प्रयागराज।
प्रयागराज के आर्य कन्या पीजी कालेज में प्राचीन इतिहास की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. ज्योतिरानी जायसवाल को ‘मिसेज इंडिया ग्लोब क्लासिक-2021’ और ‘ग्लोब मिसेज ग्लोब पर्सनेल्टी-2021’ चुना गया है। जयपुर के होटल ‘द पार्क क्लासिक’ में 21 दिसंबर को हुए ‘मिस्टर मिस एंड मिसेज इंडिया ग्लोब’ कांटेस्ट के ग्रांड फिनाले में श्रीमती ज्योतिरानी जायसवाल एकमात्र प्रतिभागी थीं जिन्हें एकसाथ दो ताज पहनाए गए।
अध्ययन और लेखन के लिए पहले भी कई एकेडमिक मंचों पर सम्मानित की जा चुकीं बहुमुखी प्रतिभा की धनी डा. ज्योतिरानी जायसवाल ने शिवहरेवाणी को बताया कि ब्यूटी कांटेस्ट में भाग लेने की इच्छा कहीं न कहीं मन के किसी कोने में बचपन से दबी थी, और पति एडवोकेट सुमित जायसवाल की प्रेरणा और सहयोग से यह सपना साकार हो पाया। उनकी सफलता पर प्रयागराज की शिक्षक बिरादरी के साथ ही जायसवाल समाज ने भी हर्ष व्यक्त किया है।
प्रयागराज के जायसवाल समाज के बीच डा. ज्योतिरानी जायसवाल एक जाना-पहचाना नाम है। जायसवाल समाज के कार्यक्रमों में अक्सर एंकरिंग का दायित्व भी उन्हीं के पास रहता है। बीती 27 नवंबर को इतिहासकार डा. काशीप्रसाद जायसवाल के जयंती समारोह का मंच संचालन भी उन्होंने ही किया था। जायसवास समाज प्रयागराज के श्री कमलेंद्र जायसवाल ने डा. ज्योतिरानी जायसवाल को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
ज्योतिरानी ने शिवहरेवाणी से बातचीत में कहा कि एंकरिंग के अलावा एक सिंगर के रूप में, तो कभी कवियत्री के तौर पर वह मंचों से बाबस्ता रही हैं, लिहाजा ब्यूटी कांटेस्ट में रैंप वॉक करना उनके लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं थी। वैसे भी, स्कूल-कालेज के दिनों में उनके फ्रेंड्स उन्हें ‘मिस दुद्धी’ के नाम से संबोधित करते थे। कालेज फेयरवेल में उन्हें ‘Beauty is see but not do touch’ अवार्ड दिया गया था।
दुद्धी के राजकीय महाविद्यालय से स्नातक करने के बाद उन्होंने वाराणसी स्थित काशी विद्यापीठ से पीजी किया और फिर वहीं से ‘भारतीय प्रतिरोध का इतिहास 600 से 1200 ईस्वी’ विषय पर पीएचडी भी की। वह 2004 में अध्यापन कार्य कर रही हैं। पहले हिंडाल्को के डिग्री कालेज में, फिर काशी विद्यापीठ के एनटीपीसी शक्तिनगर स्थित कैंपस में अध्यापन कार्य किया। 2018 से वह प्रयागराज में आर्य कन्या पीजी कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
एंकर, सिंगर, कवियत्री और इतिहासविद् डा. ज्योतिरानी जायसवाल का विवाह 2009 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता एडवोकेट सुमित जायसवाल से हुआ। उनके दो बच्चे हैं। 11 साल की बेटी सुतीक्षणा कक्षा पांच में पढ़ती है, और 10 वर्षीय बेटा ओजस चौथी कक्षा में पढ़ता है। दोनों ही बच्चों को मां के मिसेज इंडिया ग्लोब बनने पर गर्व है।
कृतित्व
ज्योतिरानी जायसवाल को विभिन्न मंचों द्वारा पहले भी कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा जा चुका है। उनकी स्वरचित कविताओं का एक संग्रह ‘झरोखा जिंदगी का’ भी प्रकाशित हो चुका है। उनका शोधग्रंथ ‘भारतीय प्रतिरोध का इतिहास’ भी एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित हो चुका है। इसके अलावा भी उनकी तीन अन्य पुस्तकें ‘प्राचीन भारत का इतिहास’, ‘वेदों में नारी का महत्व’ और ‘इतिहास लेखन’ प्रकाशित हुई हैं। राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में भारतीय इतिहास के विभिन्न विषयों पर उनके 25 से अधिक शोधपरक आलेखों का प्रकाशन हो चुका है। वह कई सेमिनारों में व्याख्यान भी दे चुकी हैं।
सम्मान
डा. ज्योतिरानी जायसवाल को अब तक कई मंचों पर कई प्रतिष्ठित अवार्डों से सम्मानित किया जा चुका है। अब तक के करियर में उन्हें श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान, आर्य गौरव सम्मान, जिला अपराध निरोधक सम्मान, प्रयागराज पहल अवार्ड, दो बार बेस्ट पेपर प्रजेन्ट अवार्ड, शिक्षक सम्मान, विनक्षणा समाज सारथी सम्मान, भानु साहित्य सम्मान समेत कई अन्य सम्मान प्रदान किए गए हैं।
परिवार
ज्योतिरानी जायसवाल के पिता स्व. श्री रामनाथ जायसवाल इंजीनियर थे जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी कारणों से कम आयु में जॉब छोड़नी पड़ी थी। माताजी श्रीमती लीलावती धार्मिक विचारों की घरेलू महिला हैं। ज्योतिरानी अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को देती हैं जिन्होंने अपने पांच बेटों और दो बेटियों को समान रूप से शिक्षित और संस्कारित किया। ज्योतिरानी अपने भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। घर में शिक्षा, संगीत और कला का माहौल था, जिसमें ज्योतिरानी जायसवाल की अभिरुचियों का विकास हुआ। वह अच्छा गाती थीं, छात्रजीवन में कविताएं लिखना भी शुरू कर दिया था।
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