शिवहरेवाणी नेटवर्क
लखनऊ/कोयंबटूर/आगरा।
वैसे तो इसे जातीय गणना कहा जा रहा है, आप इसे एक व्यापक डायरेक्ट्री भी कह सकते हैं। कुछ भी कहें, लेकिन अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा की यह पहल अपने आपमें अनोखी है। महासभा ने एक वेबसाइट तैयार की है, और उसके माध्यम से कलचुरी वंश की गणना का एक ऑनलाइन अभियान लांच किया है। वेबसाइट पर उपलब्ध एक आसान ऑनलाइन फार्म भरकर आप भी इस गणना मे शामिल हो सकते हैं।
देशभर से व्यक्तिगत औऱ पारिवारिक डेटा एकत्र होने के बाद यह वेबसाइट समाज की गणना के साथ ही उसकी सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति की व्यापक तस्वीर पेश करेगी। यही नहीं, आप अपने बच्चों के शादी-संबधों के प्रस्तावों को लेकर विश्वसनीय और त्वरित जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि इस गणना के माध्यम से समाज की एकजुटता के लक्ष्य को भी काफी हद तक हासिल किया जा सकेगा। वजह यह है कि कोई भी व्यक्ति इस वेबसाइट पर किसी सरनेम यानी उपनाम और उपवर्ग से गणना की जानकारी प्राप्त नही कर सकेगा। कुल मिलाकर समाज के उत्थान के लिए कार्य कर रहे विभिन्न सामाजिक संगठनों को बेहद उपयोगी डेटा की सहूलियत इस वेबसाइट के माध्यम से मिल सकेगी।
अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी अटल कुमार गुप्ता ने शिवहरेवाणी को बताया है कि इस वेबसाइट को बेंगलुरू बेस्ड एक आईटी कंपनी के लखनऊ ऑफिस द्वारा तैयार किया है। उनका कहना है कि इस पहल का लक्ष्य कलचुरी वंश की सटीक गणना करना है। वेबसाइट को इस तरह तैयार किया है कि यूजर्स किसी प्रकार के तकनीकी झमेले न उलझें।
अखिल भारतीय सर्ववर्गीय महासभा की इस वेबसाइट पर जाते ही एक फार्म मिलेगा जिसमें आपके बारे में सामान्य जानकारियां मांगी गई हैं। जैसे परिवार के मुखिया का नाम, लिंग, घर का पता, पिनकोड, प्रदेश, ईमेल एड्रेस, फोन नंबर, व्यवसाय, परिवार का विवरण आदि। व्यवसाय की बहुत अधिक डिटेल देने की जरूरत नहीं है, बल्कि आपको अपने व्यावसायिक क्षेत्र का उल्लेखभर करना है जैसे व्यापार, निजी सेवा, सरकारी सेवा या कोई अन्य क्षेत्र।
इस बारे में वरिष्ठ समाजसेवी, पत्रकार एवं महासभा के वरिष्ठ राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अजय कुमार जायसवाल ने बताया कि गणना अभियान समाप्त होने के बाद जब पूरा डेटा लोड हो जायेगा, तब कोई भी व्यक्ति संबंधित वेबसाइट पर क्लिक कर यह आसानी से पता कर सकेगा कि कलचुरी (कलवार, कलाल,कलार) की देश में संख्या कितनी है।
अजय कुमार जायसवाल ने अफसोस जताया कि कुछ लोग इसे जायसवाल समाज की गणना के रूप में प्रस्तुत कर भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह गणना केवल जायसवाल समाज की बिल्कुल नहीं है। फार्म के ऊपर ही शीर्षक लिखा है-कलवार, कलाल, कलार की गणना। किसी सरनेम विशेष का उल्लेख नहीं है। और तो और, यदि कोई व्यकित किसी सरनेम जैसे जायसवाल, शिवहरे, चौकसे या राय या कोई और सरनेम डालकर गणना की जानकारी प्राप्त करना चाहेगा तो साइट उसे पुनः कलवार, कलाल या कलचुरी पर ले आएगी। तात्पर्य यह कि सरनेम से गणना की जानकारी किसी भी तरह से प्राप्त नहीं हो सकेगी।
कार्यकारी अध्यक्ष ने समाजबंधुओं से अपील की है कि यदि हम सबने पूरी जिम्मेदारी के साथ, वर्ग/उपवर्ग के दायरे से ऊपर उठकर, तेरा-मेरा संगठन से अलग हटकर इस अभियान को सफल कर दिया तो निश्चित मानिए हम दावे और अधिकार पूर्वक राजनैतिक दलों व सरकार के सामने यह कह सकेंगे कि देश में कलचुरी समाज की संख्या इतने…करोड़ है। इस गणना से यह आसानी से जानकारी को जाएगी कि किसी शहर, नगर या प्रांत में कलचुरी समाज की कितनी संख्या है।
महासचिव अटल कुमार गुप्ता ने बताया कि इस पारिवारिक गणना के लिए जिलेवार कार्डिनेटर नियुक्त किए जा रहे हैं जो अपने-अपने जिलों में लोगों को इस गणना में शामिल होने के लिए प्रेरित करने का काम करेंगे। उत्तर प्रदेश जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र राज शिवहरे और उरई के सिद्धू शिवहरे ने समाजबंधुओं से गणना में शामिल होने का अनुरोध किया है।
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