरबारों से 15 फीट दूर उस स्थान पर रोक दिया जाएगा जहां शटर लगे हुए हैं। एक बार में 15 से अधिक श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा और उनके बाहर निकलने के बाद इतने ही श्रद्धालुओं प्रवेश दिया जाएगा। इस तरह दर्शन का क्रम चलता रहेगा। इस दौरान दरबार में भजन होंगे और मध्यरात्रि 12 बजे लड्डूगोपाल जी का अभिषेक किया जाएगा, जिसके बाद महाआरती व प्रसाद वितरण होगा।
कोरोना के चलते ज्यादातर लोगों का मन आजकल विषादग्रस्त है, और वे भविष्य को लेकर सशंकित हैं। संभवतः यही विषाद और संशय अर्जुन के मन में भी थे जब वह युद्ध की विभीषिका की कल्पना मात्र से धैर्य खो बैठे थे। तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपने उपदेशों के माध्यम से अर्जुन की मनःस्थिति को बदला और पांडवों को विजयश्री दिलाई।
जरा सोचिये..दुनिया के सबसे बड़े मैनेजमेंटगुरु भगवान श्रीकृष्ण अगर आज लोगों को सलाह देते तो क्या देते..यही कि, ‘बचाव ही इलाज है।’
‘बचाव ही इलाज है…’ इसी को भगवान का संदेश मानें और यही इस बार की जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के प्रति सच्ची श्रद्धा का अभिषेक होगा। इसीलिए, सबसे अच्छा तो यही है कि इस बार जन्माष्टमी अपने घर पर ही रहते हुए मनाएं। और, यदि मंदिर जा रहे हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें, मास्क जरूर लगाएं।
कोरोना के खिलाफ इस जंग में अपने आपको विषाद से बाहर निकालें, धैर्य से काम लें और अपनी भूमिका व जिम्मेदारी को समझें…आपकी भूमिका उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी चिकित्सकों की है। भरोसा रखें..कोरोना के खिलाफ इस जंग को हमें जीतना है और हम जीतेंगे।…हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की।
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