शिवहरे वाणी नेटवर्क
भोपाल।
आनंदनगर निवासी कारोबारी और समाजसेवी तुलसीराम चौकसे और उनका परिवार बहुत दुखी ह्रदय से रविवार सुबह हैदराबाद से भोपाल लौट आया है। जिस बिटिया नेहा चौकसे पर उन्हें गर्व था, उस होनहार बिटिया की चिता देखकर उनका कलेजा फट गया। भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईल) की एकाउंट ऑफीसर नेहा चौकसे आखिर किन हालात में खुदकुशी करने को मजबूर हुई, सीनियर्स क्यों उसके पीछे पड़े थे, क्या नेहा की ईमानदारी सीनियर्स के वित्तीय हेरफेर के आड़े आ रही थी, क्या नेहा का उत्पीड़न उसकी हत्या की साजिश का हिस्सा था….क्या वो आत्महत्या नहीं हत्या थी….ऐसे तमाम सवाल उठ रहे हैं जिनका जवाब निष्पक्ष जांच के बाद सामने आ जाएगा।
परिजनों का कहना है कि 11 अक्टूबर को नेहा को जब सीनियर्स द्वारा अपना फोन टैप कराए जाने की जानकारी हुई, तो उसने उसी दिन इसकी शिकायत बीएचईएल हैदराबाद प्रशासन में दर्ज कराई थी और स्थानीय पुलिस में भी तहरीर दी। लेकिन इसे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया और कोई कार्रवाई नहीं हुई। हारकर मौत से तीन दिन पहले ही नेहा ने अपने ससुराल और मायकेवालों को अपनी व्यथा बताई। भ्रष्ट सिस्टम से लड़ना आसान नहीं होता, यह सोचकर सभी उसे नौकरी छोड़ देने की सलाह दी। खुद नेहा भी इसके लिए तैयार हो गई, उसने 17 अक्टूबर को करवा चौथ के बाद नौकरी छोड़ देने का मन बना लिया था। इसके लिए उसने 19 अक्टूबर को भोपाल जाने की तैयारी भी कर ली। लेकिन, ऐसा क्या हुआ कि ऐन करवा चौथ के दिन नेहा ने खुदकुशी कर ली।
नेहा के चचेरे भाई संजय चौकसे ने शिवहरे वाणी को बताया कि नेहा बहुत ईमानदारी से अपना काम करती थी और उसके एकाउंट ऑफीसर होने के चलते भ्रष्ट अधिकारी वित्तीय घोटाले करने में सफल नहीं हो पाते थे। इसलिए नेहा उनके आंख की किरकिरी बनी थी। हैदराबाद ट्रांसफर कराने से पहले भोपाल में भी अपनी पोस्टिंग के दौरान नेहा ने बड़ी ईमानदारी से काम को अंजाम दिया, इसीलिए भ्रष्ट सिस्टम में शामिल उसकी सहकर्मियों ने भी खुन्नस पाल रखी थी।
नेहा की मौत के बाद हैदराबाद पुलिस ने बीएचईएल हैदराबाद के डीजीएम आर्थर किशोर राय और अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। संजय चौकसे के मुताबिक, आरोपियों के हौसले इतने बुलंद है कि खुलेआम कह रहे हैं कि हमारा कुछ नहीं होगा, सिस्टम हमारा है, हमारा सपोर्ट करता है। ऐसे में संशय है कि भाषावाद औऱ क्षेत्रवाद की संकीर्णता कहीं नेहा की मौत की निष्पक्ष जांच में बाधा न बन जाए। और, शायद नेहा भी इसी संकीर्णता का शिकार हो गई।
पिता और परिवार ने अपनी ईमानदार बिटिया को न्याय दिलाने की जंग छेड़ दी है। हैदराबाद में वह पुलिस और प्रशासन के टॉप अधिकारियों से मिले। परिवार ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। इसके लिए यहां भोपाल मे परिवार के साथ कलचुरी समाज के लोग भी मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करने का विचार कर रहे हैं। परिजन केंद्रीय कैबिनेट मंत्री (भारी उद्योग मंत्री एवं सार्जनिक उपक्रम) अरविंदं सावंत से भी मिलने का समय मांगा है।
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BHEL हैदराबाद की एकाउंट ऑफिसर नेहा चौकसे ने इसलिए की खुदकुशी…दुखद वाकया
शिवहरे वाणी नेटवर्क
हैदराबाद/भोपाल।
सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख प्रतिष्ठान भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) की 33 वर्षीय एकाउंट ऑफिसर नेहा चौकसे ने अपने टॉप अधिकारी और सहकर्मियों के उत्पीड़न से तंग आकर खुदकुशी कर ली। भोपाल की रहने वाली नेहा ने इसी साल जून में अपना तबादला हैदराबाद कराया था, जहां उसके पति सुनील खंडेलवाल एक कंपनी में एचआर मैनेजर हैं।
भोपाल में आनंदनगर निवासी कारोबारी तुलसीराम चौकसे औऱ श्रीमती राजकुमारी चौकसे की होनहार पुत्री नेहा ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें उसने बीएचईएल हैदराबाद के डीजीएम फाइनेंस आर्थर किशोर कुमार सहित अन्य अधिकारियों के साथ ही बीएचईएल भोपाल में तैनाती के दौरान पांच महिला सहकर्मियों पर भी मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
