आगरा।
रक्षाबंधन की तारीख को लेकर इस बार लोग काफी उलझन की स्थिति में हैं। कुछ पंचांग 11 अगस्त को रक्षाबंधन मनाने की बात कर रहे हैं तो कुछ के अनुसार 12 अगस्त को ही राखी बांधना श्रेष्ठ होगा। लेकिन, ऐसी परिस्थितियां बन रही हैं कि भाई-बहन इसका डबल यूज कर सकते हैं।
आगरा में सदरभट्टी चौराहा स्थित शिवहरे समाज की धरोहर दाऊजी मंदिर के पुजारी एवं जाने-माने ज्योतिषाचार्य रामू पंडितजी की मानें तो दोनों ही दिन रक्षाबंधन मनाई जा सकती है। रामू पंडितजी के मुताबिक, रक्षाबंधन यूं तो श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन ही मनाई जाती है। इस बार सावन पूर्णिमा 11 अगस्त को लग रही है। इस दिन सुबह 10 बजकर 38 मिनट से पूर्णिमा तिथि शुरू होगी और अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 6 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। लेकिन, 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि में भद्रा भी लग रही है और यह रात में 8 बजकर 53 मिनट तक रहेगी। रामू पंडितजी ने शिवहरेवाणी को बताया कि शास्त्रों में भद्राकाल में राखी का पर्व मनाना निषिद्ध है। माना जाता है कि शूर्पनखा ने भद्राकाल में ही रावण को राखी बांधी थी। लेकिन एक मान्यता यह भी है कि विशेष परिस्थिति में भद्रा पुच्छ के समय में राखी का पर्व मनाया जा सकता है जो 11 अगस्त को शाम 5 बजकर 18 मिनट से लेकर 6 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। यह राखी बंधवाने का उत्तम समय रहेगा। दूसरी बात यह कि यह भद्रा पाताललोक में पड़ रही है लिहाजा भूलोक में इसका असर नहीं रहेगा। इस मान्यता से तो 11 पूर्णिमा तिथि लगने के बाद कभी भी राखी बांधी जा सकती है। और, चूंकि 12 अगस्त का सूर्योदय पूर्णिमा तिथि में ही होगा, इसीलिए 12 अगस्त को पूरे दिन रक्षाबंधन मनाई जा सकती है यानी राखी बांधी जा सकती है।
अब कन्फ्यूजन में न रहें। 11 और12 अगस्त, दोनों ही दिन रक्षाबंधन मनाई जा सकती है। यह उन भाई-बहनों के लिए अच्छा मौका है जिनका एक भाई या बहन पास और दूसरा भाई या बहन दूर रहता/रहती है। ऐसी भाई-बहनों के पास विकल्प रहेगा कि वह 11 तारीख को एक भाई/बहन के पास और 12 तारीख को दूसरे भाई/बहन के पास जाकर राखी बंधवा सकते हैं।
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