सभी पाठकों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। दीपावली का पांच दिवसीय पर्व का शुभारंभ धनतेरस से होता है और भाई दौज के साथ इसका समाप्त होता है। इस बार दीपोत्सव का तीसरा और सबसे मुख्य दिन यानी दीपावली 14 नवंबर को पड़ रही है। लेकिन, तिथियों ने इस बार ऐसा चक्कर डाला है कि लोग चकराए हुए हैं।
मामला यह है कि दीपावली 14 को है तो इस हिसाब है धनतेरस 12 नवंबर को होनी चाहिए। लेकिन, इस बार धनतेरस 13 नवंबर को मानी जा रही है यानी दीपावली से ठीक एक दिन पहले है। दरअसल ज्योतिषों के मुताबिक, त्रयोदशी यानी धनतेरस की तिथि इस बार 12 नवंबर को रात 9 बजकर 30 मिनट से शुरू हो रही है और अगले दिन 13 नवंबर को शाम 5 बजकर 59 मिनट तक जारी रहेगी। इस तिथि में पूजा के सभी शुभ मुहूर्त 13 नवंबर को ही पड़ रहे हैं। ऐसा ही कुछ मामला नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली के साथ भी है। इसे विस्तार से निम्न प्रकार समझेः-
धनतेरस की तिथि और शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 12 नवंबर 2020 को रात 09 बजकर 30 मिनट से
त्रयोदशी तिथि समाप्तभ: 13 नवंबर 2020 को शाम 05 बजकर 59 मिनट तक
धनतेरस पूजा मुहूर्त: 13 नवंबर 2020 को शाम 05 बजकर 28 मिनट से रात 05 बजकर 59 मिनट तक
कुल अवधि: 30 मिनट
प्रदोष काल: 13 नवंबर 2020 को शाम 05 बजकर 28 मिनट से रात 08 बजकर 07 मिनट तक.
वृषभ काल: 13 नवंबर 2020 को शाम 05 बजकर 32 मिनट से रात 07 बजकर 28 मिनट तक.
इस वर्ष एक बड़ा संयोग यह भी बन रहा है कि दिवाली और नरक चतुदर्शी एक ही दिन होगी। नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहते हैं। हालांकि चतुर्दशी का प्रारंभ 13 नवंबर को ही होगा लेकिन स्नान का शुभ मुहूर्त 14 नवंबर को सुबह पड़ रहा है। इसे निम्न प्रकार समझेः-
नरक चतुर्दशी तिथि और शुभ मुहूर्त
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: 13 नवंबर को शाम 5 बजकर 59 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समाप्ति: 14 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 17 मिनट तक
अभ्यंग स्नान मुहूर्त: 14 नवंबर को सुबह 5 बजकर 23 मिनट से सुबह 6 बजकर 43 मिनट तक
नरक चतुर्दशी के दिन चन्द्रोदय का समय: 14 नवंबर को सुबह 5 बजकर 23 मिनट
जैसा कि ऊपर स्पष्ट है कि नरक चतुर्दशी पर स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5:23 से सुबह 6:43 बजे तक रहेगा। लेकिन खास बात यह है कि इस तिथि को नरक चतुर्दशी के साथ दिवाली भी मनाई जाएगी। हालांकि चतुर्दशी तिथि दोपहर 2 बजकर 17 मिनट तक ही रहेगी। इसके बाद अमावस्या तिथि आरंभ हो जाएगी जो 15 नवंबर की सुबह 10.00 बजे तक रहेगी। इसी अवधि में दिवाली मनाई जाएगी। आइये जानते हैं दीवाली के शुभ मुहूर्त के बारे मेः-
दिवाली तिथि और शुभ मुहूर्त
दिवाली की तिथि: 14 नबंवर
अमावस्या तिथि प्रारम्भ: 14 नबंवर को दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त: 15 नवंबर तो सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 14 नवंबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट से शाम 7 बजकर 24 मिनट तक