नेहा की मौत की खबर से भोपाल में उसके घर में कोहराम मच गया। परिजन तत्काल हैदराबाद के लिए रवाना हो गए। पुलिस ने नेहा के शव का पोस्टमार्टम कराया है। नेहा के चाचा संजय कुमार चौकसे ने शिवहरे वाणी को बताया कि शनिवार को हैदराबाद मे ही नेहा का अंतिम संस्कार किया जाएगा। नेहा के पिता तुलसीराम चौकसे का कंस्ट्रक्शन का बिजनेस है। नेहा उनकी इकलौती पुत्री थी, उसके दो भाई हैं।
पुलिस का कहना है कि पति सुनील खंडेलवाल की तहरीर पर बीएचईएल के उपमहाप्रबंधक वित्त (डीजीएम फाइनेंस) आर्थर किशोर कुमार और छह अन्य बीएचईएल कर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत केस दर्ज कर लिया। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
नेहा की मौत कार्यस्थल पर महिलाओं के उत्पी़ड़न की बेहद दुखद परिणति का मामला है। यह राष्ट्रीय महिला आयोग और दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केंद्र की हालिया रिपोर्ट की तस्दीक भी करता है जिसमें दावा किया गया है कि देश में हर दसवीं महिला को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। यौन उत्पीड़न की शिकार ज्यादातर महिलाओं के कार्यस्थल पर आंतरिक शिकायत समिति नहीं है। नेहा भी चुपचाप उत्पीड़न झेल रही थी। वह बीएचईएल की आंतरिक शिकायत समिति में अपनी बात कहती भी तो कैसे, यूनिट टॉप अधिकारी ही उसका उत्पीड़न कर रहा था।
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को करवा चौथ के कारण नेहा चौकसे ड्यूटी पर नहीं गई थी। पति और ससुरालवाले भी घर पर ही थे। सुबह करीब साढ़े दस नेहा ने अपने बैडरूम का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और छत से रस्सी लटकाकर फांसी के फंदे से झूल गई। नेहा काफी देर तक बाहर नहीं निकली तो पति सुनील ने दरवाजा खटखटाया। कोई जवाब नहीं मिलने पर सुनील और उसके परिजनों दरवाजा तोड़ा..देखा कि नेहा फांसी के फंदे से लटकी है।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। कमरे से नेहा का एक पत्र मिला जिसमें उसने लिखा कि पति के साथ रहने के लिए उसने भोपाल बीचएईएल से हैदराबाद बीएचईएल में ट्रांसफर लिया था। हैदराबाद बीएचईएल में काम करने वाले डीजीएम फाइनेंस आर्थर किशोर कुमार ने उसे पिछले दो महीने में काफी प्रताड़ित किया। आर्थर ने नेहा का फोन भी हैक कर लिया। उसका फोन टैप किया जा रहा था। नेहा ने इस पत्र में आर्थर के अलावा मोहनलाल सोनी, तीरथभासी स्वेन, सीताराम पेंटाकोटा और महेश कुमार के नाम भी लिए हैं। ये लोग नेहा पर अश्लील फब्तियां कसते थे। नेहा के पत्र के मुताबिक, आर्थर ने उसे जान से मारने की साजिश रच ली थी।
इसी पत्र में नेहा ने यह भी आरोप लगाया कि भोपाल बीएचईएल के फाइनेंस डिपार्टमेंट में काम करने वाली नीलिमा, रूचिता, कल्पना, स्वाति और नेहा ने भी उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया था। हैदराबाद तबादला होने के बाद इन लोगों ने यहां भी बदनाम करने की कोशिश की। नेहा ने पत्र में लिखा है कि आर्थर ने उनके पति और परिवार के अन्य सदस्यों के फोन भी हैक कर लिए थे।
वहीं दूसरी तरफ बीएचईएल भोपाल के प्रबंधन का कहना है कि नेहा ने कभी भी यहां आंतरिक महिला कमेटी से लेकर जीएम एचआर तक किसी भी सहकर्मी या अधिकारी द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की कोई लिखित या मौखिक शिकायत नहीं की। वह बहुत व्यवहार कुशल थी।
नेहा चौकसे की शादी 10 दिसंबर, 2017 को सुनील खंडेलवाल से जयपुर में हुई थी। जयपुर के रहने वाले सुनील खंडेलवाल हैदराबाद में एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। बीएचईल भोपाल के जीएम एचआर ने बताया कि बीते दस जून को नेहा ने बीएचईएल हैदराबाद में तबादला लिया था, ताकि वह पति के साथ रह सके। लेकिन, यह फैसला उसके जीवन पर भारी पड़ गया।
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