शिवहरे वाणी नेटवर्क
बाराबंकी।
बाराबंकी जिले की ग्राम पंचायत चंदवारा की चर्चित प्रधान प्रकाशिनी जायसवाल को एक बार फिर प्रतिष्ठित पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार के लिए चुना गया है। साथ ही नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार के लिए उनकी ग्राम पंचायत चंदवारा का चयन किया गया है। अपने गांव की लड़कियों के लिए ‘साइकिल बैंक’ की अनोखी पहल के लिए देशभऱ में चर्चा में रहीं प्रकाशिनी जायसवाल आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं।
उनकी प्रधानी के पांच सालों के दौरान चंदवारा में बदलाव की ऐसी बयार चली कि वह साफ-सफाई, आधुनिक सविधाओं और शिक्षा के मामले में मिसाल बन गया है। एक तरह से प्रकाशिनी जायसवाल सुशासन की रोल-मॉडल बनकर सामने आई हैं। प्रधान के तौर पर प्रकाशिनी जायसवाल का कार्यकाल लगभग समाप्त होने वाला है, एक तरह से चुनाव की अनौपचारिक घोषणा हो चुकी है। इस दौरान प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक उन्हें सम्मानित कर चुके हैं। वर्ष 2018, 2019 और अब 2020 में लगातार तीसरी बार दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किये जाने घोषणा की घोषणा की गई है।
पुरस्कार की घोषणा से उत्साहित प्रकाशिनी जायसवाल कहती हैं कि ‘इच्छाशक्ति हो, तो कुछ भी संभव’ है। चंदवारा के रितुराज जायसवाल की पत्नी श्रीमती प्रकाशिनी जायसवाल 2015 में पहली बार ग्राम-प्रधान निर्वाचित हुईं थीं। प्रकाशिनी जायसवाल ने अपनी मेहनत और लगन से गांव में सुशासन की परिकल्पना को साकार किया। उन्होंने आधुनिक सोच और आधुनिक तौर-तरीके अपनाकर गांव को विकास पथ पर बढ़ाया। जैसा कि प्रकाशिनी बताती हैं चुनाव जीतने के बाद गांव के विकास का खाका खींचकर योजनाबद्ध तरीके से उन्होंने काम करना शुरू किया। उनका सबसे ज्यादा ध्यान स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छता पर रहा। इन सभी क्षेत्रों में समान रूप से आगे बढ़ने के लिए कई टीमें बनाईं जो उनके साथ मिलकर काम करती हैं। प्रकाशिनी ने सबसे पहले गांव की साफ-सफाई को लेकर लोगों को जागरूक किया, और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराया और लोगों को घरों में शौचालय बनाने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिलाया। नतीजा यह है कि आज गांव खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त है।
गांव में होने वाली सभी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उन्होंने मुख्य रास्तों और गलियों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए, जिससे अब गांववालों की सभी गतिविधियां सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में कैद होती हैं। सारे सीसीटीवी का कंट्रोल प्रधान प्रकाशिनी जायसवाल ने खुद अपने पास रखा है। इसके अलावा ग्रामीणों की सभी शिकायतों या सुझावों से सीधा जुड़ने के लिए प्रधान ने एक व्हॉट्सएप ग्रुप बनाया, जो हर परेशानी को तुरंत दूर करने में काफी मदद करता है। प्रकाशिनी की मेहनत से कराए गए अब तक के कामों की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक है। मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है।
प्रकाशिनी की सबसे महत्वपूर्ण और चर्चित पहल गांव में बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देना रही। उन्होंने लड़कियों को शिक्षित करने के लिए 'साइकिल बैंक' बनाया है। लड़कियां रोजाना इस बैंक से साइकिल लेकर स्कूल जाती है और वापस स्कूल से आकर साइकिल को बैंक में जमा कर देती हैं। इस नई शुरुआत के बाद घर से दूर स्कूलों में जाने के लिए भी अब इनको किसी के सहारे की जरूरत भी नहीं पड़ती। प्रकाशिनी ने उन तमाम लड़कियो को दुबारा स्कूल भिजवाया, जो किन्हीं कारणों से पढ़ाई छोड़कर घर बैठ गई थीं।
श्रीमती प्रकाशिनी जायसवाल अपनी सफलता का श्रेय अपने पति श्री रितुराज जायसवाल को देती हैं जो आटोमोबाइल इंडस्ट्री में हैं। उनके एक बेटी और एक बेटा है जो पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन, प्रकाशिनी गांव के उन तमाम बेटों-बेटियों के लिए मां से कम नहीं हैं, जिनके लिए प्रकाशिनी ने विकास के द्वार खोल दिए हैं।
समाचार
गांव की तस्वीर बदलने वाली प्रकाशिनी जायसवाल को तीसरी बार बड़ा सम्मान
- by admin
- October 29, 2016
- 0 Comments
- Less than a minute
- 9 years ago


Leave feedback about this