प्रदोष काल मुहूर्त: 14 नवंबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट से रात 8 बजकर 07 मिनट तक
वृषभ काल मुहूर्त: शाम 5 बजकर 28 मिनट से रात 7 बजकर 24 मिनट तक
जब दिवाली मुहूर्त की बात करें तो चौघड़िया मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। दरअसल आमतौर पर जब कोई मुहूर्त नहीं निकल रहा हो और किसी कार्य को शीघ्रता से आरंभ करना हो अथवा यात्रा पर जाना हो तो उसके लिए चौघड़िया मुहूर्त देखकर कार्य करना या यात्रा करना उत्तम होता है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार दिन और रात के आठ-आठ हिस्से का एक चौघड़िया होता है। यानी 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात में 1.30 मिनट यानी डेढ़ मिनट का एक चौघड़िया होता है। चौघड़िया सूर्योदय से प्रारंभ होता है। सात चौघड़ियों के बाद पहला चौघड़िया ही आठवां चौघड़िया होता है। आइये जानते हैं दीपावली के शुभ मुहूर्तः-
दिवाली पूजन शुभ चौघड़िया मुहूर्त
लक्ष्मी पूजन सुबह का मुहूर्त
शुभ मुहूर्त: सुबह 08:06 से 09:27 तक
चर मुहूर्त: दोपहर 12:11 से 01:33 तक
लाभ मुहूर्त: दोपहर 01:33 से 02:54 तक
अमृत मुहूर्त: दोपहर 02:54 से शाम 04:16 तक
दिवाली लक्ष्मी पूजन संध्या/रात्रि का मुहूर्त
लाभ मुहूर्त: शाम 05:38 से 07:16 तक
शुभ मुहूर्त: शाम 08:55 से रात 10:33 तक
अमृत मुहूर्त: रात 10:33 से रात 12:11 तक
दिवाली पूजन शुभ समय: 14 नवंबर
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:44 से दोपहर 12:27 तक
अमृत कला मुहूर्त: दोपहर 12:26 बजे से दोपहर 01:50 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग मुहूर्त: प्रातः 06:43 से प्रातः 08:09 तक
विजया मुहूर्त: दोपहर 01:53 से शाम 02:36 तक
गोधुली मुहूर्त: शाम 05:17 बजे से शाम 05:41 बजे तक
सयाना संध्या मुहूर्त: शाम 05:28 से शाम 06:47 तक
निशिता मुहूर्त: 15 नवंबर को पूर्वाहन 11:39 से दोपहर 12:32 बजे
ब्रह्म मुहूर्त: 15 नवंबर को प्रात: 04:58 से शाम 05:51
गोवर्धन पूजा
हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। गोवर्धन पूजा दिवाली के दूसरे दिन आती है। इस बार गोवर्धन की तिथि वर्ष 2020 में गोवर्धन पूजा 15 नवंबर 2020, दिन रविवार को मनाई जाएगी।
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 15 नवंबर सुबह 10:36 बजे से।
प्रतिपदा तिथि समाप्त: 16 नवंबर को सुबह 07:06 बजे।
गोवर्धन पूजा का मुहूर्त:
दोपहर 03:30 बजे से 05:42 बजे तक।
पूजा की कुल अवधि- 02 घंटे 12 मिनट
भाई दौज
दीपावली के पांच दिवसीय त्योहार के अंतिम दिन भाई दूज मनाई जाती है। इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। आइये जानते हैं इस बार कब है दूज का शुभ मुहूर्त
द्वितीया तिथि प्रारंभ-16 नवंबर को सुबह 07:06 बजे से.
द्वितीया तिथि समाप्त- 17 नवंबर को सुबह 03:56 बजे तक.
भाई दूज तिलक समय- 01:10 बजे से 03:18 बजे तक.
अवधि- 2 घंटा 8 मिनट
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